Touch Screen Kya Hai In Hindi – Computer की बहुत सारी इनपुट डिवाइस से आप लोग भली – भांति परिचित होंगे. अधिकतर इनपुट डिवाइस के बारे में हम अपने Hindi Blog – Techshole में आपको पहले ही बता चुके हैं. तो चलिए जानते है – What is Touch Screen in Hindi.
आज के इस लेख में हम आपको कंप्यूटर की महत्वपूर्ण इनपुट डिवाइस में से एक Touch Screen के बारे में बताने वाले हैं. टच स्क्रीन आज के समय में बहुत अधिक इस्तेमाल की जाती है और यह एक लोकप्रिय डिवाइस भी है. जिसका इस्तेमाल अधिकतर लोग कर रहे हैं.
इसलिए यह जानना भी आवश्यक है कि टच स्क्रीन क्या है, क्योकि जिस डिवाइस को हम इस्तेमाल कर रहे हैं उसके बारे में जानकारी होनी भी जरुरी है.
इस लेख में हम आपको What is Touch Screen in Hindi, Touch Screen का इतिहास, इसकी कार्यप्रणाली, उपयोग, Touch Screen के प्रकार तथा फायदे और नुकसानों के बारे में बताएँगे जिससे आपको टच स्क्रीन के बारे में अच्छी जानकारी हो जाएगी. चलिए बिना देरी के शुरू करते हैं इस लेख को और जानते हैं टच स्क्रीन क्या होता है –
टच स्क्रीन क्या है (What is Touch Screen in Hindi)
टच स्क्रीन कंप्यूटर की एक इनपुट डिवाइस होती है, जिसे उँगलियों या किसी अन्य उपकरण के द्वारा टच करके नियंत्रित किया जा सकता है.
Touch Screen एक Touch Display होती है, जिसमें Screen पर दिख रहे icon को उँगलियों के द्वारा टच करके Select, Open और Use किया जाता है.
जिस प्रकार हम Keyboard, Keypad या Mouse के द्वारा कंप्यूटर को निर्देश देते हैं उसी प्रकार से Touch Screen भी काम करते हैं.
आज के समय में Touch Screen बहुत अधिक मात्रा में इस्तेमाल किये जाते हैं. मोबाइल, टेबलेट टच स्क्रीन का उपयोग हम दैनिक जीवन में करते हैं. इसके अलावा बैंक, ATM, मॉल आदि में भी टच स्क्रीन का अधिक इस्तेमाल होता है.
टच स्क्रीन का अविष्कार किसने किया (Inventor of Touch Screen in Hindi)
Doctor Gorge Samual Hurst ने 1975 में पहला प्रतिरोधी टच स्क्रीन का अविष्कार किया. Hurst एक अमेरिकी खोजकर्ता थे.
टच स्क्रीन का इतिहास (History of Touch Screen in Hindi)
टच स्क्रीन का आईडिया सबसे पहले ब्रिटेन के मालवर्म में Royal Radar Establishment में कार्यरत EA Jhonson का था. EA Jhonson ने आधुनिक smartphone में लगने वाले Capacitive Touch Screen (संधारित्र टच स्क्रीन) का वर्णन किया था.
1970 की शुरुवात में टच स्क्रीन का एक और नया डिज़ाइन प्रतिरोधी टच स्क्रीन था. जो कि Doctor Gorge Samual Hurst ने केंटुकी विश्वविध्यालय में परमाणु भौतिकी का अध्धयन करते समय बनाया था.
उस समय इसका नाम एलोग्रफिक्स रखा गया था. हालाँकि उस समय विश्वविध्यालय को लगा था कि यह तकनीकी केवल प्रयोगशाला में ही लागू होती है. लेकिन Hurst के पास अलग आईडिया थे.
1975 में Hurts ने अपनी कंपनी एलोग्रफिक्स (Elographics) के साथ मिलकर दुनिया की सबसे पहली प्रतिरोधी टच स्क्रीन (Resistive Touch Screen) तैयार की.
हालाँकि इस टच स्क्रीन को 1982 तक न ही दुनिया के सामने लाया गया और न ही इसका इस्तेमाल किया गया गया.
1982 से पहले तक अन्य कई सारे टच स्क्रीन बनाये गए थे पर ये सभी दवाब संवेदनशील नहीं थे मतलब कि Human के द्वारा control नहीं होते थे.
टच स्क्रीन में बहुत सारे सुधारों के बाद अनन्तः 1982 में पहला मानव नियंत्रित मल्टी टच डिवाइस टोरंटो विश्वविद्यालय में निमिश मेहता के द्वारा अविष्कार किया गया.
इस Device में कैमरे के सामने एक Frosted Glass Pannel था जिसने स्क्रीन पर दिखने वाले Black Spot को पहचानकर action का पता लगाया.
तो दोस्तों इस प्रकार से था टच स्क्रीन का पूरा इतिहास और आधुनिक टच स्क्रीन बहुत Advance हैं. अब आगे जानेंगे कि टच स्क्रीन कितने प्रकार के होते हैं.
टच स्क्रीन के प्रकार समझाइए (Type of Touch Screen in Hindi)
टच स्क्रीन मुख्य रूप से चार प्रकार के होते हैं –
- प्रतिरोधी टच स्क्रीन (Resistive Touch Screen)
- संधारित्र टच स्क्रीन (Capacitive Touch Screen)
- अवरक्त टच स्क्रीन (Infrared Touch Screen)
- सतह लहर टच स्क्रीन (Surface Wave Touch Screen)
अब टच स्क्रीन के प्रकारों के बारे में एक – एक कर समझिए –
1 – प्रतिरोधी टच स्क्रीन (Resistive Touch Screen In Hindi)
प्रतिरोधी टच स्क्रीन एक Transparent Keyboard की तरह होती है. इस प्रकार के टच स्क्रीन में एक Flexible Upper Layer होती है जो कि Conducting Polyster Plastic की बनी होती है.
और एक Rigid Lower Layer होती है जो कि Conducting Glass की बनी होती है. इन दोनों के बीच में खाली स्थान होता है.
जब इस टच स्क्रीन को Press किया जाता है तो यह एक Voltage Pass करता है और जिस जगह टच किया जाता है उस जगह पहुंचकर टच को Process करता है
Resistive Touch Screen अन्य टच स्क्रीन की तुलना में Affordable होते हैं. इस प्रकार के Touch Screen की Clearity 75 प्रतिशत होती है और ये धुल, पानी आदि बाहरी तत्वों से ख़राब नहीं होते हैं.
आधुनिक समय में इस प्रकार के Touch Screen बहुत अधिक इस्तेमाल किये जाते हैं. Super Market में Electric Signature के लिए Resistive टच स्क्रीन इस्तेमाल किये जाते हैं.
2 – संधारित्र टच स्क्रीन (Capacitive Touch Screen In Hindi)
Capacitive Touch Screen एक Control Display होती है जो Human Fingure के स्पर्श के द्वारा Input लेती है. क्योकि इस प्रकार की टच स्क्रीन मानव शरीर के Electricity को महसूस करती है.
इस प्रकार के टच स्क्रीन अन्दर से Conductive matter की बनी होती है और बाहर से Glass की. जब हम अपने उँगलियों के द्वारा टच करते हैं तो हमारे शरीर से जो Electricity Generate होती है उसी के द्वारा ये टच स्क्रीन काम करते हैं.
यदि हाथ में दस्ताने पहनकर इस प्रकार के टच स्क्रीन का इस्तेमाल करते हैं तो यह काम नहीं करता है क्योकि दस्ताने विद्युत के प्रति उदासीन होते हैं.
Resistive की तुलना में Capacitive Touch ScreenHigh Clearity देते हैं और हल्के संपर्क से ही अधिक सटीकता के साथ काम करते हैं. Capacitive Touch Screen स्मार्टफोन, टेबलेट में इस्तेमाल किये जाते हैं.
3 – अवरक्त टच स्क्रीन (Infrared Touch Screen In Hindi)
अवरक्त टच स्क्रीन में Grid Pattern of LEDs और Light Dedector Photoshell का इस्तेमाल किया जाता है. LEDs से Infrared Light निकलती है जो Screen के सामने से निकलती है.
जब स्क्रीन को टच किया जाता है तो beam के रस्ते में रुकावट आती है. स्क्रीन के अन्दर एक माइक्रोचिप लगी होती है जो कि उन beam की संख्या को Calculate करती है और जहाँ पर beam में रुकावट होती है उसे Process करने के लिए controller को निर्देश भेजती है.
4 – सतह लहर टच स्क्रीन (Surface Wave Touch Screen In Hindi)
सतह लहर टच स्क्रीन (Surface Wave Touch Screen) में Ultrasonic wave को Touch Screen के ऊपर से गुजारा जाता है और जब स्क्रीन पर टच किया जाता है तो स्क्रीन के एक छोटे से स्थान पर wave में बदलाव होता है.
Ultrasonic wave में इसीबदलाव के कारण वह टच किये गए location का पता करके controller को Processing के लिए निर्देश भेज देती है. अन्य टच स्क्रीन की तुलना में यह बहुत Advance हैं.
टच स्क्रीन कैसे काम करता है (How Does Touch Screen Work In Hindi)
टच स्क्रीन के नीचे एक Electricity Conductive Layer होती है. जब Display को Touch किया जाता है तो नीचे Electric Current में बदलाव आ जाता है , जिससे पता चलता है कि टच किसी जगह पर किया गया है.
टच स्क्रीन के काम करने में तीन घटक महत्वपूर्ण होते हैं –
- टच सेंसर (Touch Sensor)
- नियंत्रक (Controller)
- सॉफ्टवेयर ड्राइवर (Software Driver)
टच सेंसर (Touch Sensor)
सेंसर में Electricity प्रवाहित होती है, जब स्क्रीन को टच किया जाता है तो Electricity में हलचल होती है जिसके कारण यह पता चलता है कि टच किस location पर किया गया है.
नियंत्रक (Controller)
नियंत्रक टच सेंसर और कंप्यूटर के बीच में लगा रहता है यह सेंसर से Information लेता है और कंप्यूटर को समझाने के लिए इसका Translate करता है.
सॉफ्टवेयर ड्राइवर (Software Driver)
सॉफ्टवेयर ड्राइवर की मदद से ही कंप्यूटर और टच स्क्रीन एक साथ काम कर पाते हैं. यह नियंत्रक द्वारा भेजे गए touch event की जानकारी को Operating System से Interact कराता है.
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टच स्क्रीन के उपयोग (Uses of Touch Screen in Hindi)
अलग – अलग क्षेत्रों में टच स्क्रीन को अलग – अलग कामों के लिए उपयोग में लाया जाता है –
- मॉल, गैस स्टेशन, रेस्टोरेंट आदि में आर्डर और Bill भरने की सुविधा के लिए टच स्क्रीन का इस्तेमाल होता है.
- ऑफिस में भी टच स्क्रीन का इस्तेमाल बखूबी किया जाता है ID स्वाइप, Thumbprint Input आदि के लिए टच स्क्रीन का इस्तेमाल किया जाता है.
- बड़े सेमिनारों में भी टच स्क्रीन का इस्तेमाल किया जाता है.
- ATM से पैसे निकालने से लेकर किसी भी प्रकार के बिल को भरने के लिए भी टच स्क्रीन का इस्तेमाल किया जाता है.
टच स्क्रीन के फायदे (Advantage of Touch Screen In Hindi)
टच स्क्रीन के बहुत सारे फायदे होते हैं जिनमें से कुछ निम्न प्रकार से हैं –
- टच स्क्रीन में बिना किसी बटन के भी आसानी से काम किया जा सकता है.
- टच स्क्रीन वाले डिवाइस में स्क्रीन बड़ी रहती है जिससे यूजर किसी काम को सटीकता से कर पाते हैं.
- इनका Interface अन्य डिवाइस की तुलना में अधिक User Friendly होता है.
- Touch Screen को चलाने के लिए किसी बाहरी उपकरण की जरूरत नहीं होती है, इसे उँगलियों से भी चलाया जा सकता है.
- Touch Screen को आसानी से साफ़ किया जा सकता है.
टच स्क्रीन के नुकसान (Disadvantage of Touch Screen in Hindi)
टच स्क्रीन के एक ओर बहुत सारे फायदे हैं वही दूसरी ओर इसके कुछ नुकसान भी हैं –
- टच स्कीन की Battry Life बहुत कम होती है क्योकि इन्हें अधिक Computing Power की जरुरत होती है.
- Direcct Sunlight में टच स्क्रीन का इस्तेमाल आसानी से नहीं कर सकते हैं क्योकि Sunlight में इसमें चीजें आसानी से दिखाई नहीं देती है.
- टच स्क्रीन डिवाइस को अच्छे से नहीं रखा जाये तो इनके टूटने की संभावना रहती है.
- चूँकि अधिकांश टच स्क्रीन फिंगर टच या अन्य उपकरणों के द्वारा संचालित किये जाते हैं, इसलिए कुछ समय बाद इनकी स्क्रीन पर क्षति पहुचने की संभावना रहती है. और जब एक बार यह क्षतिग्रस्त हो जाते हैं तो फिर टच स्क्रीन की कार्य क्षमता में कमी आ जाती है.
- टच स्क्क्रीन ख़राब होने पर आसानी से ठीक नहीं होते हैं.
- Normal Screen की तुलना में टच स्क्रीन थोड़े महंगे होते हैं.
आपकी जानकारी के लिए बता देते है की Touch Screen के अलावा और भी Input Device है जैसे – कीबोर्ड, माउस, स्कैनर, जॉयस्टिक, लाइट पेन, टच स्क्रीन आदि.
FAQ For Touch Screen in Hindi
टच स्क्रीन एक इनपुट डिवाइस है.
टच इनपुट को पहचानने वाली स्क्रीन को टच स्क्रीन कहते हैं.
टच स्क्रीन का अविष्कार सबसे पहले 1975 में Doctor Gorge Samual Hurst ने किया था जो कि एक प्रतिरोधी टच स्क्रीन था.
टच स्क्रीन मुख्य रूप से चार प्रकार के होते हैं – प्रतिरोधी टच स्क्रीन (Resistive Touch Screen), संधारित्र टच स्क्रीन (Capacitive Touch Screen), अवरक्त टच स्क्रीन (Infrared Touch Screen), सतह लहर टच स्क्रीन (Surface Wave Touch Screen).
मोबाइल में संधारित्र टच स्क्रीन का इस्तेमाल होता है.
निष्कर्ष – टच स्क्रीन क्या है हिंदी में
इस लेख में हमने आपको Touch Screen Kya Hai In Hindi की पूरी जानकारी हिंदी के आसान शब्दों में दी है जो आपके लिए जरुर उपयोगी साबित हुई होगी.
इस लेख What is Touch Screen in Hindi को पढने पर आप समझ गए होंगे कि टच स्क्रीन आज के समय में कितना महत्वपूर्ण है और टच स्क्रीन ने मानव जीवन को कितना आसान बना दिया है.
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What is Touch Screen || टच स्क्रीन क्या है ? || कैसे कम करता है
Touch Screen se sambandhit aapne is post me jo bhi jankari diya hai wo bahut hi useful hai aasha krta hu aap aise hi post share karte rahe jisse padhkar naye tips ke baare me pta chale thanks for sharing.