Router Kya Hai In Hindi: आपने कभी न कभी कंप्यूटर के राऊटर का नाम जरुर सुना होगा पर शायद आप में से कम ही लोग जानते होंगे कि Router क्या है. राऊटर एक बहुत ही Important Device होती है जिसके बारे में आज के समय में सभी को पता होना जरुरी है.
आपने कभी सोचा है कि आप Whatsapp या Facebook से अपने दूर बैठे दोस्त को कैसे मैसेज कर सकते हैं, इस प्रकार के अनेक सवाल आपके दिमाग में आते होंगें. आपके सारे सवालों के समाधान के लिए हमने यह लेख लिखा है.
इस लेख में आपको जानने को मिलेगा कि Router क्या होता है, राऊटर कितने प्रकार के होते हैं, राऊटर के कौन से भाग हैं, राऊटर के फायदे क्या हैं आदि. इस लेख को पूरा पढने के बाद आपको राऊटर के बारे में लगभग पूरी Information हासिल हो जायेगी इसलिए इस लेख को अंत तक जरुर पढ़ें.
तो चलिए आपका ज्यादा समय न लेते हुए शुरू करते है इस लेख को और जानते हैं Router क्या होता है पूरी जानकारी हिंदी में.
राऊटर क्या है (What is Router in Hindi)
राऊटर (Router) एक हार्डवेयर डिवाइस होता है जिसका इस्तेमाल Network के बीच Data Packet को Transfer करने के लिए किया जाता है. इंटरनेट से डेटा हमेशा पैकेट के माध्यम से भेजा जाता है, और राउटर कंप्यूटर में विभिन्न नेटवर्क पर Traffic को निर्देशित करने का कार्य करते हैं. कम से कम दो नेटवर्क ऐसे होने चाहिए जिनके भीतर राउटर जुड़ा हो, यानी या तो दो LAN या एक LAN और एक WAN.
अधिकांश राउटर गेटवे पर रखे जाते हैं जहां नेटवर्क जुड़े होते हैं. मार्किट में अनेक प्रकार के राऊटर उपलब्ध हैं जिनका इस्तेमाल Data Packet को Forward करने के लिए किया जाता है. राउटर आमतौर पर पैकेट को तेजी से पहुँचाने के लिए निर्देशित करने के लिए सबसे अच्छे मार्ग का चयन करते हैं.
राऊटर का इतिहास (History of Router in Hindi)
पहला राऊटर 1974 में बना था पर राऊटर का विचार Computer Networking Researches के एक ग्रुप से मिला था जो कि एक International Networking Working Group नाम की एक संस्था थी.
राऊटर को Develop करने के लिए 1972 में International federation for Information Processing नाम की एक कमेटी का गठन किया गया. 1970 दशक के मध्य से लेकर 1980 तक मिनी कंप्यूटर को राऊटर के रूप में इस्तेमाल किया गया था.
आज के समय में Modern High Speed Router तेजी से Data Packet Forwarding के लिए Encryption जैसी Security का इस्तेमाल करते हैं.
राऊटर कैसे काम करता है (How Does Router Work in Hindi)
राऊटर का मुख्य काम होता है और उपयोग Network के बीच Data Packet को Transfer करने का होता है. Router डेटा पैकेट को प्राप्त करता है और उसे जहाँ भेजना होता है वहां भेज देता है.
जैसे आप सोशल मीडिया के द्वारा दूर बैठे दोस्त को मैसेज भेजते हैं तो पहले मैसेज पैकेट के रूप में Convert हो जाता है और पास वाले राऊटर के पास पहुँच जाता है. जिसके बाद राऊटर Routing Protocol से Routing Table को check करता है.
Routing Table के आस – पास जितने भी राऊटर हैं उन सभी का Address और Path Distance होता है और सबसे पास वाले राऊटर के पास पैकेट को Forward किया जाता है जिसमें कि प्राप्त करने वाले का IP होता है.
पैकेट जब अलगे राऊटर के पास पहुँचता है तो वह भी सबसे आसान रास्ते का चयन करता है और अगले राऊटर के पास भेज दिया जाता है, और इसी प्रकार से पैकेट Receiver कंप्यूटर के पास पहुँच जाता है.
राऊटर बहुत सारे नेटवर्क को Connect करता है और Routing Table को भी Maintain करने का काम करता है. सभी राऊटर अपने आस – पास वाले राऊटर की भी सारी जानकारी रखते हैं.
Routing Table क्या होता है
Routing Table बहुत सारे Rule से बना होता है यह हमेशा Table के रूप में रहता है. Routing Table का उपयोग Internet Protocol Network किस दिशा में भेजा जाएगा इसके निर्धारण के लिए किया जाता है.
Routing Table में वह सारी जानकारी होती है जिससे कि पैकेट को Destination तक भेजने के लिए सबसे आसान रास्ते का चयन करने में सहूलियत मिलती है.
Routing Table में निम्न जानकारी होती है –
- पैकेट को जिस Destination में भेजना है उसका IP Address.
- अगले Network डिवाइस का IP Address.
- पैकेट को जिस network में भेजना है उसके Interface की जानकारी.
- Routing Table में जितने Route मौजूद होते हैं उन सभी का Cost.
- राऊटर के साथ जितने भी Network या दुसरे डिवाइस Attach हैं उन सभी की जानकारी.
राऊटर के प्रकार (Type of Router in Hindi)
इस्तेमाल करने के आधार पर आपको मार्किट में अलग – अलग प्रकार के राऊटर मिल जायेंगे जिनमें से सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाले राऊटर निम्न हैं –
#1 – Wireless Router (बिना तार का राऊटर)
Wireless Router का इस्तेमाल कार्यालय, घर, स्कूल रेलवे स्टेशन आदि में किया जाता है. यह एक वायरलेस सिग्नल बनाता है. मान लीजिए आप ऑफिस में हैं, तो आप Wireless Signal का उपयोग करके इंटरनेट से कनेक्ट कर सकते हैं.
आप यूजर आईडी और पासवर्ड डालकर राउटर को सुरक्षा प्रदान कर सकते हैं. जब आप राउटर से कनेक्ट करने का प्रयास करते हैं, तो यह पासवर्ड और UserId मांगेगा. यूजर आईडी और पासवर्ड डिवाइस के साथ आते हैं. सुरक्षा के कारण, उपयोगकर्ता के बारे में किसी भी जानकारी को नुकसान नहीं होता है.
जब हम सार्वजनिक स्थानों पर जाते हैं, तो हम देख सकते हैं कि एक वाई-फाई विंडो हमारे फोन पर इंटरनेट का उपयोग करने के लिए तैयार होगी, और आप देख सकते हैं कि यह पासवर्ड से सुरक्षित है. वायरलेस राउटर सार्वजनिक रूप से उपलब्ध हैं. अनेक यूजर Wireless Router से अपने डिवाइस को Connect कर सकते हैं.
#2 – Wired Router (तार वाला राऊटर)
जैसे कि इसका नाम ही इसके अर्थ को परिभाषित करता है. Wired Router में नेटवर्क से कनेक्ट करने के लिए एक तार का इस्तेमाल किया जाता है.
यदि आप किसी बैंक या छोटे कॉलेज, या कार्यालय में जाते हैं, तो आप देख सकते हैं कि एक PC या Laptop Ethernet केबल का उपयोग करके इंटरनेट से जुड़ा रहता है, और यही वायर्ड राउटर है.
इसमें एक अलग वाई-फाई एक्सेस प्वाइंट है. अगर कोई यूजर फोन से कनेक्ट होना चाहता है तो वह VIOP (वॉयस-ओवर आईपी टेक्नोलॉजी) का इस्तेमाल कर सकता है. एक ADSL (मॉडेम) है जिसमें ईथरनेट और मोबाइल फोन से कनेक्ट करने के लिए दो जैक होते हैं.
#3 – Edge Router (एज राऊटर)
Edge Router वायर्ड या वायरलेस हो सकता है और एक या अधिक नेटवर्क के बीच इंटरनेट डेटा पैकेट वितरित कर सकता है. लेकिन यह नेटवर्क के भीतर इंटरनेट डेटा पैकेट वितरित नहीं करेगा.
#4 – Core Router (कोर राऊटर)
कोर राऊटर को इंटरनेट Backbone या Core में संचालित करने के लिए Design किया गया है. यह कोर इंटरनेट में Maximum गति और उपयोग के कई telecommunication interfaces को सपोर्ट करता है.
यह उन सभी पर IP पैकेट को पूरी गति से फॉरवर्ड कर सकता है. यह रूटिंग प्रोटोकॉल का समर्थन करता है जो कोर में उपयोग किया जाता है. Core Router नेटवर्क के भीतर इंटरनेट डेटा पैकेट को वितरित करता है. लेकिन कोर नेटवर्क के बीच इंटरनेट डेटा पैकेट वितरित नहीं करेगा.
#5 – Virtual Router (वर्चुअल राउटर)
Virtual Router कंप्यूटर Sharing network के लिए default है. यह वर्चुअल राउटर रिडंडेंसी प्रोटोकॉल (VRRP) के अनुसार कार्य करता है. जब मुख्य या प्राथमिक राउटर विफल हो जाता है या अक्षम हो जाता है तो यह सक्रिय हो जाता है.
यह एक समूह में कई राउटर लेता है ताकि वे एक वर्चुअल IP Address साझा कर सकें. इसमें प्रत्येक समूह के लिए एक मास्टर होता है जो आईपी पैकेट को संभालता है. यदि पैकेट forwarding करते समय Master विफल हो जाता है, तो अन्य राउटर एक स्थिति ले लेते हैं.
राऊटर के भाग (Component of Router in Hindi)
राऊटर के अलग – अलग भाग निम्न हैं –
#1 – CPU (सीपीयू)
आप जानते ही होंगे कि CPU कंप्यूटर का मस्तिष्क होता है और यह ऑपरेटिंग सिस्टम को चलाता है. ऑपरेटिंग सिस्टम राऊटर के सभी Component को Manage करते हैं.
#2 – Flash Memory (फ़्लैश मेमोरी)
चूँकि राऊटर एक Electronic Device है और हर इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के लिए एक Memory की आवश्यकता होती है जिसमें Operating System Store रहता है. Flash Memory में Routing Algorithm, Routing Table, Routing Protocol आदि स्टोर होते हैं.
#3 – Non – Volatile RAM (नॉन-वोलेटाइल रैम)
यह एक Permanent मेमोरी होती है. इसके अन्दर ही ऑपरेटिंग सिस्टम का Backup और Startup version स्टोर रहता है. Router के Boot होने में इसी मेमोरी से Program Load होते हैं.
#4 – Network Interface (नेटवर्क इंटरफ़ेस)
राऊटर में बहुत सारे Network Interface होते हैं. ऑपरेटिंग सिस्टम में बहुत सारे Driver होते हैं. ड्राइवर की मदद से ही राऊटर को पता चलता है कि कौन से Port में कौन से Network का Wire Connect है.
#5 – Console (कंसोल)
Console का काम राऊटर को मैनेज और Configure करने का होता है. एक डिवाइस से दुसरे डिवाइस को आपस में जोड़ने और डाटा साझा करने का काम करता है.
राऊटर के कार्य (Function of Router in Hindi)
राऊटर मुख्य रूप से दो प्रकार के कार्य करता है –
- Forwarding – राऊटर Input Port से पैकेट को प्राप्त करता है और उसकी जाँच करना जैसे बुनियादी काम करता है. फिर पैकेट को डंप करने के लिए उपयुक्त आउटपुट पोर्ट को खोजने के लिए Routing Table को दिखाता है और आउटपुट पोर्ट पर पैकेट को आगे Forward करता है.
- Routing – Routing वह Process होती है जिसके द्वारा राऊटर यह पता लगाता है Receiver तक पहुँचने के लिए पैकेट का सबसे अच्छा रास्ता कौन सा है.
राऊटर के फायदे (Benefit of Router in Hindi)
राऊटर के फायदे हमने आपको नीचे बताये हैं –
- राऊटर के collision feature की मदद से Network Traffic को कम कर सकते हैं.
- Wired या Wireless Network से Connect करना आसान होता है.
- Router में Information को किसी प्रकार का नुकसान नहीं होता है.
- राऊटर Ethernet cable, WiFi, WLAN आदि की मदद से कई network architecture से Connect हो सकता है.
- Wireless Router की मदद से PC या लैपटॉप को Internet से Connect करना आसान है.
- पासवर्ड से राऊटर को अधिक सुरक्षित बना सकते हैं.
FAQ For Router in Hindi
कंप्यूटर नेटवर्क में राऊटर का काम Network के बीच Data Packet को Transfer करने का होता है.
राऊटर का कार्य Data Packet Forwarding और Routing करने का होता है.
डेटा को एक स्थान से दुसरे स्थान में पैकेट के रूप में भेजा जाता है.
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हमने क्या सीखा: राऊटर क्या है हिंदी में
अगर पुरे लेख का निष्कर्ष निकालें तो आप समझ गए होंगे कि राऊटर एक हार्डवेयर डिवाइस होता है जिसका इस्तेमाल network के बीच में Data Packet को Transfer करने के लिए किया जाता है.
इस लेख को पढने के बाद आप समझ गए होंगे कि Router Kya Hai In Hindi और अलग – अलग प्रकार के राऊटर कौन से हैं. उम्मीद करते हैं आपको हमारे द्वारा लिखा गया यह लेख जरुर पसंद आया होगा. इस लेख को सोशल मीडिया पर अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करें और दूसरों तक भी सही Information पहुंचाएं.