POP Protocol In Hindi: आज के इस लेख में हम आपको पोस्ट ऑफिस प्रोटोकॉल संस्करण 3 (POP3) के विषय में जानकारी देने वाले हैं. इंटरनेट में डाटा ट्रान्सफर करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण प्रोटोकॉल में से एक POP3 है, जिसके बिना आप ईमेल को Receive नहीं कर सकते हैं.
आज के इस लेख में हम आपको बताने वाले हैं कि POP3 क्या है, POP3 काम कैसे करता है, POP3 के उपयोग क्या हैं, POP3 के फायदे तथा नुकसान क्या हैं, और POP3 और IMAP व SMTP में क्या अंतर है.
अगर आप POP3 के विषय में जानकारी प्राप्त करके अपने टेक्नोलॉजी ज्ञान को बढ़ाना चाहते हैं तो इस लेख को पूरा अंत तक जरुर पढ़ें. तो चलिए आपका अधिक समय न लेते हुए शुरू करते हैं इस लेख को और जानते हैं POP3 क्या है विस्तार से.
POP प्रोटोकॉल क्या है (What is POP Protocol in Hindi)
POP3 यानी Post Office Protocol संस्करण 3, एक इंटरनेट स्टैण्डर्ड प्रोटोकॉल होता है जिसका इस्तेमाल TCP/IP कनेक्शन पर ईमेल को रिमोट मेल सर्वर से यूजर के लोकल कंप्यूटर या मेल सॉफ्टवेयर में डाउनलोड करने के लिए किया जाता है.
इंटरनेट पर ईमेल को प्राप्त करने के लिए POP प्रोटोकॉल का इस्तेमाल सबसे अधिक किया जाता है. POP प्रोटोकॉल का लेटेस्ट वर्शन POP3 है. प्राप्तकर्ता या उसका मेल क्लाइंट POP3 का इस्तेमाल करके ईमेल को डाउनलोड कर सकता है और उसे ऑफलाइन भी देख सकता है.
एक बार ईमेल क्लाइंट के पास पहुँच जाने के बाद POP3 सर्वर ईमेल की कॉपी को सर्वर से डिलीट कर देता है. POP3 को अधिकांश मेल सर्वर तथा उनके मेल क्लाइंट सपोर्ट करते हैं.
POP3 प्रोटोकॉल store-and-forward सिद्धान्त पर काम करता है. जब इंटरनेट के द्वारा एक कंप्यूटर से दुसरे कंप्यूटर को ईमेल भेजा जाता है तो वह ईमेल SMTP प्रोटोकॉल के द्वारा SMTP मेल सर्वर में पहुंचता है और उसके बाद SMTP उसे POP3 मेल सर्वर में अग्रेषित करता है.
अगर ईमेल प्राप्तकर्ता कंप्यूटर ऑफलाइन है तो ईमेल POP3 सर्वर में स्टोर रहता है, और जब वह ऑनलाइन आता है तो POP3 ईमेल को प्राप्तकर्ता कंप्यूटर में भेज देता है. इस प्रकार से POP3 पहले ईमेल को स्टोर करता है और फिर उसे अग्रेषित करता है.
POP का फुल फॉर्म (POP Full Form in Hindi)
POP प्रोटोकॉल का पूरा नाम Post Office Protocol होता है, इसे हिंदी में डाक घर प्रोटोकॉल कहते हैं.
POP प्रोटोकॉल के संस्करण (Version of POP Protocol in Hindi)
पोस्ट ऑफिस प्रोटोकॉल का पहला वर्शन 1984 में RFC 918 के रूप में लांच किया गया था.
1985 में पोस्ट ऑफिस प्रोटोकॉल का दूसरा वर्शन RFC935 के रूप में लांच किया गया था, इसमें ईमेल भेजने के लिए SMTP की आवश्यकता होती थी.
1988 में पोस्ट ऑफिस प्रोटोकॉल का तीसरा वर्शन RFC1081 के रूप में पब्लिश किया गया, यह अभी तक पोस्ट ऑफिस प्रोटोकॉल का सबसे नवीन वर्शन है. यह SMTP के साथ तथा SMTP के बिना भी काम करने में समर्थ है.
POP प्रोटोकॉल काम कैसे करता है
जब यूजर नए ईमेल को Check करता है तो क्लाइंट POP3 सर्वर से कनेक्ट हो जाता है. ईमेल क्लाइंट तब पुष्टि के लिए सर्वर को यूजर नाम और पासवर्ड प्रदान करता है. जब क्लाइंट सर्वर के साथ कनेक्ट हो जाता है तो POP3 प्रोटोकॉल मेल सर्वर के साथ Sync करके ईमेल को डाउनलोड करता है और उसे क्लाइंट के लोकल कंप्यूटर या ईमेल सॉफ्टवेयर तक पहुंचाता है.
एक बार ईमेल जब क्लाइंट के कंप्यूटर में डाउनलोड हो जाती है तो मेल सर्वर में पड़ी मेल की कॉपी डिलीट हो जाती है और क्लाइंट सर्वर से Disconnect हो जाता है. मेल सर्वर पर ईमेल की कॉपी डिलीट होने की भी एक निश्चित समय सीमा होती है, यह समय 5 दिन, 10 दिन या इससे भी अधिक हो सकता है.
POP प्रोटोकॉल के फायदे (Advantage of POP in Hindi)
POP प्रोटोकॉल के कुछ प्रमुख फायदे निम्नलिखित हैं –
- ईमेल यूजर के लोकल कंप्यूटर में डाउनलोड किये जाते हैं, और यूजर ऑफलाइन भी ईमेल को पढ़ सकता है.
- POP प्रोटोकॉल के काम करने की स्पीड अच्छी होती है.
- POP के लिए कम सर्वर स्टोरेज की आवश्यकता होती है क्योंकि सभी ईमेल लोकल कंप्यूटर में ही स्टोर किये जाते हैं.
- इसे Configure करना बहुत आसान है.
POP प्रोटोकॉल के नुकसान (Disadvantage of POP in Hindi)
POP प्रोटोकॉल के कुछ नुकासान भी हैं जैसे कि –
- एक समय में ईमेल को केवल एक ही डिवाइस के द्वारा एक्सेस किया जा सकता है.
- उपयोगकर्ता मेल सर्वर के मेल बॉक्स में संदेशों को व्यवस्थित नहीं कर सकता है.
- यूजर ईमेल को Sync करने में असमर्थ हैं.
- ईमेल को एक समय में केवल एक ही डिवाइस के द्वारा एक्सेस किया जा सकता है.
- ईमेल डाउनलोड होने के बाद ईमेल की कॉपी सर्वर से डिलीट हो जाती है.
POP3 प्रोटोकॉल के तीन उपयोग
पोस्ट ऑफिस प्रोटोकॉल के तीन प्रमुख कार्य निम्नलिखित हैं –
- POP3 ईमेल को प्राप्त करते हैं, और POP मेल सर्वर में स्टोर करते हैं.
- POP3 ईमेल को क्लाइंट के लोकल कंप्यूटर पर डाउनलोड करते हैं.
- POP3 ईमेल को क्लाइंट के पास पहुंचाने के बाद सर्वर से मिटा देते हैं.
POP और IMAP में अंतर (Difference Between POP3 and IAMP)
हालांकि POP3 और IMAP दोनों का इस्तेमाल एक ही कार्य के लिए किया जाता है लेकिन ये दोनों कई प्रकार से एक दुसरे से भिन्न होते हैं. इनके बीच के अंतर को हमने नीचे सारणी में बताया है.
POP प्रोटोकॉल | IMAP प्रोटोकॉल |
---|---|
POP3 का पूरा नाम Post Office Protocol है. | IMAP प्रोटोकॉल का पूरा नाम Internet Messaging Access Protocol है. |
POP प्रोटोकॉल केवल आपके इनबॉक्स से आपके कंप्यूटर में ईमेल को डाउनलोड करने की अनुमति देता है. | IMAP प्रोटोकॉल Advance प्रोटोकॉल है जो यूजर को मेल सर्वर पर सभी फोल्डर को देखने की अनुमति देता है. |
POP प्रोटोकॉल में ईमेल को एक समय में केवल एक ही डिवाइस से एक्सेस किया जाता है. | IMAP प्रोटोकॉल में ईमेल को अनेक डिवाइस में एक्सेस किया जा सकता है. |
POP प्रोटोकॉल के द्वारा प्राप्त किये गए मेल को पढने के लिए लोकल सिस्टम में डाउनलोड करना होगा. | IMAP प्रोटोकॉल के द्वारा प्राप्त किये गए ईमेल को डाउनलोड करने से पहले आंशिक रूप से पढ़ा जा सकता है. |
POP सर्वर पोर्ट 110 पर सुनता है, और SSL सुरक्षित (POP3DS) सर्वर वाला POP पोर्ट 995 पर सुनता है. | IMAP सर्वर पोर्ट 143 पर सुनता है, और SSL सुरक्षित (IMAPDS) सर्वर वाला IMAP पोर्ट 993 पर सुनता है. |
यह बहुत फ़ास्ट है. | यह POP3 की तुलना में धीमा है. |
यह यूजर को ईमेल sync करने की अनुमति नहीं देता है. | यह यूजर को ईमेल sync करने की अनुमति देता है. |
POP3 और SMTP में अंतर (Difference Between POP3 and SMTP)
POP3 और SMTP के बीच अंतर को जान लेने के बाद आपके सारे डाउट दूर हो जायेगें. इन दोनों के बीच अंतर को हमने नीचे सारणी के द्वारा आपको बताया है.
POP3 प्रोटोकॉल | SMTP प्रोटोकॉल |
---|---|
POP3 प्रोटोकॉल का पूरा नाम Post Office Protocol Version 3 है. | SMTP का पूरा नाम Simple Mail Transfer Protocol है. |
POP3 प्रोटोकॉल का इस्तेमाल ईमेल को रिमोट सर्वर से लोकल मशीन में प्राप्त करने के लिए किया जाता है. | यह एक मैसेज ट्रान्सफर एजेंट होता है, इसका इस्तेमाल ईमेल को भेजने के लिए किया जाता है. |
POP3 ईमेल को मेल सर्वर से यूजर के लोकल सर्वर या कंप्यूटर में डाउनलोड करता है. जिसे कि यूजर पढ़ सकता है. | SMTP क्लाइंट के कंप्यूटर से ईमेल को प्राप्तकर्ता के मेल सर्वर पर ट्रान्सफर करता है. |
POP3 प्रोटोकॉल का इस्तेमाल प्राप्तकर्ता और प्राप्तकर्ता के मेल सर्वर के बीच किया जाता है. | SMTP प्रोटोकॉल का इस्तेमाल Sender (प्रेषक) तथा Sender के मेल सर्वर के बीच किया जाता है. |
FAQ: POP Protocol in Hindi
POP3 का पूरा नाम Post Office Protocol version 3 है.
POP3 प्रोटोकॉल का इस्तेमाल रिमोट सर्वर से क्लाइंट के लिकल सर्वर में ईमेल डाउनलोड करने के लिए किया जाता है. यह एक इनकमिंग मेल सर्वर है.
POP प्रोटोकॉल के 3 वर्शन हैं. POP1 1984 में लांच किया गया था, POP2 1985 में और POP3 को 1988 में. POP3 अभी पोस्ट ऑफिस प्रोटोकॉल का सबसे नवीनतम संस्करण है.
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निष्कर्ष: POP3 प्रोटोकॉल क्या है हिंदी में
इस लेख के माध्यम से हमने आपको बताया कि POP3 Kya Hai In Hindi, इसका इस्तेमाल क्यों किया जाता है, POP3 काम कैसे करता है तथा POP3 के फायदे और नुकसान क्या है. हमने पूरी कोशिस की है कि आपको POP3 की पूरी जानकारी प्रदान करवाई जाए और इस लेख को पढने के बाद POP3 के बारे में जानने के लिए किसी अन्य लेख पर जाने की जरुरत न पड़े.
इस लेख में इतना ही, उम्मीद करते हैं आपको हमारे द्वारा लिखा गया यह लेख जरुर पसंद आया होगा, इस लेख को सोशल मीडिया के द्वारा अपने दोस्तों के साथ भी जरुर शेयर करें, और इसी प्रकार के ज्ञानवर्धक लेख पढने के लिए हमारे ब्लॉग पर आते रहिये.