Types Of Mutual Fund In Hindi – हेलो दोस्तों स्वागत है आपका आज के नए ब्लॉग पोस्ट में, जिसमें हम बात करेंगे म्यूच्यूअल फंड कितने प्रकार के होते हैं. आज की तारीख में हर एक व्यक्ति अपने पैसे ऐसी जगह निवेश करना चाहता है जहां उसके पैसे सुरक्षित हो और भविष्य में उसे मुनाफा भी अच्छा खासा प्राप्त हो इसलिए अधिकांश लोग म्युचुअल फंड में निवेश करना बहुत ज्यादा पसंद करते हैं.
म्यूच्यूअल फंड के अनेक सारे विज्ञापन आपको टीवी या अपने मोबाइल डिवाइस में देखने को मिलते होंगें. म्यूच्यूअल फंड क्या है के बारे में हम भी आपको अपने पिछले एक लेख में बता चुके हैं, इसलिए आज के इस Particular आर्टिकल में हम केवल म्यूच्यूअल फंड के प्रकारों के बारे में चर्चा करेंगें.
तो चलिए बिना किसी देरी के शुरू करते हैं आज का यह आर्टिकल – म्यूच्यूअल फण्ड क्या है हिंदी में.
म्यूच्यूअल फंड क्या है (Mutual Fund In Hindi)
म्यूच्यूअल फंड एक प्रकार की एक Assets Management Company होती है जो बहुत सारे लोगों से पैसे जमा करके उसे प्रोफेशनल तरीके से ऐसी जगह निवेश करती है जहां पर लोगों के पैसे सुरक्षित हो और उन्हें अच्छा मुनाफा भी मिले.
म्यूच्यूअल फंड में जो भी मुनाफा प्राप्त करता है कंपनी उसमें एक निश्चित प्रतिशत पैसे उन लोगों को वापस करती है जिन्होंने कंपनी को पैसे दिए थे और कुछ कंपनी अपना कमीशन रख लेती हैं. म्यूच्यूअल फंड में बहुत सारे एक्सपर्ट निवेशक रहते हैं वहीँ लोगों के पैसों को Invest करते हैं. इन एक्सपर्ट निवेशकों को फंड मैनेजर कहा जाता है.
वर्तमान समय में देश में कई म्यूच्यूअल फंड हाउस हैं. जैसे- SBI mutual fund, ICICI Prudential, Motilal Oswal इत्यादि.
म्यूच्यूअल फंड के प्रकार (Types of Mutual Fund in Hindi)
म्यूच्यूअल फंड अनेक प्रकार के होते हैं उन सब का विवरण हम आपको नीचे बिंदु अनुसार देंगे. सभी प्रकार के म्यूच्यूअल फंड को हम मुख्य रूप से भागों में बाँट सकते हैं, ये सभी इस प्रकार से हैं –
- Assets Class के अनुसार म्यूच्यूअल फंड
- Structure के अनुसार म्यूच्यूअल फंड
- Fund manage करने के अनुसार म्यूच्यूअल फंड
- अन्य प्रकार के म्यूच्यूअल फंड
चलिए अब इन सबके बारे में विस्तार से देखते हैं.
Assets Class के हिसाब से म्यूच्यूअल फंड के प्रकार
Assets Class के हिसाब से Mutual Fund तीन प्रकार के होते हैं –
- Equity mutual fund
- Debt mutual fund
- Hybrid mutual fund
#1 – इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड (Equity Mutual Fund)
इसके नाम से ही आपको मालूम चल गया होगा कि यहां पर जो भी पैसे कंपनी लोगों से उधार के तौर पर लेती है वह सारे पैसे को कंपनी share market में निवेश करती है और वहां से जो भी मुनाफा प्राप्त होता है उसका लाभांश वह अपने निवेशकों को प्रदान करती है.
इक्विटी म्यूचुअल फंड भी कई प्रकार के होते हैं, जो निम्न है.
1. लार्ज कैप फण्ड (Large Cap Fund)
Large Market Capital की कंपनियों में इनवेस्ट करने वाले फंड को Large Cap Fund कहते हैं. Large Market Capital उन कंपनियों को कहा जाता है जिनका Market Capital 1 लाख करोड़ से ज्यादा होता है. इनमें Reliance Industries, TCS, L&T जैसे कंपनियों के नाम सम्मिलित हैं.
2. मिड कैप फण्ड (Mid Cap Fund)
Mid Cap कंपनियों में इनवेस्ट करने वाले Mutual Fund को Mid Cap Fund कहते हैं. Mid Cap Fund में ऐसी कंपनियां आती है, जिनका मार्केट कैपिटल 5 हजार करोड़ से ज्यादा और 1 लाख करोड़ से कम होता है. इस प्रकार के म्यूच्यूअल फंड में है कोई जोखिम भी नहीं होता है और ना ही इसमें बहुत अधिक ग्रोथ होती है.
3. स्माल कैप फण्ड (Small Cap Fund)
जब म्यूच्यूअल फंड Small Cap Fund कंपनियों में निवेश किया जाता है तो उसे Small Cap Fund कहा जाता है. Small Cap के अंतर्गत ऐसी कंपनियां आती हैं जिनका मार्केट कैपिटल 5 हजार करोड़ होता है. इस प्रकार के कंपनियों में पैसा निवेश करना जोखिम भरा होता है लेकिन इसमें ग्रोथ की संभावना भी प्रबल होती है.
4. सेक्टर फण्ड (Sector Fund)
सेक्टर फंड का मतलब होता है कि जब कोई कंपनी आपके द्वारा कोई भी पैसा लेती है तो उसे विशेष प्रकार के सेक्टर की कंपनियों में ही निवेश करती है उसे सेक्टर फंड म्युचुअल फंड कहते हैं. ये फंड भी Risky होता है, क्योंकि इस फंड में आपका पैसा पूरे तरह से उस सेक्टर पर निर्भर करता है. अगर आपका फंड उस सेक्टर में लग गया, जो सेक्टर अच्छा perform नहीं कर रहा तो आपको नुकसान हो सकता है. जैसे- Reliance Media & Entertainment और Sun Frama कंपनियां.
5. डाईवेर्सीफाई इक्विटी फण्ड (Diversify Equity Fund)
इस प्रकार के म्यूच्यूअल फंड में fund house’s आपके पैसे को विभिन्न सेक्टर वाली और अलग-अलग मार्केट कैपिटल वाली कंपनियों में निवेश करती है इस प्रकार के फंड में पैसे निवेश करना आपके लिए जोखिम मुक्त होता है. क्योंकि निवेश के Diversify हो जाने से लाभ की संभावना भी बढ़ जाती है.
6. डिविडेंड यील्ड स्कीम (Dividend Yield Scheme)
Dividend Yield Scheme में कंपनियां अपने मुनाफे का कुछ भाग अपने शेयर होल्डर को देती है जिसे हम लोग लाभांश या Dividend कहते हैं. वैसे कंपनियां अपने मुनाफे का लाभांश अपने शेयर होल्डर को देगी ऐसा जरूरी नहीं है. शेयर होल्डर को लाभांश देना है या नहीं देना है इसका निर्णय उस कंपनी के बोर्ड ऑपरेटर के द्वारा लिया जाता है और यहां पर पैसे निवेश सुरक्षित होता है.
7. ELSS (Equity linked Saving Scheme)
अगर आप टैक्स बचाना चाहते हैं तो आप इस प्रकार के म्युचुअल फंड स्कीम में पैसे निवेश कर सकते हैं और इस स्कीम में आप 3 साल से कम समय के लिए इनवेस्टमेंट नहीं कर सकते हैं. ELSS में आपके पैसे 3 साल के लिए लॉक हो जाते हैं. इस स्कीम में आपको Section 80C के तहत 1.5 लाख तक के रिटर्न पर इनकम टैक्स से छूट मिलती है.
8. थीमेटिक फण्ड (Thematic Fund)
Thematic Fund को म्यूच्यूअल फंड कंपनियां themes में इनवेस्ट करती हैं. इस Mutual Fund के अंतर्गत सीमेंट कंपनी, पेंट कंपनी, कंस्ट्रशन कंपनियां आते हैं. जैसे HDFC housing opportunity fund एक Thematic Fund है, जो कि housing theme में इनवेस्टमेंट करती है.
#2 – डेब्ट म्यूच्यूअल फण्ड (Debt Mutual Fund)
जो Mutual Funds लोगों के पैसों को निश्चित आय वाले सम्पतियों जैसे Denture, Bond, Certificate of Deposit जैसी चीजों में निवेश करती है उन्हें Debt Instrument Fund या Debt Mutual Fund कहा जाता है.
Debt Instrument के जरिए गवर्नमेंट और कंपनियां पैसे उधार के तौर पर मार्केट से उठाती हैं और फिर एक निश्चित अवधि के बाद ब्याज के साथ पैसे उन लोगों को वापस कर देती है जिनसे उन्होंने पैसे लिए थे इसमें जोखिम कम होता है लेकिन यहां पर आपको जो पैसे रिटर्न के तौर पर मिलेंगे अपेक्षाकृत कम होंगे.
Debt Mutual Fund चार प्रकार की होती हैं उनका विवरण हम आपको नीचे बिंदु अनुसार देंगे आइए जाने –
1. गिल्ट फण्ड (Gilt Fund)
जो funds सिर्फ government securities में इनवेस्ट किये जाते हैं उन्हें Gilt Fund कहते हैं. Government securities को गवर्नमेंट के द्वारा जारी किया जाता है इसलिए इसमें किसी प्रकार का जोखिम नहीं होता है. इसकी सबसे बड़ी खासियत है कि अगर यहां पर नुकसान हो या फायदा आपको आपका रिटर्न जरूर देती है. इसलिए आप इस प्रकार के फंड में पैसे निवेश कर सकते हैं. Gilt Fund भी दो प्रकार के होते हैं long term gilt और short term gilt.
- Long Term Gilt – ऐसे फंड जिसमें लंबे समय के लिए सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश किया जाता है उसे long term gilt कहते हैं. इसमें आंतौर पर 5 साल से लेकर 30 साल तक के लिए निवेश किया जा सकता है.
- Short Term Gilt – ऐसे फंड जिसमें कम समय के लिए सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश किया जाता है उसे short term gilt कहते हैं. इसमें आमतौर पर 5 साल से कम समय के लिए निवेश किया जाता है.
2. जंक बांड स्कीम (Junk Bond Scheme)
Junk Bond Scheme में corporate bonds में इनवेस्टमेंट किया जाता है. इसमें जोखिम बहुत अधिक रहता है लेकिन मुनाफा भी बहुत ज्यादा आपको यहां से प्राप्त होगा.
3. फिक्स्ड मचुरिटी प्लान्स (Fixed Maturity Plans)
ये बिल्कुल बैंक की तरह ही होते हैं और Fixed Deposit की तरह ही न्यूनतम जोखिम वाले होते हैं. इनके मैच्योरिटी की एक निश्चित अवधि होती है जैसे 3 साल, 5 साल, 7 साल इत्यादि. ये plans ज्यादातर certificate of deposit, commercial papers, corporate bonds etc. में इनवेस्ट करते हैं और इसका रिटर्न आपको वैसे ही प्राप्त होगा आप जैसे बैंक FD मैं पैसे निवेश करने पर मिलता है.
4. लिक्विड स्कीम (Liquid Scheme)
Liquid Scheme के अंतर्गत कंपनी पैसे Money Market Instrument में इनवेस्ट करती है. Money Market Instrument में ऐसे वित्तीय प्रपत्र आते हैं जिसके द्वारा कंपनी short में पैसे निवेश कर सके इसके लिए वह निवेशकों से पैसे उधार के तौर पर लेती है. Liquid fund बहुत ही अल्पकालीन समय के लिए के म्यूच्यूअल फंड में निवेश करते हैं. जैसे- commercial paper, certificate of deposits, treasury bills, term deposits.
Liquid fund बचत खाता से ज्यादा रिटर्न देती हैं और यहां पर पैसे निवेश करना बहुत ही कम जोखिम भरा कार्य है. इस फंड की सबसे बड़ी विशेषता है कि अगर आपको पैसे की जरूरत है तो आप यहां पर अपने पैसे समय से पहले निकाल भी सकते हैं.
#3 – हाइब्रिड फण्ड (Hybrid Fund)
ऐसे फंड जिसमें म्यूच्यूअल फंड लोगों के पैसों को Equity तथा Debt दोनों में इन्वेस्ट करती है उसे Hybrid Fund कहा जाता है. Hybrid Fund तीन प्रकार के होते हैं- उन सभी के बारे में हम नीचे आपको विस्तार पूर्वक जानकारी देंगें –
1. Monthly Income Plan Fund
इस fund में ज्यादातर यानि 60 से 90% निवेश debt instrument में किया जाता और बाकी का पैसा इक्विटी में निवेश किया जाता है. जैसा कि मैंने आपको बताया कि इसका अधिकांश पैसा ऋण उपकरणों (Debt Instrument) जैसी चीजों में निवेश किया जाता है इसलिए यहां पर पैसे काफी सुरक्षित होते हैं.
हालांकि पैसे आपके पूरे सुरक्षित है इसे कहना पूरी तरह से गलत होगा क्योंकि इसका कुछ अंश इक्विटी शेयर यानी शेयर बाजार में भी निवेश किया जाता है इसलिए इसमें थोड़ा जोखिम भी आपको यहां पर उठाना पड़ सकता है. लेकिन ओवरऑल यहां पैसे निवेश करना आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है.
2. बैलेंस फण्ड (Balanced Fund)
Balanced Fund में निवेशकों के पैसे संतुलित तरीके से Debt और Equity में इन्वेस्ट किया जाता है. आप सोच रहे होंगे कि बैलेंस फंड एक प्रकार का संतुलित म्यूच्यूअल फंड है और यहां पर पैसे निवेश करना आपके लिए जोखिम भरा नहीं है तो आप गलत सोच रहे हैं.
क्योंकि इसमें अधिकांश पैसे इक्विटी में निवेश किये जाते हैं, इक्विटी मतलब कि शेयर बाजार और शेयर बाजार में जिस प्रकार मुनाफा अधिक होता है तो नुकसान भी आपको अधिक उठाना पड़ सकता है.
3. आर्बिट्राज फण्ड (Arbitrage Fund)
Arbitrage Funds के जरिए लोगों के पैसे बदलने वाले मार्केट में इनवेस्टमेंट किया जाता है. इसमें अधिकांश पैसे शेयर बाजार में निवेश किये जाते हैं और शेयर बाजार में अगर आप पैसे निवेश करें हैं तो जोखिम भी रहता है. इसमें रिटर्न कम और ज्यादा होते रहता है.
Structure के हिसाब से म्यूच्यूअल फंड के प्रकार
Structure के हिसाब से मुख्य रुप से दो प्रकार के होते हैं-
- Open Ended Fund
- Closed Ended Fund
1. ओपन एंडेड फण्ड (Open ended fund)
जितने भी म्यूच्यूअल फंड स्कीम होते हैं वह सारे open ended होते हैं. आप इस फंड को कभी भी बेच या खरीद सकते हैं और इस फंड के अंतर्गत आप जितने चाहे उतने यूनिट issues कर सकते हैं.
2. क्लोज एंडेड फण्ड (Close Ended Fund)
बहुत कम है म्यूचुअल फंड close ended fund होते हैं. इसकी प्रमुख वजह है कि इसमें जितने भी यूनिट होते हैं सब की एक निश्चित अवधि होती है और आप किसी को भी जब चाहे वैसे खरीद नहीं सकते हैं. इसे बेचने और खरीदने के लिए कंपनी को NFO-New Fund ऑफर लॉन्च करना पड़ता है इसे बेचा या खरीदा जा सकता है.
इसके अलावा अगर आप इस फंड को बेचना चाहते हैं तो आपको इंतजार करना होगा कि आपके फंड की मैच्योरिटी कब पूरी हो रही है तभी आप इसे sell कर पाएंगे. ऐसे तो इस प्रकार के फंड शेयर बाजार में लिस्ट होती हैं लेकिन समस्या यह है कि इस प्रकार के फंड को बेचने और खरीदने वाले लोग बहुत ही मुश्किल से आपको मिलेंगे.
Fund Manage के अनुसार म्युचुअल फंड के प्रकार
Fund manage करने के हिसाब से Mutual Fund दो प्रकार के होते हैं-
- Actively Managed Fund
- Passively Managed Fund
1. एक्टिवली मैनेज्ड फण्ड (Actively Managed Fund)
इस प्रकार के फंड में इन्वेस्टमेंट से जुड़ी हुई सभी प्रकार की चीजों का निर्णय फंड मैनेजर लेता है और फंड मैनेजर इस प्रकार के म्यूचुअल फंड में एक्टिव मैनेजर के तौर पर काम करता है. उसके प्रमुख काम है कि किन स्टॉक में निवेश करना है कैसे फंड में पैसे लगाने हैं उसके अलावा अधिक से अधिक मुनाफा कैसे हो इत्यादि सबसे अहम बात है कि फंड से जुड़े हुए सभी महत्वपूर्ण फैसले फंड मैनेजर ही करता है.
2. पैसिवली मैनेज्ड फण्ड (Passively Managed Fund)
इस फंड में इनवेस्टमेंट Fund Manager के जरिए मैनेज नहीं किया जाता है. इसमें सेंसेक्स और निफ्टी में निवेश किया जाता है और आपको रिटर्न कितना प्राप्त होगा यह कुल मिलाकर सेंसेक्स और निफ्टी पर भी निर्भर करता है.
अन्य प्रकार के म्यूच्यूअल फंड
इन सब के अलावा दूसरे प्रकार के अन्य म्यूच्यूअल फंड भी होते हैं, जो कि इस प्रकार से हैं –
- International Fund
- Real Estate Fund
- Gold Fund
- Exchange Trader Fund
1. इंटरनेशनल फण्ड (International Fund)
इंटरनेशनल फण्ड के म्यूच्यूअल फंड में पैसे विदेशी कंपनियों में निवेश किए जाते हैं जिससे मुनाफा भी अधिक मात्रा में प्राप्त होता है.
2. रियल एस्टेट फण्ड (Real estate Fund)
इस फंड में इनवेस्टमेंट real estate से जुड़ी कंपनियों में होता है, इसमें रिटर्न बहुत ज्यादा उतार और चढ़ाव वाले होते रहते हैं.
3. गोल्ड फण्ड (Gold Fund)
इस प्रकार के फंड में पैसे सोने में निवेश किया जाता है, और जैसा की आप जानते हैं कि सोने के भाव में हमेशा उतार-चढ़ाव बना रहता है इसलिए यहां पर रिटर्न कितना मिलेगा यह कुल मिलाकर बाजार पर निर्भर करता है.
4. एक्सचेंज ट्रेडर फण्ड (Exchange Trader Fund)
इस इनवेस्टमेंट में फंड स्टॉक मार्केट में स्टॉक की तरह ही ट्रेड करता है.
भारत के प्रमुख म्यूचल फंड कंपनियां कौन-कौन सी हैं
भारत की कुछ प्रमुख म्यूच्यूअल फंड कंपनियां और उनके फण्ड निम्नलिखित हैं –
- ICICI prudential mutual fund
- HDFC Mutual fund
- Motilal Oswal
- Reliance mutual funds
- Aditya Birla sun life mutual fund
- SBI Mutual fund
- UTI Mutual fund
- Kotak Mahindra Fund
- Franklin Templeton Mutual Fund इत्यादि
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निष्कर्ष: Types of Mutual Fund In Hindi
अज के इस ब्लॉग पोस्ट में हमने आपको म्यूच्यूअल फंड के प्रकार के बारे में कम्पलीट जानकारी प्रदान की है. हमने पूरी कोशिस की है कि इस ब्लॉग पोस्ट में आपको सभी प्रकार के म्यूच्यूअल फंड के बारे में बता सकें, लेकिन फिर भी किसी प्रकार का म्यूच्यूअल फंड रह गया हो तो आप हमें कमेंट बॉक्स में बतायें, हम आपके सुझाव पर जरुर अमल करेंगें.
तो दोस्तों इस लेख में इतना ही, हमें पूरी उम्मीद है कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा. आप इस आर्टिकल को अधिक से अधिक शेयर करें और म्यूच्यूअल फंड की सही जानकारी औरों तक भी पहुंचायें.
bahut accha lekh likha hai bhai apane. padhakar maja aa gaya.
Types Of Mutual Funds ko vistar se bata hai apane.