माइक्रोफोन (माइक) क्या है प्रकार एवं कार्य (Microphone in Hindi)

Microphone Kya Hai In Hindi: माइक्रोफोन तो आप सब ने ही देखा होगा आप इसे माइक के नाम से भी जानते होंगे. पर आपमें से बहुत सारे लोगों तो यह पता नहीं होगा कि माइक्रोफोन कितने प्रकार का होता है? Microphone कैसे काम करता है और Microphone इसके फायदे और नुकसान क्या – क्या हैं?

इस लेख के माध्यम से हम आपको Microphone क्या है (What is Microphone In Hindi) के बारे में पूरी जानकारी देंगे और साथ में माइक्रोफोन से जुडी ढेरों सारी जानकारी आपके साथ साझा करेंगे जिसे पढने के बाद आप माइक्रोफोन के बारे में अच्छे से समझ जाओगे. 

आज का युग Computer और डिजिटल संसाधनों का युग है माइक्रोफोन आज के समय में बहुत ही महत्वपूर्ण है. इसकी मदद से हम इंटरनेट पर विभिन्न Application के द्वारा विडियो कालिंग कर सकते हैं, दूर बैठे किसी व्यक्ति को फोन कर सकते हैं, किसी समारोह और शोरगुल भरे स्थान में अपनी आवाज को सब तक पंहुचा सकते हैं.

लोग इसे Voice Input Device के नाम से जानते हैं. तो आपका ज्यादा समय न लेते हुए शुरू करते हैं आज के इस महत्वपूर्ण लेख को बिना किसी देरी के साथ सबसे पहले जानते हैं – माइक्रोफोन क्या है हिंदी में.

माइक्रोफोन क्या है (What is Microphone in Hindi)

माइक्रोफोन (माइक) कंप्यूटर का एक इनपुट डिवाइस (Input Device) होता है जिसकी मदद से आवाज को डिजिटल फॉर्म में Convert कर सकते हैं. माइक्रोफोन के द्वारा कंप्यूटर में हम आवाज को डाल सकते हैं और इसके द्वारा कंप्यूटर में टाइपिंग भी कर सकते हैं. 

माइक्रोफोन को अधिकतर लोग माइक के नाम से भी जानते हैं. माइक्रोफोन को कंप्यूटर से कनेक्ट करने के लिए Sound Card का इस्तेमाल किया जाता है. 

माइक्रोफोन (माइक) का इस्तेमाल भाषण देने, लाइव परफॉरमेंस शादी उत्सवों में किया जाता है. माइक्रोफोन को हम इस प्रकार से परिभाषित कर सकते हैं – 

माइक्रोफोन की परिभाषा (Definition of Microphone in Hindi)

माइक्रोफोन एक ऐसा इनपुट डिवाइस होता है जिसकी मदद से ध्वनि तरंगों को इलेक्ट्रिक सिग्नल और एनालॉग सिंग्नल में बदला जा सकता है. इसे हिंदी में माइक भी कहते है. माइक्रोफोन यानि माइक का उपयोग शदियों और भाषणों में किया जाता है. जिससे ध्वनी प्रदुषण होता है.

माइक्रोफोन के अविष्कारक (Inventor of Microphone in Hindi)

Emile Berliner ने Thomas Edison के साथ मिलकर 1876 में माइक्रोफोन का अविष्कार किया था. 

माइक्रोफोन कैसे कार्य करता है (How to work Microphone In Hindi)

माइक्रोफोन (माइक) को पहले कंप्यूटर से कनेक्ट करना होता है. कंप्यूटर से माइक्रोफोन को कनेक्ट करने के लिए आपके कंप्यूटर में Sound Card और इसके Driver Install होने चाहिए. अगर आपके कंप्यूटर में Sound Card नहीं हैं तो आप USB माइक्रोफोन का इस्तेमाल कर सकते हो. 

माइक्रोफोन को कंप्यूटर से कनेक्ट करने के बाद जब हम माइक्रोफोन पर बोलते हैं तो तो हमारी आवाज से ध्वनि तरंगे पैदा होती हैं. इसके अन्दर एक Diaphragm होता है जब ध्वनि तरंगे Diaphragm पर टकराती हैं तो इसमें वाइब्रेशन होने लगता है जिसके कारण Coil भी हिलने लगती है. 

इसमें एक चुम्बंक भी लगा होता है जब Coil चुम्बकीय क्षेत्र से गुजरता है तो Coil में Electricity Flow होने लगती है. एक Amplifier भी Coil से जुड़ा रहता है यह Amplifier Coil से आने वाले Electricity को Amplify करता है. इस Amplifier की मदद से Sound को कहीं भी भेजा जा सकता है जैसे कंप्यूटर, लाउडस्पीकर में.

माइक्रोफोन के प्रकार (Types of Microphone in Hindi)

माइक्रोफोन (माइक) के निम्नलिखित प्रकार यहाँ दिए गये है.

  • संघनित्र माइक्रोफोन (Condenser microphone)
  • गतिज माइक्रोफोन (Kinetic Microphone)
  • रिबन माइक्रोफोन (Ribbon microphone)
  • कार्बन माइक्रोफोन (Carbon Microphone)
  • पाइज़ोइलेक्ट्रिक माइक्रोफोन (Piezoelectric Microphone)
  • फाइबर ऑप्टिक माइक्रोफोन (Fiber Optic Microphone)
  • लेज़र माइक्रोफोन (Laser Microphone)
  • तरल माइक्रोफोन (Liquid microphone)

सभी प्रकार के माइक्रोफोन को तीन भागों में बांटा गया है. 

डायनामिक माइक्रोफोन (Dynamic Microphone)

डायनामिक माइक्रोफोन को Moving Coil माइक्रोफोन भी कहते हैं यह सबसे ज्यादा उपयोग में लाये जाते हैं. इसमें एक चुम्बक, Diaphragm और Coil होते हैं. इसमें Diaphragm Coil से जुड़े हुए रहते हैं और एक स्थाई चुम्बक का उपयोग होता है. Diaphragm एक अचुम्बकीय पदार्थ होता है.

जब ध्वनि की तरंगें Diaphragm पर पड़ती हैं तो यह हिलता है मतलब इसमें वाइब्रेशन होता है जिस वाइब्रेशन के कारण coil चुम्बकीय क्षेत्र के अन्दर बाहर हिलता है. 

अब Coil के इस वाइब्रेशन से विद्युत प्रवाहित होने लगती है जो ध्वनि तरंगों को इलेक्ट्रॉनिक तरंगों के रूप में बदलता है. इस प्रकार के माइक्रोफोन तेज Volume को handle करने के लिए उपयोग में लाये जाते हैं.

 इनको काम करने के लिए किसी बाहरी Electricity Power की जरुरत नहीं होती है. ये सस्ते और टिकाऊ होते हैं. आपने लाइव परफॉरमेंस में इस प्रकार के माइक्रोफोन को देखा होगा.

कंडेंसर माइक्रोफोन (Condenser Microphone)

कंडेंसर (संघनित्र) माइक्रोफोन बहुत संवेदनशील माइक होते हैं इनका उपयोग साउंड रिकॉर्डिंग जैसे कामों के लिए किया जाता है. इनका अधिकतर उपयोग Studio में होता है. Singer इस प्रकार के माइक्रोफोन का इस्तेमाल करते हैं. इसमें बैटरी की जरुरत होती है. 

इसमें एक Front Plat और एक Back Plate समान्तर होती है जिसे Diaphragm कहते हैं. जब ध्वनि तरंगें Diaphragm पर टकराती हैं तो यह दोनों Plate ध्वनि तरंगों को इलेक्ट्रिक तरंगों में बदलती है.

इस प्रकार के माइक्रोफोन बहुत संवेदनशील होते हैं इसलिए इनमें Background Noise भी आ जाता है. इनकी Recording Quality बहुत अच्छी होती है.

रिबन माइक्रोफोन (Ribbon Microphone)

रिबन माइक्रोफोन एक उच्च गुणवता वाले माइक्रोफोन होते हैं इनका उपयोग पियानो हार्न गिटार में किया जाता है. इसमें एलुमिनियम की एक पतली रिबन का इस्तेमाल होता है जो चुम्बकीय क्षेत्र पैदा करने के लिए काम में लाइ जाती है.

जब ध्वनि की तरंगें इस रिबन में टकराती हैं तो रिबन में कंपन पैदा होता है चूँकि यह रिबन बहुत पतला होता है इसलिए साउंड बहुत जल्दी निकलने लगता है. 

पहले के माइक्रोफोन में आउटपुट वोल्टेज बढाने के लिए ट्रांसफार्मर की आवश्यकता होती थी लेकिन आजकल के माइक्रोफोन में मैगनेट पोल का इस्तेमाल होता है. 

माइक्रोफोन के फायदे (Advantage of Microphone in Hindi)

माइक्रोफोन के बहुत सारे फायदे होते हैं जिनमें से कुछ नीचे बताये हैं – 

  • Real Time में ध्वनि की तरंगों में बदलाव किया जा सकता है 
  • माइक्रोफोन सस्ते होते हैं.
  • अधिकतर माइक्रोफोन उच्च ध्वनि स्तर दबाव को सहन कर सकते हैं. 
  • अधिकतर माइक्रोफोन में Power Supply की जरुरत नहीं पड़ती है.

माइक्रोफोन के नुकसान (Disadvantage of Microphone in Hindi)

माइक्रोफोन के फायदों के साथ – साथ कुछ नुकसान भी हैं – 

  • Sound File को Store करने के लिए अधिक मेमोरी की आवश्यकता होती है. 
  • माइक्रोफोन के आवाज की गुणवत्ता उतनी उच्च नहीं होती है
  • कुछ माइक्रोफोन बहुत Sensitive होते हैं वे Background में हो रहे शोर को भी उठा लेते हैं. 

इन्हें भी पढ़े 

FAQ For Microphone in Hindi 

माइक्रोफोन कौन सा डिवाइस है?

माइक्रोफोन कंप्यूटर का एक इनपुट डिवाइस है.

माइक्रोफोन का क्या कार्य है?

माइक्रोफोन ध्वनि तरंगों को इलेक्ट्रिक तरंगों में बदलता है.

माइक्रोफोन क्या है इन हिंदी?

माइक्रोफोन एक कंप्यूटर इनपुट डिवाइस हैं जिसकी मदद से आवाज (ध्वनि तरंगों) को इलेक्ट्रिक सिग्नल और एनालॉग सिंग्नल में बदला जा सकता है. इसे हिंदी में माइक भी कहते है. माइक्रोफोन यानि माइक का उपयोग शदियों और भाषणों में किया जाता है. जिससे ध्वनी प्रदुषण होता है.

माइक्रोफोन की खोज किसने की?

माइक्रोफोन की खोज 1876 में Emile Berliner ने की.

माइक्रोफोन को हिंदी में क्या कहते हैं?

माइक्रोफोन को हिंदी में माइक कहते हैं.

निष्कर्ष : माइक्रोफोन क्या है हिंदी में

तो दोस्तों इस लेख में हमने जाना कि माइक्रोफोन क्या है (what is Microphone In Hindi) और माइक्रोफोन क्यों महत्वपूर्ण है और साथ में ही हमने आपको माइक्रोफोन के फायदे नुकसानों के बारे में बताया है.

इस लेख को पढने के बाद आप समझ गए होंगे कि माइक्रोफोन कैसे काम करता है और साथ में ही माइक्रोफोन के बारे में बहुत कुछ जानने को मिला होगा.

उम्मीद करते हैं हमारे द्वारा लिखा गया यह लेख आपको पसंद आया होगा. इस लेख को अपने दोतों के साथ भी जरुर शेयर करें जिससे उन्हें भी माइक्रोफोन के बारे में जानने को मिलेगा. 

3 thoughts on “माइक्रोफोन (माइक) क्या है प्रकार एवं कार्य (Microphone in Hindi)”

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