फ़्लैश मेमोरी क्या है प्रका, कैसे काम करती है (Flash Memory Hindi)

Flash Memory Kya Hai in Hindi आप लोगों ने RAM, ROM, SSD, हार्ड डिस्क आदि स्टोरेज डिवाइस के बारे में तो जरुर सुना ही होगा, पर बहुत कम लोगों को ही पता होता है कि Flash Memory क्या है. अगर आपको भी फ़्लैश मेमोरी के बारे में पता नहीं है और आप फ़्लैश मेमोरी के बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो इस लेख को पूरा अंत तक पढ़ें.

इस लेख में हमने आपको फ़्लैश मेमोरी क्या है, फ़्लैश मेमोरी का अविष्कार किसने किया, फ़्लैश मेमोरी कितने प्रकार की होती है, फ़्लैश मेमोरी के कार्य तथा फ़्लैश मेमोरी के फायदे नुकसानों के बारे में बताया है.

तो चलिए सीधे आते हैं अपने लेख पर और जानते हैं फ़्लैश मेमोरी क्या होती है विस्तार से हिंदी में.

फ़्लैश मेमोरी क्या है (What is Flash Memory in Hindi)

फ़्लैश मेमोरी एक स्थायी या Non Volatile मेमोरी है जिसका इस्तेमाल डेटा को स्टोर करने के लिए किया जाता है. डेटा स्टोर करने के अलावा फ़्लैश मेमोरी का इस्तेमाल डेटा का बैकअप तथा हस्तांतरण में भी किया जाता है.

फ़्लैश मेमोरी एक प्रकार की EEPROM (इलेक्ट्रिक इरेज़ेबल रीड-ओनली मेमोरीइरेज़ेबल रीड-ओनली मेमोरी) है. बिजली की आपूर्ति न होने के बाद भी फ़्लैश मेमोरी में स्टोर डेटा सुरक्षित रहता है. लेकिन एक हाई वोल्टेज की शॉट के द्वारा फ़्लैश मेमोरी में स्टोर डेटा को मिटाया जा सकता है और दुबारा Rewrite किया जा सकता है.

फ़्लैश मेमोरी का उपयोग कार रेडिओ, डिजिटल कैमरा, सेल फ़ोन, टेबलेट, प्रिंटर आदि के साथ व्यापक रूप से किया जाता है.

फ़्लैश मेमोरी का इतिहास

फ़्लैश मेमोरी का आविष्कार Fujio Masuoka ने 1980 के दशक के शुरुवात में किया था. Fujio Masuoka ने Toshiba कंपनी में कार्य करते हुए फ़्लैश मेमोरी का निर्माण किया. 1984 में Toshiba ने फ़्लैश मेमोरी को मार्केट में पेश किया. इसके बाद 1988 में Intel ने प्रोसेसर के लिए NOR फ़्लैश मेमोरी को बनाया था.

फ़्लैश मेमोरी कैसे काम करती है (How Does Flash Memory Work in Hindi)

फ़्लैश मेमोरी solid-state chips में निर्मित होती है, और प्रत्येक चिप में फ़्लैश मेमोरी सेल की एक array होती है. फ्लैश मेमोरी डेटा लॉग करने के लिए ट्रेडिशनल इलेक्ट्रोमैकेनिकल पद्धति का उपयोग करने के बजाय इलेक्ट्रिक सर्किट का उपयोग करती है,.

प्रत्येक सेल के इलेक्ट्रिकल इनपुट (सोर्स) और इलेक्ट्रिक आउटपुट (ड्रेन) के बीच ट्रांजिस्टर के द्वारा करंट प्रवाहित होता है. ट्रांजिस्टर On – Off स्विच या गेट के रूप में कार्य करके करंट के path को कंट्रोल करता है.

एक ऑन ट्रांजिस्टर इलेक्ट्रान flow को allow करता है, जो बाइनरी कोड में 1 को स्टोर करता है, तथा एक ऑफ ट्रांजिस्टर इलेक्ट्रान को ब्लॉक करता है और 0 को स्टोर करता है.

एक वोलेटाइल मेमोरी पॉवर सप्लाई के बंद हो जाने पर सभी गेट्स को 0 की स्थिति में लौटा देती है, इस प्रकार से सारा स्टोर डेटा मिट जाता है.

लेकिन एक नॉन वोलेटाइल मेमोरी दुसरे गेट को जोड़कर काम करता है जिसे कि फ्लोटिंग गेट के रूप में जाना जाता है. जैसे ही इलेक्ट्रान एक्टिव होकर ट्रांजिस्टर से गुजरते हैं तो कुछ इलेक्ट्रान फ्लोटिंग गेट से चिपक जाते हैं, और बिजली के साथ या बिजली के बिना अनिश्चितकाल काल तक 1 स्टोर करने तक वहीँ रहते हैं.  

सभी प्रकार के programmable ROM (PROM) इलेक्ट्रान के इस आंशिक नुकसान का अनुभव करते हैं. EEPROM में गेट केवल इलेक्ट्रान को रोक देगा जब कोई यूजर ट्रांजिस्टर को वापस 0 में करने के लिए एक विशिष्ट नकारात्मक वोल्टेज लागू करता है.

फ़्लैश मेमोरी के प्रकार (Types of Flash Memory in Hindi)

फ़्लैश मेमोरी मुख्य रूप से दो प्रकार की होती है और इन दोनों को अलग – अलग विशेष उद्देश्यों के लिए उपयोग किया जाता है.

  • NAND Flash Memory (एन ए एन डी फ़्लैश मेमोरी)
  • NOR Flash Memory (एन ओ आर फ़्लैश मेमोरी)

1 – NAND Flash Memory (एन ए एन डी फ़्लैश मेमोरी)

NAND फ़्लैश मेमोरी में डेटा को read करने की स्पीड धीमी होती है, यह केवल ब्लॉक में मेमोरी को एक्सेस कर सकता हैं. NAND एक सस्ती फ़्लैश मेमोरी है. यह बड़ी साइज़ की फाइलों तथा बार – बार अपडेट होने वाली फाइल को कुशलता से स्टोर करने में सक्षम है. वर्तमान समय में Pan Drive SD कार्ड आदि के रूप में फ़्लैश मेमोरी का इस्तेमाल व्यापक रूप से किया जाता है.

2 – NOR Flash Memory (एन ओ आर फ़्लैश मेमोरी)

NOR फ़्लैश मेमोरी NAND की तुलना में अधिक तेज गति से डेटा read करने में सक्षम है. यह अधिक सटीकता के साथ डेटा को read और edit कर सकता है. NAND फ़्लैश मेमोरी की तुलना में इसकी कीमत अधिक है. छोटे कोड निर्देश प्रोग्राम को चलाने के लिए NOR रक ideal मेमोरी है. यूजर अधिकतर Code executing के लिए NOR फ़्लैश मेमोरी को चुनते हैं.

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फ़्लैश मेमोरी के कार्य

फ़्लैश मेमोरी के प्रमुख कार्य निम्नलिखित हैं –

  • फ़्लैश मेमोरी एक स्टोरेज डिवाइस है जिसका इस्तेमाल डेटा को स्टोर करने के लिए किया जाता है.
  • फ़्लैश मेमोरी डेटा को लम्बे समय तक स्टोर करने में सक्षम है, इसलिए डेटा बैकअप में भी फ़्लैश मेमोरी का इस्तेमाल किया जाता है.
  • डेटा को एक कंप्यूटर से दुसरे कंप्यूटर में ट्रान्सफर करने के लिए फ़्लैश मेमोरी का इस्तेमाल किया जाता है.

फ़्लैश मेमोरी के फायदे (Advantage of Flash Memory in Hindi)

फ़्लैश मेमोरी के कुछ प्रमुख फायदे निम्नलिखित हैं –

  • फ़्लैश मेमोरी एक स्थाई मेमोरी है, इसमें स्टोर डेटा पॉवर सप्लाई न मिलने के बाद भी सुरक्षित रहता है.
  • डेटा बैकअप, डेटा ट्रान्सफर और डेटा को लम्बे समय तक सुरक्षित रखने के लिए फ़्लैश मेमोरी एक अच्छा विकल्प है.
  • फ़्लैश मेमोरी में स्टोर डेटा को मिटाकर पुनः rewrite किया जा सकता है.
  • फ़्लैश मेमोरी का इस्तेमाल करना बहुत ही आसान है.
  • फ़्लैश मेमोरी कम बिजली की खपत करती है.

फ़्लैश  मेमोरी के नुकसान (Disadvantage of Flash Memory in Hindi)

फ़्लैश मेमोरी के कुछ नुकसान भी हैं, जैसे कि –

  • फ़्लैश मेमोरी के हर बिट की कीमत हार्डड्राइव से अधिक है.
  • अन्य स्टोरेज डिवाइस की तुलना में फ़्लैश मेमोरी थोड़ी धीमी है.
  • नया डेटा स्टोर करने के लिए पुराने डेटा को मिटाना पड़ता है.

फ़्लैश मेमोरी से सम्बंधित सामान्य प्रश्न

फ़्लैश मेमोरी क्या है?

Flash Memory एक स्टोरेज डिवाइस है जिसका इस्तेमाल डेटा को लम्बे समय तक सुरक्षित रूप से स्टोर करने के लिए किया जाता है.

फ़्लैश मेमोरी किस प्रकार की मेमोरी है?

फ़्लैश मेमोरी एक Non Volatile Memory है.

फ़्लैश मेमोरी कितने प्रकार की होती है?

फ़्लैश मेमोरी 2 प्रकार की होती है – NOR and NAND फ़्लैश मेमोरी.

फ़्लैश मेमोरी का अविष्कार किसने किया?

फ़्लैश मेमोरी का आविष्कार 1980 के दशक में Toshiba कंपनी के एक इंजीनियर Fujio Masuoka में किया.

फ़्लैश मेमोरी का इस्तेमाल कहाँ किया जाता है?

फ़्लैश मेमोरी का इस्तेमाल मोबाइल फ़ोन, डिजिटल कैमरा, टेबलेट, कंप्यूटर आदि में किया जाता है.

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आपने सीखा: फ़्लैश मेमोरी क्या है हिंदी में

इस लेख में हमने आपको Flash Memory Kya Hai In Hindi के बारे में पूरी जानकरी दी है, हमें पूरी उम्मीद है कि इस लेख को पढने के बाद आपको फ़्लैश मेमोरी से जुड़े आपके सभी प्रश्नों का जवाब मिल गया होगा. अगर इस लेख में कुछ जानकारी अधूरी रह गयी तो आप हमें नीचे कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं. हम जरुर लेख में सुधार करेंगे. अगर आपको यह लेख पसंद आया है तो इस लेख को सोशल मीडिया के द्वारा दुसरे लोगों तक भी पहुंचाएं. धन्यवाद||

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