शेयर क्या है और शेयर कितने प्रकार के होते हैं (What Is Share In Hindi)

Share Kya Hai In Hindi: शेयर मार्केट के बारे में तो आपने सुना ही होगा. आज एक इस लेख में हम शेयर बाजार की सबसे छोटी इकाई शेयर के बारे में आपको बताने वाले हैं. इस लेख में हम आपको शेयर से जुडी अनेक सारी बेसिक जानकारी देने वाले हैं.

आज के इस लेख में आपको जानने को मिलेगा की Share क्या है, शेयर कितने प्रकार के होते हैं, शेयर क्यों जारी किये जाते हैं, शेयर कैसे बनते हैं, शेयर कैसे खरीदें और शेयर खरीदने के फायदे नुकसान क्या हैं.

जब भी आप शेयर मार्केट सीखना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको शेयर के बारे में ही बताया जाता है, तो चलिए बिना देरी के शुरू करते हैं इस लेख को और समझते हैं शेयर क्या होता है हिंदी में. 

शेयर क्या होता है (What is Share in Hindi)

शेयर का मतलब होता है हिस्सा या अंश, जब कोई निवेशक किसी कम्पनी के शेयर खरीदता है तो वह  उस कंपनी का आंशिक हिस्सेदार बन जाता है. शेयर इस बात का सबूत होता है जो सिद्ध करता है कि जिस व्यक्ति के पास शेयर है वह शेयर रखने के कारण कम्पनी के कुछ प्रतिशत का मालिकाना हक रखता है.

निवेशक शेयर बाजार में सूचीबद्ध कंपनी के शेयर को खरीद सकता है, और शेयर के दाम बढ़ने पर शेयर को बेचकर मुनाफा कमा सकता है. शेयर कम्पनी की पूंजी का सबसे छोटा हिस्सा होता है.

शेयर को इस प्रकार से परिभाषित कर सकते हैं “किसी कंपनी की कुल पूंजी को कई सामान हिस्सों में बाँट देने पर जो पूंजी का सबसे छोटा हिस्सा बनता है उसे शेयर कहते हैं”.

शेयर क्यों जारी किये जाते हैं 

किसी भी कंपनी को अपने व्यवसाय में विस्तार करने के लिए पैसों की या फण्ड की जरुरत होती है. लेकिन 99 प्रतिशत कंपनियों के पास फण्ड नहीं होता जिसे की वह अपने व्यवसाय में निवेश कर सके. इसी फण्ड को जुटाने के लिए कंपनी शेयर आम जनता के लिए जारी करती है. कोई निवेशक किसी कंपनी के जितने प्रतिशत शेयर खरीदता है उतनी प्रतिशत की हिस्सेदारी उसे कंपनी में मिल जाती है.

शेयर को निकालने से एक ओर जहाँ कंपनी अपने लिए फण्ड जुटाती है वहीं निवेशक को शेयर खरीदने पर कंपनी में कुछ प्रतिशत की हिस्सेदारी मिल जाती है. इसमें कंपनी और शेयर दोनों को लाभ मिलता है.

जब कोई कंपनी पहली बार अपने शेयर जारी करती है तो उसे IPO (Initial Public offering) कहते हैं. IPO लाने के बाद कंपनी के शेयर स्टॉक बाजार में लिस्ट हो जाते हैं फिर निवेशक सेकेंडरी मार्केट से शेयरों की खरीद – बिक्री करते हैं.

शेयर कैसे बनते हैं

कंपनी का मालिक अपनी कंपनी में निवेश बढाने के लिए कंपनी के कुछ प्रतिशत हिस्से को सार्वजनिक कर देता है. IPO लाने के लिए कंपनी को SEBI के दिशा – निर्देशों का पालन करना होता है. किसी भी शेयर के मुख्य स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट होने के लिए शर्तों को पूरा करते है. कंपनी खुद को BSE (Bombay Stock Exchange) या NSE (National Stock Exchange) में सूचीबद्ध करके शेयर को आम जनता के लिए जारी कर देती है. इसके बाद आम जनता कम्पनी के शेयर को खरीद लेती है और Share Exchange करके मुनाफा कमाती है.

शेयर के प्रकार (Types of Share in Hindi)

शेयर मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं –

  1. Equity Share (इक्विटी शेयर)
  2. Preference  Share (परेफरेंस शेयर)
  3. DVR Share(डी वी आर शेयर)

#1 – Equity Share क्या है

Equity Share को Ordinary share (साधारण शेयर) भी कहा जाता है. शेयर मार्केट में सूचीबद्ध अधिकांश कंपनियां Equity Share issue करती है. अन्य शेयरों की तुलना में Equity Share में अधिक ट्रेड किया जाता है क्योंकि लगभग सभी कंपनियां आम जनता के लिए Equity Share जारी करती हैं.

ऐसे शेयरों में निवेशकों को कंपनी की मीटिंग में वोट देने, लाभ साझा करने का अधिकार होता है. इक्विटी शेयर धारकों को प्रेफरेंस शेयर धारकों को लाभांश देने के बाद लाभ का भुगतान किया जाता है. कंपनी के दिवालिया हो जाने की स्थिति में इक्विटी शेयर धारकों के पास clam करने का कोई अधिकार नहीं होता है.

#2 – Preference  Share क्या है

जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है Preference Share Holder को Equity Share Holder की अपेक्षा अधिक प्राथमिकता दी जाती है. हालांकि इस प्रकार के शेयर धारकों के पास कंपनी मीटिंग में वोटिंग का अधिकार प्राप्त नहीं होता है.

Preference Share Holder को लाभांश देने में प्राथमिकता दी जाती है, लाभांश पहले Preference Share Holder को वितरित किया जाता है फिर अन्य शेयर होल्डर को. लेकिन इन शेयरों पर लाभांश की दर निश्चित होती है.

कंपनी के बंद होने की स्थिति में भी सबसे पहले Preference  Share Holder को भुगतान किया जाता है. Preference Share की कीमत Equity Share की मौजूदा कीमत से कम होती है.

#3 – DVR Share क्या है

DVR Share का पूरा नाम Differential Voting Rights होता है. DVR शेयर धारकों के पास इक्विटी शेयर धारकों की तुलना में कम वोटिंग अधिकार होते हैं. इस प्रकार के शेयर धारकों के वोटिंग अधिकार को कम करने के लिए कंपनी अतिरिक्त लाभांश देती है. DVR शेयर की कीमत Equity Share की तुलना में कम होती है.

शेयर कैसे खरीदते हैं

शेयर को खरीदने के लिए आपको एक platform की जरुरत होती है और वह platform प्रदान करवाते हैं ब्रोकर. आप सीधे तौर पर शेयर मार्केट से शेयर नहीं खरीद सकते हैं . शेयर खरीदने के लिए आपको एक Medium की जरुरत होती है. स्टॉक ब्रोकर BSE या NSE के member होते हैं.

आपको ब्रोकर से अपना Demat Account बनवाना पड़ता है, बिना Demat अकाउंट के आप शेयर मार्केट में निवेश नहीं कर सकते हैं. ब्रोकर आपको एक Platform प्रदान करवा देते हैं जहाँ से आप शेयर मार्केट में निवेश कर सकते हैं.

हमारा सुझाव यही है कि आप Discount Broker से ही अपना Demat अकाउंट खुलवाएं. Discount Broker डीमैट अकाउंट खुलवाने के बहुत कम Fees लेते हैं. कई ब्रोकर बिल्कुल फ्री में भी आपका डीमैट अकाउंट खुलवा देते हैं.

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शेयर खरीदने के फायदे (Advantage of Share in Hindi)

शेयर खरीदने के अनेक फायदे होते हैं जैसे कि –

  • यदि कंपनी भविष्य में लाभ कमाती है तो वह अपने शेयर धारकों को भी लाभ का कुछ हिस्सा देती है जिसे लाभांश कहते हैं.
  • कम्पनी समय – समय पर अपने निवेशकों को भी बोनस के रूप में अतिरिक्त शेयर देती है.
  • यदि कंपनी भविष्य में अच्छा मुनाफा कमाती है तो उसके शेयर की कीमतों में भी बढ़ोतरी होती है जिससे शेयर बाजार में अच्छा पैसा कमाया जा सकता है.
  • कंपनी अपने शेयर धारकों के लिए कुछ अधिकार जारी करती है, जिसका लाभ सभी शेयर होल्डर को शेयर होल्डिंग के अनुपात में मिलता है.

शेयर खरीदने के नुकसान (Disadvantage of Share in Hindi)

शेयर खरीदने के नुकसान भी शेयरधारकों को झेलने पड़ते हैं, शेयर के नुकसान निम्न हैं –

  • यदि कम्पनी में भविष्य में घाटा होता है तो शेयर की कीमत भी गिर जाती है जिससे आपको भी नुकसान झेलना पड़ता है.
  • कंपनी दिवालिया होने पर शेयर धारकों को कुछ भी नहीं मिलता है. और ना ही वे इसके लिए clam कर सकते हैं.
  • जब कंपनी बंद होती है तो शेयरधारकों को सबसे अंतिम में भुगतान किया जाता है.

शेयर और स्टॉक में अंतर (Difference between Share and Stocks)

स्टॉक निवेशक के पास कई कम्पनी के आंशिक स्वामित्व को represent करते हैं, जबकि शेयर निवेशक के पास एक कंपनी के आंशिक स्वामित्व को represent करते हैं.

जब किसी व्यक्ति के पास कई कंपनियों के शेयर होते हैं, तो आप कह सकते हैं कि उसके पास स्टॉक हैं. लेकिन अगर किसी ने किसी विशिष्ट कंपनी के शेयर खरीदे हैं, तो उनके पास केवल शेयर हैं.

शेयर से सम्बंधित सामान्य प्रश्न

शेयर का मतलब क्या होता है?

शेयरका मतलब होता है हिस्सा. शेयर किसी कम्पनी के हिस्सेदारी का सबूत होता है, यह सिद्ध करता है की जिस व्यक्ति के पास वह शेयर हैं वह व्यक्ति कम्पनी पर मालिकाना हक़ रखता है.

शेयर को हिंदी में क्या कहते हैं?

Share को हिंदी में अंश या हिस्सा कहा जाता है.

कंपनी शेयर क्यों निकालती है?

किसी भी कंपनी को अपने व्यवसाय में निवेश बढाने के लिए शेयर निकालना पड़ता है. क्योंकि बिना निवेश के कोई कम्पनी नहीं चल सकती है. कम्पनी में जैसे – जैसे Growth होता है तो कम्पनी के खर्चे भी बढ़ने लगते हैं.

शेयर होल्डर किसे कहते हैं?

जो व्यक्ति कम्पनी के शेयर को खरीदता है वह कंपनी का हिस्सेदारी हो जाता है, यानी कि वह कम्पनी के शेयर का मालिक हो जाता है. शेयर खरीदने वाले व्यक्ति को ही शेयर होल्डर कहते हैं.

शेयर कहाँ से खरीदें?

आज के समय में शेयर खरीदना बहुत ही आसन है, आप Upstox, Zerodha, Groww जैसे मोबाइल एप्लीकेशन के द्वारा अपना Demat अकाउंट बना सकते हैं और कंपनी के शेयर खरीद सकते हैं.

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अंतिम शब्द: शेयर क्या है हिंदी में

अगर आपने इस लेख को पूरा पढ़ा है तो आप समझ गए होंगे कि Share क्या है हिंदी में और कंपनी शेयर को क्यों जारी करती है. साथ ही आप शेयर के फायदे और नुकसानों के बारे में भी समझ गए होंगे.

शेयर बाजारों में हमेशा जोखिम रहता है इसलिए अधूरे ज्ञान के साथ कभी शेयर बाजार में निवेश न करें. यदि आप शेयर बाजार में निवेश करना चाहते हैं तो पहले शेयर बाजार को अच्छे से समझें और अच्छी रिसर्च करने के बाद शेयर खरीदें. 

उम्मीद करते हैं आपको हमारे द्वारा लिखा गया यह लेख जरुर पसंद आया होगा, अगर आपको इस लेख से कुछ सीखने को मिला है तो आप इसे सोशल मीडिया पर अपने दोस्तों के साथ भी जरुर शेयर करें.

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