IMAP Protocol In Hindi: आज के इस लेख में हम आपको इंटरनेट के माध्यम से ईमेल को प्राप्त करने में इस्तेमाल होने वाले दो महत्वपूर्ण प्रोटोकॉल में से एक IMAP प्रोटोकॉल के बारे में जानकारी देने वाले हैं.
इस लेख में आपको जानने को मिलेगा कि IMAP Protocol क्या है, IMAP प्रोटोकॉल का इतिहास, IMAP प्रोटोकॉल की विशेषताएं, IMAP प्रोटोकॉल काम कैसे करता है, IMAP प्रोटोकॉल के फायदे तथा नुकसान क्या हैं और IMAP प्रोटोकॉल तथा SMTP में क्या अंतर है.
अगर आप IMAP प्रोटोकॉल के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करना चाहते है तो बने रहिये इस लेख के अंत तक, तो चलिए आपका अधिक समय न लेते हुए शुरू करते हैं इस लेख को और जानते हैं IMAP प्रोटोकॉल क्या है हिंदी में.
IMAP प्रोटोकॉल क्या है (What is IMAP in Hindi)
IMAP जिसका मतलब Internet Message Access Protocol होता है, यह क्लाइंट को अपने लोकल कंप्यूटर में रिमोट सर्वर से ईमेल एक्सेस करने की सुविधा देता है. IMAP प्रोटोकॉल ईमेल के पुरे कंटेंट को डाउनलोड करने के बजाय ईमेल हैडर को डाउनलोड करता है.
IMAP प्रोटोकॉल में ईमेल की कॉपी यूजर के लोकल कंप्यूटर तथा मेल सर्वर दोनों में मौजूद रहती है, जिससे यूजर अलग – अलग डिवाइस में ईमेल को एक्सेस कर सकता है. IMAP सर्वर पर ईमेल को एक्सेस करने के लिए इन्टरनेट कनेक्शन की जरुरत होती है.
IMAP क्लाइंट और IMAP सर्वर के बीच TCP/IP कनेक्शन स्थापित होने के बाद IMAP सर्वर डिफ़ॉल्ट रूप से पोर्ट 143 को सुनता है, लेकिन इस पोर्ट नंबर को भी बदला जा सकता है.
डिफ़ॉल्ट रूप से, IMAP द्वारा उपयोग किए जाने वाले दो पोर्ट हैं:
- Port 143: non-encrypted IMAP port.
- Port 993: SSL/TSL port.
रिमोट सर्वर से ईमेल को एक्सेस करने के लिए सबसे ज्यादा उपयोग किये जाने वाले प्रोटोकॉल POP3 और IMAP हैं. इन दोनों प्रोटोकॉल को लगभग सभी ईमेल क्लाइंट और वेब सर्वर सपोर्ट करते हैं.
IMAP का फुल फॉर्म क्या है (IMAP Protocol Full Form in Hindi)
IMAP का पूरा नाम Internet Message Access Protocol है जिसे कि हिंदी में इन्टरनेट सन्देश पहुँच प्रोटोकॉल है. इसे Internet mail access protocol, Interactive mail access protocol, और Interim mail access protocol के नाम से भी जाना जाता है.
IMAP प्रोटोकॉल का इतिहास (History of IMAP in Hindi)
IMAP प्रोटोकॉल को Mark Crispin ने 1986 में डिजाईन किया था. IMAP का अभी करंट वर्शन IMAP4 है. यह ईमेल प्राप्त करने के लिए सबसे अधिक उपयोग किये जाने वाले प्रोटोकॉल में से एक है. IMAP को POP3 के विकल्प के रूप में विकसित किया गया था.
IMAP का पहला संस्करण औपचारिक रूप से इन्टरनेट standard के रूप में प्रकाशित किया गया था. जुलाई 1988 में IMAP संस्करण 2 को RFC 1064 के रूप मेंलांच किया गया था. 1990 में IMAP2 को अपडेट किया गया लेकिन अपडेट करने के बाद भी यह संस्करण 2 ही था.
फ़रवरी 1991 में RFC 1203 के रूप में IMAP के तीसरे संस्करण को प्रकाशित किया गया. लेकिन IMAP3 को कभी बाजार में स्वीकार नहीं किया गया और इसके आने के बाद भी लोग IMAP2 का ही इस्तेमाल करते थे.
IMAP3 की समस्याओं के कारण दिसंबर 1994 में IMAP संस्करण 4 यानी IMAP4 को दो RFC में प्रकाशित किया गया था. RFC 1730 मुख्य प्रोटोकॉल का वर्णन करता है और RFC 1731 IMAP 4 के प्रमाणीकरण तंत्र का वर्णन करता है. IMAP4 इस प्रोटोकॉल का सबसे नवीनतम संस्करण है जिसका इस्तेमाल अभी भी व्यापक रूप से ईमेल प्राप्त करने के लिए किया जाता है.
IMAP प्रोटोकॉल के संस्करण (Version of IMAP in Hindi)
IMAP के सभी संस्करण RFC और लांच किये गए साल को हमने नीचे एक सारणी के द्वारा आपको बताया है.
वर्शन का नाम | RFC | कब लांच किया गया |
---|---|---|
IMAP1 | – | 1986 |
IMAP2 | RFC 1064 | 1988 |
IMAP3 | RFC 1203 | 1991 |
IMAP4 | RFC 1730 और RFC 1731 | 1994 |
IMAP प्रोटोकॉल काम कैसे करता है
IMAP प्रोटोकॉल Client-server Architecture को फॉलो करता है, यह सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला प्रोटोकॉल है. यह क्लाइंट और सर्वर प्रोसेस का एक combination है जो कि नेटवर्क के माध्यम से जुड़े अन्य कंप्यूटरों पर चलता है.
IMAP प्रोटोकॉल संचार के लिए TCP/IP कनेक्शन का इस्तेमाल करता है, एक बार संचार स्थापित होने के बाद यह Default रूप से पोर्ट 143 पर सुनता है, और सुरक्षित एन्क्रिप्टेड संचार के लिए पोर्ट 993 का इस्तेमाल करता है.
SMTP के द्वारा जब ईमेल IMAP मेल सर्वर में पहुँचते हैं तो मेल सर्वर IMAP प्रोटोकॉल का इस्तेमाल करके ईमेल को क्लाइंट के लोकल कंप्यूटर में पहुंचाता है. हालांकि IMAP सर्वर POP3 के विपरीत ईमेल को ट्रान्सफर करने के बाद भी एक कॉपी सर्वर में स्टोर करके रखता है, जिससे यूजर किसी दुसरे डिवाइस के द्वारा भी सर्वर से ईमेल को एक्सेस कर सकता है.
हमने आपको अपने पिछले लेख POP3 में IMAP तथा POP3 के बीच के अंतर को स्पष्ट रूप से बताया है, इसलिए आप उन लेख को भी जरुर पढ़ें.
IMAP प्रोटोकॉल की विशेषताएं (Feature of IMAP in Hindi)
IMAP की कुछ प्रमुख विशेषताएं निम्नलिखित हैं –
- क्लाइंट को रिमोट सर्वर से ईमेल को एक्सेस करने की सुविधा देता है.
- IMAP प्रोटोकॉल message flag सेट करता है जिससे यूजर देख सकता है कि उसने कौन सा ईमेल पहले देखा.
- इसमें ईमेल के केवल एक ही हिस्से को डाउनलोड किया जा सकता है. अधिकतर केस में हैडर पहले डाउनलोड होता है.
- यूजर अपनी आवश्यकता के अनुसारे मेल सर्वर पर ईमेल को व्यवस्थित कर सकते हैं. जैसे कि वे मेल सर्वर पर मेलबॉक्स बना सकते हैं, हटा सकते हैं या फिर एडिट कर सकते हैं.
- IMAP प्रोटोकॉल में ईमेल को एक्सेस करने के बाद भी एक कॉपी सर्वर में स्टोर रहती है.
- IMAP प्रोटोकॉल में यूजर ईमेल को भिन्न – भिन्न डिवाइस में एक्सेस कर सकते हैं.
- यह संचार के लिए पोर्ट 143 और 993 का इस्तेमाल करता है.
IMAP प्रोटोकॉल के फायदे (Advantage of Protocol in Hindi)
IMAP, POP3 की तुलना में एक Advance प्रोटोकॉल है जिसके कुछ प्रमुख फायदे निम्नलिखित हैं –
- IMAP प्रोटोकॉल यूजर को मेल सर्वर पर सभी फोल्डर को देखने की अनुमति देता है.
- IMAP प्रोटोकॉल में यूजर ईमेल को अनेक डिवाइस में एक्सेस कर सकता है.
- प्राप्त किये गए ईमेल को डाउनलोड करने से पहले आंशिक रूप से पढ़ा जा सकता है.
- यह यूजर को ईमेल को Sync करने की अनुमति देता है.
- उपयोगकर्ता अपने अनुसार मेल सर्वर पर ईमेल को व्यवस्थित कर सकता है.
- इसकी मदद से बड़े आकार के इमेज, विडियो, फाइल या डॉक्यूमेंट को attach करके भेजा जा सकता है.
IMAP प्रोटोकॉल के नुकसान (Disadvantage of IMAP Protocol in Hindi)
IMAP प्रोटोकॉल के कुछ नुकसान भी हैं जैसे कि –
- IMAP को मेन्टेन करना जटिल है.
- इन्टरनेट कनेक्शन होने पर भी उपयोगकर्ता ईमेल को एक्सेस कर सकता है.
- IMAP प्रोटोकॉल POP3 की तुलना में धीमा है.
- IMAP प्रोटोकॉल सर्वर पर आने वाले पुरे खर्चे को बढ़ा देता है.
- IMAP में एक बार में पूरा ईमेल डाउनलोड नहीं होता है.
IMAP तथा SMTP में अंतर
IMAP तथा SMTP के बीच प्रमुख अंतर निम्नलिखित हैं –
SMTP प्रोटोकॉल | IMAP प्रोटोकॉल |
---|---|
SMTP का पूरा नाम Simple Mail Transfer Protocol है. | IMAP का पूरा नाम Internet Message Access Protocol होता है. |
SMTP का इस्तेमाल ईमेल को भेजने के लिए किया जाता है. | IMAP का इस्तेमाल ईमेल को प्राप्त करने के लिए किया जाता है. |
SMTP का इस्तेमाल Sender तथा मेल सर्वरों के बीच किया जाता है. | IMAP का उपयोग क्लाइंट तथा क्लाइंट के मेल सर्वर के बीच किया जाता है. |
SMTP आउटगोइंग ईमेल के लिए प्रचलित प्रोटोकॉल है. | IMAC ईमेल को प्राप्त करने के लिए दो प्रचलित प्रोटोकॉल में से एक है. |
FAQ: IMAP Protocol Kya Hai In Hindi
IMAP का पूरा नाम Internet Message Access Protocol है.
IMAP प्रोटोकॉल का इस्तेमाल रिमोट सर्वर से लोकल कंप्यूटर में ईमेल को प्राप्त करने के लिए किया जाता है.
IMAP दो प्रोटोकॉल का इस्तेमाल करता है, सुरक्षित एन्क्रिप्टेड के लिए यह पोर्ट 993 का इस्तेमाल करता है और बिना एन्क्रिप्टेड के यह पोर्ट 143 का इस्तेमाल करता है.
IMAP का आविष्कार Mark Crispin ने 1986 में किया था.
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आपने सीखा: IMAP प्रोटोकॉल क्या है हिंदी में
अगर आपने इस लेख को अंत तक पढ़ा है तो हमें पूरी उम्मीद है आपको IMAP Protocol Kya Hai In Hindi तथा IMAP प्रोटोकॉल से सम्बंधित अनेक सारी महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त हुई होगी. हमने कोशिस की है कि इस लेख में आपको पूरी जानकारी दें जिससे कि आपको IMAP प्रोटोकॉल के विषय में पढने के लिए अन्य लेख पर ना जाना पड़ें.
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