फ्लॉपी डिस्क क्या है इसके प्रकार और उपयोग (Floppy Disk In Hindi)

Floppy Disk In Hindi: अगर आपको कंप्यूटर में रूचि है तो आपने कभी न कभी फ्लॉपी डिस्क का नाम जरुर सुना होगा. पर क्या आप जानते हैं Floppy Disk क्या है, फ्लॉपी डिस्क का आविष्कार किसने किया, फ्लॉपी डिस्क कितने प्रकार का होता है, फ्लॉपी डिस्क के पार्ट्स क्या हैं, फ्लॉपी डिस्क का उपयोग, फ्लॉपी डिस्क के फायदे और नुकसान क्या है.

अगर आप ऊपर पूछे गए सवालों का जवाब जानना चाहते है तो इस लेख को पूरा अंत तक पढ़ें. इस लेख में हमने आपको फ्लॉपी डिस्क के बारे में पूरी जानकारी देने की कोशिश की है.

फ्लॉपी डिस्क का इस्तेमाल 1980 – 1990 के समय में मुख्य रस्टोरेज डिवाइस के रूप में होता था. यह उस समय पर कंप्यूटर में फाइल ट्रान्सफर करने के लिए एक मात्र साधन था. पर धीरे – धीरे फ्लॉपी डिस्क का इस्तेमाल होना कम हो गया और आज के समय में फ्लॉपी डिस्क का इस्तेमाल बिल्कुल भी नहीं होता है.

आज के समय में फ्लॉपी डिस्क का इस्तेमाल क्यों नहीं होता है यह जानकारी भी आपको इस लेख में मिलने वाली है, तो चलिए बिना देरी के शुरू करते हैं आज के इस लेख को और जानते हैं Floppy Disk क्या है हिंदी में विस्तार से.

फ्लॉपी डिस्क क्या है (What is Floppy Disk in Hindi)

फ्लॉपी डिस्क एक Secondary Data Storage डिवाइस होती है, जिसका इस्तेमाल कंप्यूटर में डेटा को स्टोर करने के लिए किया जाता है. फ्लॉपी डिस्क एक हार्डवेयर डिवाइस होती है और यह पोर्टेबल होती है. इसे आसानी से एक स्थान से दुसरे स्थान में ले जाया जा सकता है और कंप्यूटर की डिस्क ड्राइव से आसानी से हटाया भी जा सकता है.

वर्तमान समय में फ्लॉपी डिस्क का उपयोग बहुत कम होता है क्योंकि फ्लॉपी डिस्क को Access करने में बहुत अधिक समय लगता है और इसकी स्टोरेज क्षमता भी कम होती है.

Floppy Disk को floppy diskette, floppy, और floppy disk drive के नाम से भी जाना जाता है. Floppy Disk के लिए जो डिस्क ड्राइव होते हैं उन्हें floppy driver कहा जाता है.

फ्लॉपी डिस्क का इतिहास (History of Floppy Disk in Hindi)

फ्लॉपी डिस्क ड्राइव का आविष्कार 1967 में Allan Sugart ने IBM में किया था. इसका आकार 8 इंच का था. यह पहले प्रकार का हार्डवेयर स्टोरेज डिवाइस था जो कि पोर्टेबल था. अर्थात इसमें स्टोर डेटा को Read and Write कर सकते थे.

यह फ्लॉपी डिस्क केवल 80KB डेटा ही स्टोर करने में सक्षम थी. जब इस डिस्क का आकार 8 इंच था तो इसे diskette कहते थे. फ्लॉपी डिस्क के अगले version में इसका आकार 5.25 इंच हो गया था और यह 800 KB डेटा स्टोर करने में सक्षम था. इसलिए इसे डिस्क कहा गया.

Floppy Disk image

1970 की शुरुवात में फ्लॉपी डिस्क का बहुत अधिक इस्तेमाल होने लगा. पहले इसका उपयोग केवल डेटा को Read करने के लिए होता था लेकिन बाद में इसे Read and Write के लिए डिजाईन किया गया.

5.25 इंच की फ्लॉपी डिस्क का इस्तेमाल सबसे पहले IBM ने 1981 में अपने पर्सनल कंप्यूटर में किया था. बाद में 3.5 इंच के फ्लॉपी डिस्क भी बनने लगे जिसकी स्टोरेज क्षमता 1.44 MB थी. लेकिन 1990 के समय पर 5.25 इंच की फ्लॉपी डिस्क ने काफी लोकप्रियता हासिल की थी.

फ्लॉपी डिस्क के प्रकार (Type of Floppy Disk in Hindi)

अपने आकार के अनुसार फ्लॉपी डिस्क 3 प्रकार के होते हैं.

  • 8 इंच फ्लॉपी डिस्क
  • 5.25 इंच फ्लॉपी डिस्क
  • 3.5 इंच फ्लॉपी डिस्क
फ्लॉपी डिस्क का चित्र
फ्लॉपी डिस्क का चित्र

#1 – 8 इंच फ्लॉपी डिस्क

यह सबसे फ्लॉपी डिस्क थी जिसे कि IBM के द्वारा 1967 में डिजाईन किया गया था. 8 इंच के फ्लॉपी डिस्क की स्टोरेज क्षमता 80 KB थी. शुरुवात में इसे केवल Read Only Format में डिजाईन किया गया था लेकिन बाद में इसे Read and Write Format में डिजाईन किया गया.

#2 – 5.25 इंच फ्लॉपी डिस्क

1980 – 90 के दौरान 5.25 इंच की फ्लॉपी डिस्क का इस्तेमाल पर्सनल कंप्यूटर में किया जाने लगा. यह एक पोर्टेबल स्टोरेज मीडिया था. 5.25 इंच फ्लॉपी डिस्क की स्टोरेज क्षमता 800 KB है.

#3 – 3.5 इंच फ्लॉपी डिस्क

3.5 इंच सबसे छोटी फ्लॉपी डिस्क है. आकार में छोटा होने के बावजूद भी इसकी स्टोरेज क्षमता 8 इंच और 5.25 इंच फ्लॉपी डिस्क से अधिक थी. 3.5 इंच फ्लॉपी डिस्क की स्टोरेज क्षमता 1.44 MB है.

फ्लॉपी डिस्क के घटक (Component of Floppy Disk in Hindi)

एक फ्लॉपी डिस्क में निम्न घटक होते हैं –

Read / Write Head – फ्लॉपी डिस्क में Read and Write Magnetic Head होते हैं. यह डिस्क के दोनों तरफ होते हैं. जिसके कारण यह डेटा को Read and Write करने में सक्षम होता है. डिस्क के दुसरे हिस्से में मौजूद Head का इस्तेमाल डेटा को ट्रैक करने और हटाने के लिए किया जाता है.

Circuit Board – सर्किट बोर्ड में फ्लॉपी डिस्क के सभी महत्वपूर्ण इलेक्ट्रॉनिक भाग होते हैं जो कि डेटा को Read – write करने के लिए handle करते हैं. साथ में ही सर्किट बोर्ड Stepper Motor को भी हम्दले करता है.

Stepper Motor – यह मोटर सटीक नंबर की stepped revolutions का आंकलन करता है, जिससे Read / Write Head Assembly Proper Track Position में Move करता है.

Drive Motor – यह फ्लॉपी डिस्क की सबसे महत्वपूर्ण भाग होती है जो कि 1 मिनट में 360 बार घुमती है. यह छोटी सी मोटर फ्लॉपी के साथ जुड़े धातु के केंद्र से जुडी रहती है.

Read / Write Window – इसमें Head की मदद से read and write का काम होता है.

Maniacal Frame –  यह फ्लॉपी डिस्क की protective window को खोलती है ताकि read/write heads को dual-sided diskette media को Touch करने के लिए Allow कर सके. एक बाहरी बटन से diskette को बाहर निकाला जाता है.

फ्लॉपी डिस्क के उपयोग (Uses of Floppy Disk in Hindi)

  • फ्लॉपी डिस्क का सबसे महत्वपूर्ण और प्रमुख उपयोग डेटा को स्टोर करने का होता है. यूजर फ्लॉपी डिस्क की मदद से महत्वपूर्ण डेटा का Backup बना सकते हैं.
  • 3.5 इंच फ्लॉपी डिस्क का इस्तेमाल कंप्यूटर के बीच में फाइल को ट्रान्सफर करने के लिए किया जाता है. यह फ्लॉपी डिस्क विभिन्न कंप्यूटर के बीच में फाइल ट्रान्सफर करने के लिए Universal Standard  के रूप में जानी जाती है.
  • 3.5 इंच फ्लॉपी डिस्क का एक सबसे महत्वपूर्ण एप्लीकेशन यह था कि प्रोग्राम और सेवाओं का वितरण करना जिसमें ड्राइव और सॉफ्टवेयर Update महत्वपूर्ण थे. फ्लॉपी डिस्क के जरिये ड्राइवर और सॉफ्टवेयर को आसानी से अपडेट किया जा सकता है.

फ्लॉपी डिस्क के फायदे (Advantage of Floppy Disk in Hindi)

फ्लॉपी डिस्क के कुछ महत्वपूर्ण फायदे निम्न हैं –

  • फ्लॉपी डिस्क का सबसे बड़ा फायदा यह था कि ये पोर्टेबल थे. इसका आकार बहुत छोटा था जिससे कि यूजर इसकी मदद से छोटे आकार के फाइल को भी आसानी से एक स्थान से दुसरे स्थान में ले जा सकते थे.
  • फ्लॉपी डिस्क आकार में छोटे और कम वजनी थे.
  • उस समय पर फ्लॉपी डिस्क की कीमत अन्य स्टोरेज डिवाइस की तुलना में बहुत कम थी.
  • फ्लॉपी डिस्क में स्टोर डेटा को Random Order में Access कर सकते थे.
  • 1990 के दशक तक फ्लॉपी डिस्क कंप्यूटर के मुख्य स्टोरेज डिवाइस थे.

फ्लॉपी डिस्क के नुकसान (Disadvantage of Floppy Disk in Hindi)

फ्लॉपी डिस्क में कुछ कमी भी थी जिसके कारण आज इसका इस्तेमाल होना बंद हो गया है.

  • फ्लॉपी डिस्क की स्टोरेज क्षमता बहुत कम थी.
  • फ्लॉपी डिस्क में डेटा ट्रान्सफर रेट बहुत कम था. फ्लॉपी डिस्क में डेटा ट्रान्सफर करने में बहुत अधिक समय लगता था.
  • फ्लॉपी डिस्क में चुम्बकीय क्षेत्र और गर्मी के कारण फाइल corrupt भी हो सकते थे. यह फ्लॉपी डिस्क का सबसे बड़ा नुकसान था.
  • वर्तमान समय में फ्लॉपी डिस्क का इस्तेमाल नहीं किया जाता है.

हार्ड डिस्क और फ्लॉपी डिस्क में अंतर

हार्ड डिस्क और फ्लॉपी डिस्क के बीच के अंतर को हमने आपको नीचे सारणी के माध्यम से बताया है –

हार्ड डिस्कफ्लॉपी डिस्क
हार्ड डिस्क की स्टोरेज क्षमता अधिक होती है.फ्लॉपी डिस्क की स्टोरेज क्षमता बहुत कम होती है.
हार्ड डिस्क अधिक स्पीड से डेटा को स्टोर कर सकता है.फ्लॉपी डिस्क की डेटा स्टोर करने की स्पीड कम होती है.
हार्ड डिस्क आसानी से पोर्टेबल नहीं होता है.फ्लॉपी डिस्क आसानी से पोर्टेबल है.
हार्ड डिस्क का वजन फ्लॉपी डिस्क की तुलना में अधिक होता है.फ्लॉपी डिस्क का वजन बहुत कम होता है.
फ्लॉपी डिस्क की तुलना में हार्ड डिस्क की कीमत अधिक होती है.फ्लॉपी डिस्क सस्ता होता है.
हार्ड डिस्क एल्युमीनियम से बनी चुम्बकीय डिस्क है.फ्लॉपी डिस्क प्लास्टिक से बनी चुम्बकीय डिस्क है.
हार्ड डिस्क का इस्तेमाल मुख्य स्टोरेज के रूप में किया जाता है.पहले फ्लॉपी डिस्क का इस्तेमाल भी मुख्य स्टोरेज डिवाइस के रूप में किया जाता था, पर अब इसका इस्तेमाल नहीं किया जाता है.
वर्तमान समय में हार्ड डिस्क का इस्तेमाल व्यापक रूप से किया जाता है.वर्तमान समय में फ्लॉपी डिस्क का इस्तेमाल नहीं किया जाता है.
Hard Disk vs Floppy Disk In Hindi

इन्हें भी पढ़े 

FAQ For Floppy Disk in Hindi

फ्लॉपी डिस्क क्या है?

फ्लॉपी डिस्क कंप्यूटर में एक डेटा स्टोरेज डिवाइस है जिसका इस्तेमाल डेटा को स्टोर करने के लिए किया जाता है.

फ्लॉपी डिस्क का आविष्कार किसने किया?

फ्लॉपी डिस्क का आविष्कार 1967 में Allan Sugart ने किया था.

फ्लॉपी डिस्क का आकार कितना होता है?

फ्लॉपी डिस्क 3 अलग – अलग आकारों में आती है जो क्रमशः 8 इंच, 5.25 इंच और 3 इंच है.

फ्लॉपी डिस्क की स्टोरेज क्षमता कितनी होती है?

एक 3 इंच फ्लॉपी डिस्क की स्टोरेज क्षमता 1.44 MB होती है.

क्या आज के समय में भी फ्लॉपी डिस्क का इस्तेमाल होता है?

वर्तमान समय में फ्लॉपी डिस्क का इस्तेमाल लगभग न के बराबर है. बाजार में जितने भी कंप्यूटर आ रहे हैं उनमें फ्लॉपी डिस्क का इस्तेमाल नहीं हुआ है.

आपने सीखा: फ्लॉपी डिस्क क्या है हिंदी में

आज के इस लेख को पढने के बाद आप लोग समझ गए होंगे कि Floppy Disk Kya Hai In Hindi और क्यों वर्तमान समय में फ्लॉपी डिस्क का इस्तेमाल नहीं किया जाता है. फ्लॉपी डिस्क एक स्टोरेज डिवाइस था जो 1980 – 90 के दशक में बहुत इस्तेमाल किया जाता था. पर इसकी कुछ कमी के कारण आज फ्लॉपी डिस्क का इस्तेमाल लगभग ख़त्म हो गया है. इस लेख में इतना ही, उम्मीद करते हैं आपको हमारे द्वारा लिखा यह लेख जरुर पसंद आया होगा, इस What IsFloppy Disk In Hindi लेख को सोशल मीडिया पर भी अपने दोस्तों के साथ जरुर शेयर करें.

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top