NSE Full Form in Hindi: पिछले लेख में हमने आपको BSE (Bombay Stock Exchange) के बारे में बताया था, आज के इस लेख में हम आपको भारत के सबसे बड़े शेयर बाजार National Stock Exchange के बारे में बताएँगे.
इस लेख में आपको जानने को मिलेगा कि NSE क्या है, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज इन हिंदी, NSE का इतिहास, NSE के उद्देश्य और BSE तथा NSE में क्या अंतर है.
NSE भारत का सबसे बड़ा शेयर बाजार है जिसकी स्थापना भारतीय शेयर बाजार में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से किया गया था. NSE के आने के बाद ही शेयरों की लेन – देन कंप्यूटराइज्ड तरीके से होने लगी और सारा पेपर वर्क को ख़त्म किया गया.
शेयर बाजार के कंप्यूटराइज्ड होने से निवेशकों के हितों की रक्षा हो सकी और शेयर बाजार में होने वाले Scam पर रोक लगी. एक निवेशक को NSE के बारे में जानकारी होना उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि शेयरों के लेन – देन के बारे में. और NSE के बारे में पूरी जानकारी आपको इस लेख में मिलेगी.
तो चलिए आपका अधिक समय न लेते हुए शुरू करते हैं आज के इस लेख को और जानते हैं NSE क्या है हिंदी में.
NSE क्या है (What is NSE in Hindi)
NSE भारत का सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है, जिसमें शेयर, बांड, डिबेंचर तथा अनेक प्रकार की सिक्योरिटीज सूचीबद्ध हैं. NSE भारत का पहला Electronic Stock Trading प्रदान करवाने वाला स्टॉक एक्सचेंज है.
BSE की तरह ही NSE भी मुंबई में स्थित है, NSE आधुनिक तकनीकी में सबसे अग्रणी स्टॉक एक्सचेंज है. NSE में 1600 से भी अधिक कंपनियां लिस्टेड हैं. NSE की ग्लोबल रैंक 11 है, और भारत की आर्थिक पूंजी में NSE का बहुत बड़ा योगदान है.
NSE का बेंचमार्क इंडेक्स (सूचकांक) निफ्टी है, जिसमें कि NSE में रजिस्टर Top 50 कंपनियों को शामिल किया जाता है. निफ्टी के Performance के आधार पर ही NSE का Performance निर्धारित किया जाता है.
NSE का पूरा नाम (Full Form of NSE in Hindi)
NSE का पूरा नाम National Stock Exchange Of India Limited जिसका हिंदी में पूरा नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ़ इंडिया लिमिटेड है.
NSE के बारे में पूरी जानकारी
मुख्य बिंदु | विवरण |
---|---|
NSE Full Form | National Stock Exchange Of India Limited |
स्थान | मुंबई, महाराष्ट्रा |
स्थापना वर्ष | 1992 में |
सूचकांक (Benchmark Index) | Nifty |
वर्तमान चेयरमैन | गिरीशचन्द्र चतुर्वेदी |
मार्किट वैल्यूएशन | US$2.27 Trillion (2018) |
मुद्रा | भारतीय रुपया (INR) |
NSE का इतिहास (History of NSE in Hindi)
स्टॉक मार्केट में 1992 में हर्षद मेहता के स्कैम के बाद भारत सरकार ने निवेशकों के हितों की रक्षा करने तथा शेयर बाजार को नियंत्रण करने वाली संस्था SEBI का गठन किया. उस समय BSE ही एकमात्र स्टॉक एक्सचेंज हुआ करता था.
SEBI शेयर मार्केट में Electronic System लाना चाहती थी, पर BSE के निवेशकों को यह रास नहीं आया, जिसके बाद 1992 में ही National Stock Exchange की स्थापना की गयी.
NSE भारत का सबसे बड़ा और तकनीकी रूप से विकसित स्टॉक एक्सचेंज है. NSE की स्थापना के बाद ही स्टॉक मार्केट में कागजी कारवाही के स्थान पर इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग की शुरुवात हुई, और स्टॉक मार्केट में अधिक पारदर्शिता बनी.
1992 स्कैम के बाद जहाँ निवेशकों का भरोसा शेयर बाजार से उठ गया था, वहीँ NSE ने इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग की सुविधा प्रदान करके निवेशकों का विश्वास जीता जिससे भारत में निवेशकों की संख्या बढ़ने लगी. भारतीय पूंजीकरण में NSE का योगदान अमूल्य है.
NSE का उद्देश्य और कार्य
NSE की स्थापना निम्न उद्देश्यों को ध्यान में रखकर हुई थी.
- भारत में शेयर की ट्रेडिंग को बढ़ाना, NSE के प्रमुख उद्देश्यों में से एक था.
- भारतीय शेयर बाजार को आधुनिक और विकसित बनाना.
- शेयर बाजार में होने वाले Fraud पर अंकुश लगाना.
- शेयर बाजार में पारदर्शिता लाना.
- निवेशकों के हितों की रक्षा करना.
- निवेशकों को इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग की सुविधा प्रदान करवाना.
- शेयर बाजार को अंतराष्ट्रीय मानदंडों के अनुरूप स्थापित करना.
निफ्टी क्या है (What is Nifty 50 in Hindi)
आपने अक्सर समाचारों में Nifty के बारे में सुना होगा. निफ्टी NSE का बेंचमार्क इंडेक्स है, जिसकी शुरुवात NSE ने 1996 में हुई थी. NSE में रजिस्टर कंपनियों में से Top 50 कंपनी को निफ्टी में शामिल किया जाता है.
अगर निफ्टी में उछाल आता है तो इसका मतलब होता है कि NSE में रजिस्टर कंपनी के शेयर प्राइस में बढ़ोतरी हुई है, और अगर निफ्टी में गिरावट आती है तो इसका मतलब होता है कि NSE में रजिस्टर कंपनियों के शेयर के दाम घटे हैं.
NSE और BSE में अंतर (Difference Between NSE and BSE In Hindi)
BSE और NSE दोनों ही भारत के सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज हैं जो SEBI के नियमों के अंतर्गत काम करते है, और दोनों का मुख्यालय मुंबई में स्थित है. लेकिन इन दोनों में कुछ अंतर भी हैं. NSE और BSE के बीच अंतर को हमने नीचे सारणी के द्वारा आपको बताया है –
NSE (नेशनल स्टॉक एक्सचेंज) | BSE (बंबई स्टॉक एक्सचेंज) |
---|---|
NSE का पूरा नाम National Stock Exchange है. | BSE का पूरा नाम Bombay Stock Exchange है. |
NSE की स्थापना 1992 में हुई थी. | BSE की स्थापना 1875 में हुई थी. |
NSE भारत का दूसरा स्टॉक एक्सचेंज है. | BSE भारत का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज है. |
NSE का इंडेक्स Nifty है. जिसमें शीर्ष 50 कंपनियों को लिस्ट किया गया है. | BSE का इंडेक्स Sensex है. जिसमें 30 शीर्ष कंपनियों को लिस्ट किया गया है. |
इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग सिस्टम को सबसे पहले NSE ने 1992 में शुरू किया था. | BSE ने 1995 में इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग सिस्टम की शुरुवात की. |
NSE को 1993 में स्टॉक एक्सचेंज के रूप में पहचान मिली. | BSE को 1957 में स्टॉक एक्सचेंज के रूप में पहचान मिली. |
NSE की ग्लोबल रैंक 11 है. | BSE की ग्लोबल रैंक 10 है. |
NSE में 1600 से भी अधिक कंपनियां लिस्टेड हैं. | BSE में 5500 से भी अधिक कंपनियां लिस्टेड हैं. |
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NSE से सम्बंधित सामान्य प्रश्न
NSE भारत का एक स्टॉक एक्सचेंज है जहाँ पर शेयर, बांड, डीबेंचर, सिक्योरिटीज आदि की लेन – देन की जाती है. NSE भारत का पहला इलेक्ट्रॉनिक य्रेडिंग सिस्टम प्रदान करवाने वाला स्टॉक एक्सचेंज था.
NSE का फुल फॉर्म National Stock Exchange है.
NSE की स्थापना 1992 में हुई थी.
NSE का मुख्यालय मुंबई में स्थित है.
NSE का बेंचमार्क इंडेक्स यानि कि सूचकांक Nifty है, जिसमें NSE में रजिस्टर Top 50 कंपनियों को शामिल किया जाता है.
कोई भी निवेशक सीधे तौर पर किसी भी स्टॉक एक्सचेंज में निवेश नहीं कर सकता है. स्टॉक एक्सचेंज में निवेशकों को निवेश करने के लिए स्टॉक ब्रोकर की सहायता लेनी पड़ती है.
अंतिम शब्द: नेशनल स्टॉक एक्सचेंज क्या है हिंदी में
आज के इस लेख में आपने जाना कि NSE Kya Hai In Hindi और भारतीय शेयर बाजार में यह क्यों महत्वपूर्ण है. साथ ही आपको इस लेख के द्वारा यह भी पता चल गया होगा कि NSE और BSE में क्या अंतर है.
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