Difference Between Volatile and Non-Volatile Memory in Hindi: कंप्यूटर में जब भी मेमोरी की बात आती है तो सभी प्रकार की मेमोरी को हम दो भागों में बांटते हैं Volatile और Non Volatile. पर क्या आप जानते हैं कि आखिर वोलेटाइल और नॉन वोलेटाइल मेमोरी में अंतर क्या होता है.हमें पता है अनेक सारे लोगों को इस बात की जानकारी नहीं रहती है जिस कारण वे हमेशा वोलेटाइल और नॉन वोलेटाइल मेमोरी में Confuse रहते हैं और इंटरनेट पर Volatile vs Non – Volatile मेमोरी के बारे में खोजते हैं.
अगर आप भी इन दोनों प्रकार की मेमोरी के बीच के अंतर को नहीं जानते हैं तो आप एकदम सही ब्लॉग पर आये हैं, इस लेख को पूरा पढने के बाद आपको वोलेटाइल और नॉन वोलेटाइल मेमोरी के बीच अंतर की पूरी जानकारी प्राप्त हो जायेगी, और आपके किसी दुसरे ब्लॉग पर Same Information के लिए नहीं जाना पड़ेगा.
तो चलिए दोस्तों हम शुरू करते हैं आज का यह लेख और सबसे पहले जानते हैं वोलेटाइल मेमोरी क्या है हिंदी में.
वोलेटाइल मेमोरी क्या है (What is Volatile Memory in Hindi)
Volatile का हिंदी मतलब परिवर्तनशील होता है. वोलेटाइल मेमोरी कंप्यूटर की ऐसी मेमोरी होती है, जिसमें स्टोर डेटा को बनाए रखने के लिए पॉवर या बिजली की जरुरत होती है. अगर कंप्यूटर को पॉवर सप्लाई मिलना बंद हो जाता है तो वोलेटाइल मेमोरी में स्टोर डाटा नष्ट हो जाता है.
वोलेटाइल मेमोरी का इस्तेमाल उस कंप्यूटर प्रोग्राम और डेटा को स्टोर करने के लिए किया जाता है जिसकी CPU को real time में जरुरत होती है. कंप्यूटर बंद हो जाने के बाद इसमें स्टोर डेटा मिट जाता है. वोलेटाइल मेमोरी को सेमीकंडक्टर पदार्थ से बनाया जाता है.
वोलेटाइल मेमोरी के उदाहरण RAM और Cache Memory हैं.
वोलेटाइल मेमोरी के फायदे (Advantage of Volatile Memory in Hindi)
- वोलेटाइल मेमोरी एक फ़ास्ट मेमोरी होती है.
- वोलेटाइल मेमोरी बहुत कम बिजली की खपत करते हैं.
- कंप्यूटर में प्रोग्राम या एप्लीकेशन को run करने के लिए वोलेटाइल मेमोरी काफी महत्वपूर्ण होती है.
- चूँकि वोलेटाइल मेमोरी में डेटा अस्थाई रूप से स्टोर रहता है इसलिए इसमें स्टोर डेटा हैकिंग, वायरस आदि से सुरक्षित रहता है.
वोलेटाइल मेमोरी के नुकसान (Disadvantage of Volatile Memory in Hindi)
- वोलेटाइल मेमोरी में डेटा को Permanent स्टोर नहीं किया जा सकता है.
- नॉन – वोलेटाइल मेमोरी की तुलना में वोलेटाइल मेमोरी की स्टोरेज क्षमता काफी कम होती है.
- वोलेटाइल मेमोरी की कीमत भी बहुत अधिक होती है.
- अचानक पॉवर सप्लाई बंद हो जाने पर वोलेटाइल मेमोरी में स्टोर डेटा मिट जाता है, इसलिए इसमें Data Loss होने का ख़तरा बना रहता है.
नॉन वोलेटाइल मेमोरी क्या है (What is Non Volatile Memory in Hindi)
Non – Volatile का हिंदी में मतलब अपरिवर्तनशील होता है. नॉन – वोलेटाइल मेमोरी कंप्यूटर की ऐसी मेमोरी होती है जिसमें डेटा को स्थाई तौर पर स्टोर किया जाता है. अगर कंप्यूटर को पॉवर सप्लाई मिलना बंद भी हो जाए तो नॉन – वोलेटाइल मेमोरी में स्टोर डेटा सुरक्षित रहता है.
नॉन वोलेटाइल मेमोरी का उपयोग कंप्यूटर में डेटा को सुरक्षित लम्बे समय तक स्टोर करने, डेटा बैकअप बनाने और डेटा को एक कंप्यूटर से दुसरे कंप्यूटर में ट्रान्सफर करने के लिए किया जाता है.
नॉन वोलेटाइल मेमोरी का उदाहरण हार्ड डिस्क, ROM, SSD और अन्य सभी एक्सटर्नल स्टोरेज डिवाइस हैं.
नॉन – वोलेटाइल मेमोरी के फायदे (Advantage of Non – Volatile Memory in Hindi)
- नॉन – वोलेटाइल मेमोरी में डेटा को लम्बे समय तक सुरक्षित रखा जाता है.
- डेटा का बैकअप बनाने, डेटा को दुसरे कंप्यूटर में ट्रान्सफर करने के लिए नॉन – वोलेटाइल मेमोरी का इस्तेमाल किया जाता है.
- पॉवर सप्लाई बंद हो जाने पर भी नॉन – वोलेटाइल मेमोरी में स्टोर डेटा सुरक्षित रहता है.
- नॉन – वोलेटाइल मेमोरी की स्टोरेज क्षमता बहुत अधिक होती है.
- नॉन वोलेटाइल मेमोरी वोलेटाइल मेमोरी की तुलना में सस्ती होती है.
नॉन – वोलेटाइल मेमोरी के नुकसान (Disadvantage of Non – Volatile Memory in Hindi)
- नॉन वोलेटाइल मेमोरी की स्पीड कम होती है.
- नॉन वोलेटाइल मेमोरी में डेटा स्थायी रूप से स्टोर रहता है, इसलिए इसमें वायरस का खतरा भी रहता है.
- अगर नॉन – वोलेटाइल मेमोरी Damage हो जाती है तो हमारा महत्वपूर्ण Data loss हो सकता है.
वोलेटाइल और नॉन वोलेटाइल मेमोरी में अंतर
वोलेटाइल और नॉन वोलेटाइल मेमोरी दोनों ही कंप्यूटर की मेमोरी होती हैं और दोनों की कार्यक्षमता, गुण और उपयोग एक दुसरे से भिन्न हैं. वोलेटाइल और नॉन वोलेटाइल मेमोरी के बीच अंतर को हमने नीचे सारणी के द्वारा आपको बताया है.
वोलेटाइल मेमोरी (Volatile Memory) | नॉन वोलेटाइल मेमोरी (Non Volatile Memory) |
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वोलेटाइल मेमोरी में पॉवर सप्लाई बंद हो जाने पर स्टोर डेटा मिट जाता है. | नॉन – वोलेटाइल मेमोरी में पॉवर सप्लाई बंद हो जाने के बाद भी स्टोर डेटा बना रहता है. |
वोलेटाइल मेमोरी में डेटा Temporary स्टोर रहता है. | नॉन – वोलेटाइल मेमोरी में डेटा Permanent स्टोर रहता है. |
नॉन – वोलेटाइल की तुलना में वोलेटाइल मेमोरी फ़ास्ट होती है. | नॉन वोलेटाइल मेमोरी वोलेटाइल मेमोरी की तुलना में Slow होती है. |
वोलेटाइल मेमोरी की स्टोरेज क्षमता कम होती है. | नॉन – वोलेटाइल मेमोरी की स्टोरेज क्षमता बहुत अधिक होती है. |
वोलेटाइल मेमोरी के केवल वह डेटा स्टोर रहता है जो वर्तमान समय में CPU में प्रोसेस किया जा रहा है. | नॉन – वोलेटाइल मेमोरी में किसी भी प्रकार का डेटा स्टोर हो सकता है. |
वोलेटाइल मेमोरी बहुत महंगी होती है. | नॉन वोलेटाइल मेमोरी वोलेटाइल मेमोरी की तुलना में सस्ती होती है. |
वोलेटाइल मेमोरी का Effect कंप्यूटर की performance पर पड़ता है. | नॉन – वोलेटाइल मेमोरी का Effect कंप्यूटर की स्टोरेज क्षमता पर पड़ता है. |
वोलेटाइल मेमोरी को आमतौर पर Memory Slot में लगाया जाता है. | नॉन – वोलेटाइल मेमोरी को सामान्यतः मदरबोर्ड पर लगाया जाता है. |
वोलेटाइल मेमोरी को Direct CPU के द्वारा access किया जाता है. | नॉन – वोलेटाइल मेमोरी को Direct CPU के द्वारा access नहीं किया जाता है. |
वोलेटाइल मेमोरी का उदाहरण RAM और Cache मेमोरी है. | नॉन – वोलेटाइल मेमोरी का उदहारण ROM और हार्ड डिस्क है. |
FAQ For Volatile vs Non – Volatile Memory in Hindi
वोलेटाइल मेमोरी कंप्यूटर की एक Temporary मेमोरी है जिसमें डेटा तब तक स्टोर रहता है, जब तक कंप्यूटर को पॉवर मिलते रहती है. कंप्यूटर के बाद हो जाने पर वोलेटाइल मेमोरी में स्टोर डेटा मिट जाता है.
नॉन – वोलेटाइल मेमोरी कंप्यूटर की Permanent मेमोरी होती है, इसमें स्टोर डेटा कंप्यूटर के बंद हो जाने के बाद भी नहीं मिटता है. ROM, हार्ड डिस्क, SSD आदि नॉन वोलेटाइल मेमोरी के उदाहरण हैं.
ROM एक नॉन – वोलेटाइल मेमोरी है क्योंकि इसमें डेटा पॉवर सप्लाई बंद हो जाने के बाद भी स्टोर रहता है. ROM में BIOS की सभी सेटिंग स्टोर रहती है.
Volatile का हिंदी मतलब परिवर्तनशील और Non – Volatile का हिंदी मतलब अपरिवर्तनशील होता है.
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आपने सीखा: वोलेटाइल और नॉन वोलेटाइल मेमोरी में अंतर
इस लेख में हमने आपको वोलेटाइल और नॉन वोलेटाइल मेमोरी में अंतर को बारीकी से समझाया तथा वोलेटाइल और नॉन – वोलेटाइल मेमोरी के फायदों और नुकसानों के बारे में भी आपको जानकारी दी है.
कंप्यूटर के लिए यह दोनों ही मेमोरी बहुत महत्वपूर्ण होती है, जहाँ वोलेटाइल मेमोरी में कंप्यूटर के वर्तमान प्रोग्राम और एप्लीकेशन run होते हैं वहीँ दूसरी ओर नॉन – वोलेटाइल मेमोरी में डेटा को लम्बे समय तक स्टोर किया जाता है.
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