कर्नेल क्या है (Kernel और Operating System में अंतर) हिंदी में

Kernel Kya Hai In Hindi: टेक्नोलॉजी की इस दुनिया में भी हम कई ऐसी चीजों से अपरिचित रह जाते हैं जिनके बिना कंप्यूटर जैसी एडवांस टेक्नोलॉजी की कल्पना नहीं की जा सकती है उन्हीं में से एक है कर्नेल. हमें पता है आपमें से बहुत कम ही लोग Kernel क्या है के विषय में जानते होंगे. अगर आप भी कर्नेल के बारे में नहीं जानते हैं तो इस लेख को पढने के बाद आप इतने काबिल जरुर बन जाओगे कि किसी अन्य व्यक्ति को कर्नेल के बारे में समझा सको.

आज के इस लेख में हम आपको बताने वाले हैं कर्नेल क्या है, कर्नेल कितने प्रकार का होता है, कर्नेल के मुख्य काम क्या हैं और किसी भी कंप्यूटर के लिए कर्नेल जरुरी क्यों हैं.

इस लेख की सबसे ख़ास बात यह है कि हमने आपको यह सारी जानकारी बहुत ही आसान शब्दों में समझाई है, इन्टरनेट पर शायद ही आपको हिंदी भाषा में इतने आसान शब्दों में कर्नेल के बारे में जानकारी मिले.

तो चलिए बिना समय गंवाए शुरू करते हैं आज का यह लेख कर्नेल सॉफ्टवेयर क्या है हिंदी में.

कर्नेल क्या है (What is Kernel in Hindi)

Kernel एक कंप्यूटर सॉफ्टवेयर है जो कि ऑपरेटिंग सिस्टम का एक महत्वपूर्ण भाग होता है. Kernel कंप्यूटर के हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर के बीच कम्युनिकेशन का कार्य करता है. कर्नेल एक कोर कॉम्पोनेन्ट होता है और इसका पुरे सिस्टम पर कण्ट्रोल होता है.

कर्नेल ऑपरेटिंग सिस्टम का पहला प्रोग्राम होता है जो कि सिस्टम को काम करने के लिए मुख्य मेमोरी में लोड होता है. कर्नेल सिस्टम के बंद होने तक मुख्य मेमोरी में रहता है.

जब यूजर कंप्यूटर को कोई कमांड देता है तो कर्नेल इसका अनुवाद करके कंप्यूटर को बताता है, जिससे कंप्यूटर को पता चलता है कि यूजर ने क्या Request की है. कर्नेल सीधे कंप्यूटर के हार्डवेयर के साथ कम्युनिकेशन कर सकता है और बताता है कि सॉफ्टवेयर ने क्या Request की है. कर्नेल इनपुट आउटपुट कम्युनिकेशन फाइल सिस्टम को run करता हैं.

एक उदाहरण के द्वारा इसे समझते हैं, माना आपको कंप्यूटर में टाइपिंग करनी है जिसके लिए आप MS Word का इस्तेमाल करते हैं. MS Word में टाइपिंग करने के लिए कीबोर्ड की जरुरत होती है. कर्नेल MS Word को कीबोर्ड का एक्सेस देता है. इसी प्रकार टाइप किये गए डॉक्यूमेंट को प्रिंट करने के लिए प्रिंटर की जरुरत होती है, और उसे Save करने के लिए हार्ड डिस्क की जरुरत होती है.

इन सब को मैनेज करने का कार्य कर्नेल का ही होता है. बिना कर्नेल के ऑपरेटिंग सिस्टम चलने में असमर्थ है. कंप्यूटर में मेमोरी को मैनेज करना, प्रोसेस को मैनेज करना और टास्क तथा डिस्क को मैनेज करने का कार्य कर्नेल का ही होता है.

कर्नेल क्यों जरुरी है

कर्नेल कंप्यूटर में बहुत महत्वपूर्ण है इसके बिना ऑपरेटिंग सिस्टम क्रैश हो जाएगा. कर्नेल कंप्यूटर में आवश्यकतानुसार सभी एप्लीकेशन या सॉफ्टवेयर को रिसोर्स प्रदान करवाता है.

जरा कल्पना कीजिए कि अगर कर्नेल नहीं होता तो कंप्यूटर में क्या होता, एक उदाहरण से समझते हैं.

माना आपके कंप्यूटर की RAM 8 GB और आपके कंप्यूटर में 20 एप्प हैं जिन्हें अगर एक साथ RUN किया जाए तो 20GB RAM की जरुरत होगी. Kernel कंप्यूटर में उपलब्ध RAM के अनुसार ही सभी सॉफ्टवेयर को RAM देता है. अगर RAM फुल हो जाती है और आप नयी एप्प को ओपन करना चाहते हैं तो कर्नेल किसी एक्टिव सॉफ्टवेयर को बंद करेगा और नयी एप्प को Run करने के लिए RAM देगा. इस प्रकार से कंप्यूटर आसानी से अपना कार्य करता है.

अब कर्नेल को हटा दिया जाय तो RAM पर किसी का भी कंट्रोल नहीं होगा और एक साथ सभी 20 एप्लीकेशन Run करने लगेंगी, क्योंकि एप्लीकेशन को नियंत्रित करने वाला कोई नहीं होगा और कंप्यूटर में पर्याप्त RAM उपलब्ध न होने के कारण ऑपरेटिंग सिस्टम क्रैश हो जाएगा.

ऐसी ही स्थिति सभी हार्डवेयर डिवाइस के साथ बनेगी जैसे स्टोरेज, माइक, स्पीकर, प्रोसेसर आदि. अब आप समझ ही गए होंगे कि कर्नेल का होना कितना महत्वपूर्ण होता है.

कर्नेल के प्रकार (Types of Kernel in Hindi)

अब आप समझ गए होंगे कि Kernel क्या है, अब कर्नेल के कुछ प्रकारों के बारे में भी जान लेते हैं. कर्नेल मुख्य रूप से 3 प्रकार के होते हैं –

  • Monolithic Kernel
  • Micro Kernel
  • Hybrid Kernel

1 – मोनोलिथिक कर्नेल (Monolithic Kernel)

Monolithic Kernel अपने स्पेस के भीतर ही सभी बेसिक सिस्टम सर्विस जैसे कि मेमोरी मैनेजमेंट, इनपुट आउटपुट कम्युनिकेशन, फाइल सिस्टम को run करते हैं. ये कर्नेल बहुत Popular हैं और इनका इस्तेमाल सबसे अधिक किया जाता है.

Monolithic Kernel का इस्तेमाल पोपुलर ऑपरेटिंग सिस्टम Linux, Unix, Microsoft Windows 95, 98 आदि में किया जाता है.

2 – माइक्रो कर्नेल (Micro Kernel)

Micro Kernel की approach बहुत कम होती है, यह केवल बेसिक फंक्शन को मैनेज करता है. इसका आकार भी छोटा होता है और Excution Speed भी बहुत slow होती है. इस प्रकार के कर्नेल में यूजर सर्विस और कर्नेल सर्विस को अलग – अलग एड्रेस बार में रखा जाता है.

Micro Kernel के उदाहरण Mach, L4, AmigaOS, Minix, K42 आदि हैं.

3 – हाइब्रिड कर्नेल (Hybrid Kernel)

Hybrid Kernel सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला कर्नेल है, जिसका इस्तेमाल बड़े – बड़े कमर्शियल ऑपरेटिंग सिस्टम में किया जाता है. यह कर्नेल Monolithic Kernel और Micro Kernel का मिक्स्ड वर्शन होता है.

इस प्रकार के कर्नेल Window Xp, Window 8, Window 10, Mac OS आदि में किया जाता है.

कर्नेल के कार्य (Work of Kernel)

कंप्यूटर में कर्नेल के कुछ प्रमुख कार्य निम्नलिखित हैं –

  • सॉफ्टवेयर को काम करने के लिए जितने भी Resources, जैसे स्टोरेज, हार्डवेयर, RAM आदि की जरुरत होती है, उन्हें उपलब्ध करवाने का कार्य कर्नेल ही करता है.
  • किस प्रोग्राम को Run करने के लिए कितनी मेमोरी की आवश्यकता होगी, इस सब का प्रबंधन कर्नेल ही करता है.
  • कंप्यूटर के फाइलों को मैनेज करने का कार्य भी कर्नेल का ही होता है.
  • कर्नेल हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर के बीच में कम्युनिकेशन करवाता है.
  • मोबाइल या कंप्यूटर में ऑपरेटिंग सिस्टम के पूरी तरह से लोड हो जाने के बाद भी कर्नेल बैकग्राउंड में काम करता है और सभी Resource को मैनेज करता है.
  • कर्नेल ऑपरेटिंग सिस्टम का Core Component होता है, और सभी App के ऊपर कर्नेल का कण्ट्रोल होता है. अगर कर्नेल नहीं होगा तो App के ऊपर किसी का कंट्रोल नहीं रहेगा और सभी एप्प एक साथ एक्टिव होने लगेगी और ऐसे में ऑपरेटिंग सिस्टम के क्रैश हो जाएगा. इसलिए कर्नेल का होना बहुत जरुरी है.
  • इन सब के अलावा भी कर्नेल अनेक प्रकार के कार्य करता है क्योंकि कंप्यूटर के स्टार्ट होने से लेकर बंद होने तक कर्नेल बैकग्राउंड में चलते रहता है.

Kernel और Operating System में अंतर

Kernel और ऑपरेटिंग सिस्टम के बीच अंतर समझने के लिए आप नीचे सारणी को देखें.

कर्नेल (Kernel)ऑपरेटिंग सिस्टम (Operating System)
Kernel ऑपरेटिंग सिस्टम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है.ऑपरेटिंग सिस्टम एक सिस्टम प्रोग्राम है.
Kernel कंप्यूटर के हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर के बीच कम्युनिकेशन का कार्य करता है.ऑपरेटिंग सिस्टम यूजर और हार्डवेयर के बीच कम्युनिकेशन का कार्य करता है.
Kernel मेमोरी, फाइल, प्रोसेस आदि को मैनेज करता है.ऑपरेटिंग सिस्टम Kernel को अलावा कंप्यूटर की सिक्योरिटी के लिए भी जिम्मेदार होता है.
Difference Between Kernel and Operating System In Hindi

कर्नेल से सम्बंधित सामान्य प्रश्न   

कर्नेल क्या है समझाइये?

कर्नेल ऑपरेटिंग सिस्टम का एक महत्वपूर्ण भाग होता है, यह सिस्टम के खुलने से लेकर बंद होने तक मेमोरी में ही रहता है और पुरे सिस्टम को कण्ट्रोल करता है. कर्नेल के द्वारा ही हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर आपस में कम्यूनिकेट कर पाते हैं.

कर्नेल हार्डवेयर होता है या सॉफ्टवेयर?

कर्नेल एक सॉफ्टवेयर प्रोग्राम होता है जो कि ऑपरेटिंग सिस्टम का एक कोर कॉम्पोनेन्ट होता है.

विंडोज में कौन सा कर्नेल इस्तेमाल होता है?

विंडोज में अधिकतर Monolithic Kernel का इस्तेमाल होता है.

कर्नेल का मुख्य कार्य क्या है?

कर्नेल का मुख्य कार्य कंप्यूटर हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर के बीच संचार स्थापित करना तथा कंप्यूटर के रिसोर्स को मैनेज करने का होता है.

इन्हें भी पढ़े 

आपने सीखा: कर्नेल क्या है हिंदी में

आज के इस लेख में हमने Kernel Kya Hai In Hindi, कर्नेल के प्रकार तथा कार्यों के बारे में आपको विस्तृत रूप से बताया, साथ में ही कई लोगों के Confusion को दूर करते हुए कर्नेल तथा ऑपरेटिंग सिस्टम के बीच अंतर के बारे में भी जानकारी आपको दी.

कर्नेल कंप्यूटर सिस्टम के लिए एक बहुत महत्वपूर्ण प्रोग्राम है, बिना कर्नेल के ऑपरेटिंग सिस्टम क्रैश हो जाएगा और आप कंप्यूटर का इस्तेमाल नहीं कर पायेंगे.

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