एनएसडीएल (NSDL) क्या है इसका उद्देश्य और कार्य (NSDL in Hindi)

NSDL Kya Hai In Hindi: जिस प्रकार हमारे पैसे बैंक में सुरक्षित रहते हैं, ठीक उसी प्रकार से निवेशकों के शेयर, बांड, डिबेंचर या प्रतिभूतियां डिपाजिटरी में इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में सुरक्षित जमा रहती है. भारत में मुख्य रूप से दो डिपाजिटरी हैं, एक NSDL और दूसरा CDSL.

आज के इस लेख में हम बात करेंगे NSDL डिपाजिटरी की. एक अनुभवी निवेशक को तो पता रहता है कि NSDL क्या है लेकिन एक शुरुवाती निवेशक के लिए NSDL के विषय में अधिक जानकारी नहीं होती है, लेकिन एक निवेशक को इसके बारे में जानकारी होनी आवश्यक है.

इसलिए आपकी समस्या के समाधान के लिए हमने यह लेख लिखा है, हमने पूरी कोशिस की है कि इस लेख से एक निवेशक के NSDL से सम्बंधित Doubt दूर हो सकें.

इस लेख में आपको जानने को मिलेगा कि  NSDL क्या है इन हिंदी, NSDL की स्थापना कब हुई, NSDL के उद्देश्य क्या है, NSDL के कार्य क्या हैं तथा NSDL के लाभ हानियाँ क्या है. इसलिए इस लेख को पूरा अंत तक जरुर पढ़ें.

तो चलिए आपका अधिक समय न लेते हुए शुरू करते हैं आज के इस लेख को और जानते हैं NSDL क्या होता है विस्तार से.

NSDL क्या है (What is NSDL in Hindi)

एनएसडीएल (NSDL) भारत की सबसे पहली और सबसे बड़ी डिपाजिटरी है, जहाँ पर निवेशकों के शेयर, बांड, डिबेंचर और सरकारी प्रतिभूतियां इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में स्टोर रहती हैं. NSDL की स्थापना के पीछे मुख्य उद्देश्य था कि कागजी कारवाही में होने वाली समस्या से निवेशक को छुटकारा मिल सके.

NSDL ने केवल भारत में बल्कि अंतराष्ट्रीय स्तर पर स्थापित पहली इलेक्ट्रॉनिक थी. NSDL सिक्योरिटीज को कागजों कि तुलना में इलेक्ट्रॉनिक रूप में रखता है. NSDL के आने से सिक्योरिटीज का प्रबंधन करना बहुत आसान और सुविधाजनक हो गया.

NSDL डिपाजिटरी भारत के सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज NSE से लिंक है. स्टॉक ब्रोकर के द्वारा निवेशकों के जो डीमैट अकाउंट खुलवाये जाते हैं वह डिपाजिटरी में ही खुलवाये जाते हैं.

आसान शब्दों में समझे तो NSDL डिपाजिटरी को आप एक बैंक की तरह समझ सकते हैं, जिस प्रकार बैंक में ग्राहकों के पैसे इलेक्ट्रॉनिक रूप में जमा रहते हैं, उसी प्रकार डिपाजिटरी में निवेशकों की सिक्योरिटीज इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में जमा रहती है.

NSDL का पूरा नाम (NSDL Ka Full Form in Hindi)

NSDL का पूरा नाम National Securities Depository Limited (नेशनल सिक्योरिटीज डिपाजिटरी लिमिटेड) है.

NSDL की स्थापना कब हुई

NSDL की स्थापना 8 नवम्बर 1996 में हुई थी, NSDL को NSE के साथ कई बैंकों ने मिलकर स्पोंसर किया था. NSDL को NSE और IDBI बैंक के द्वारा प्रोमोट किया जाता है. NSDL अंतराष्ट्रीय स्तर पर पहली इलेक्ट्रॉनिक डिपाजिटरी है. NSDL का Head Office मुंबई में स्थित है.

NSDL के उद्देश्य (Objective of NSDL in Hindi)

  • NSDL की प्रमुख उद्देश्य था कि भारतीय वित्तीय बाजार में कागजी कारवाही को खत्म करके इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में सिक्योरिटीज को स्टोर करना.
  • NSDL का उद्देश्य भारतीय वित्तीय बाजार में जोखिम और लागत को कम करके दक्षता में वृद्धि करना.
  • भारतीय पूंजी बाजार में निवेशकों और ब्रोकर को नवीनतम प्रोद्योगिकी प्रणालियों का उपयोग करने के लिए समर्थन करना भी NSDL का उद्देश्य है.
  •  NSDL का उद्देश्य भारतीय वित्त बाजार में सुरक्षा और विश्वशनीयता को सुनिश्चित करना है.

NSDL के कार्य (Work of NSDL in Hindi)

NSDL के प्रमुख कार्य निम्नलिखित हैं –

  • NSDL निवेशकों के शेयर, बांड, डिबेंचर और सरकारी प्रतिभूतियों को इलेक्ट्रॉनिक रूप में स्टोर करके रखती है.
  • NSDL निवेशकों के Demat Account खुलवाता है.
  • NSDL अपने ग्राहकों के प्रतिभूतियों का रिकॉर्ड रखती है.
  • शेयर मार्केट में रोजाना होने वाले लेन – देन को मैनेज करना भी NSDL के कार्यों में से है.
  • अपने ग्राहकों के शेयर की लेन देन के रिकॉर्ड को मेन्टेन करने का काम भी NSDL करती है.

NSDL के फायदे (Advantage of NSDL in Hindi)

NSDL में खाता खुलवाने के अनेक सारे लाभ निवेशक को मिलते हैं, चलिए उनके बारे में भी जान लेते हैं –

  • NSDL निवेशकों को Instant फण्ड ट्रान्सफर और सिक्योरिटीज के पंजीकरण की सुविधा प्रदान करता है, NSDL के आने से पहले इस काम में 2 से 4 महीने का समय लग जाता था.
  • NSDL में सिक्योरिटीज के बारे में सभी जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध है, जिससे निवेशक को किसी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता है.
  • NSDL के आने से कागजी कारवाही बहुत कम हो गयी है क्योंकि सभी चीजें ऑनलाइन उपलब्ध हैं.
  • NSDL भौतिक प्रमाण पत्र से जुड़े सभी जोखिमों को समाप्त करता है.
  • NSDL निवेशकों को nomination की सुविधा देता है.
  • NSDL के आने से निवेशक कम लागत में भी ट्रेडिंग कर सकते हैं.
  • NSDL कागजी कारवाही में होने वाली त्रुटियों को समाप्त करता है.
  • NSDL शेयर मार्केट में बेहतर संचार सुविधाओं की आपूर्ति करता है.

NSDL के नुकसान (Disadvantage of NSDL in Hindi)

NSDL के आने से एक ओर जहाँ अनेक सारे फायदे निवेशकों को मिले, वहीं दूसरी ओर इसके कुछ नुकसान भी हैं.

  • NSDL में सारा काम ऑनलाइन होता है, इसलिए धोखाधड़ी की संभावना बढ़ सकती है.
  • NSDL को SEBI के साथ – साथ इसको चलाने वाली संस्था के द्वारा भी मैनेज किया जाता है.

NSDLसे सम्बंधित सामान्य प्रश्न

NSDL क्या है?

NSDL भारत की एक डिपाजिटरी है जहाँ निवेशकों के शेयर, बांड, डिबेंचर आदि इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में स्टोर रहते हैं.

NSDL का फुल फॉर्म क्या है?

NSDL का फुल फॉर्म नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (National Securities Depository Limited) है.

NSDL की स्थापना कब हुई?

NSDL की स्थापना 8 नवम्बर 1996 को हुई थी.

NSDL का मुख्यालय कहाँ स्थित है?

NSDL का मुख्यालय मुंबई में स्थित है. NSDL को NSE के साथ कई बैंकों ने मिलकर स्थापित किया.

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अंतिम शब्द: एनएसडीएल क्या है हिंदी में

NSDL भारत की सबसे पहली इलेक्ट्रॉनिक डिपाजिटरी हैं जहाँ निवेशकों के सिक्योरिटीज को इलेक्ट्रॉनिक रूप में स्टोर करके रखा जाता है. भारतीय पूंजी बाजार को कंप्यूटराइज्ड बनाने में NSDL का योगदान बहुत अमूल्य और महत्वपूर्ण है. NSDL आज भारत की सबसे बड़ी और आधुनिक तकनीकी से लेस डिपाजिटरी है.

इस लेख में हमने आपको NSDL का Full Form  क्या है, NSDL के उद्देश्य, कार्य, फायदे और नुकसानों के बारे में पूर्ण जानकारी दी है. हमें पूरी उम्मीद है इस लेख को आपको जरुर कुछ सीखने को मिला होगा. अंत में आपसे निवेदन करना चाहेंगे कि इस लेख को सोशल मीडिया में अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करें.

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