डिविडेंड (लाभांश) क्या है प्रकार और काम कैसे करता है (Dividend In Hindi)

Dividend Meaning in Hindi: शेयर मार्केट से पैसे कमाने के मुख्य रूप से दो तरीके होते हैं एक तो शेयर को खरीदने और बेचने से और दूसरा Dividend, जिसके बारे में बहुत कम निवेशक ही जानते हैं. अगर आप भी शेयर मार्केट में निवेश करते हैं तो आपको Dividend के बारे में हर एक जानकारी मालूम होनी चाहिए. आपकी जानकारी के लिए बता दें कई सारे अनुभवी निवेशक डिविडेंड के द्वारा हर महीने लाखों रूपये की कमाई करते हैं.

आज के इस लेख में हमने आपको Dividend क्या है की पूरी जानकारी दी है, हमने इस लेख में डिविडेंड से सम्बंधित हर उस टॉपिक को कवर किया है जो आपके लिए महत्वपूर्ण है और हमें पूरी उम्मीद है अगर आप इस आर्टिकल को अंत तक पढ़ते हैं तो आपको डिविडेंड के बारे में खोजने के लिए किसी अन्य ब्लॉग पर जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी.

तो चलिए बिना समय गंवाए शुरू करते हैं आज का यह लेख और जानते हैं डिविडेंड क्या होता है हिंदी में विस्तार से.

डिविडेंड क्या है (What is Dividend in Hindi)

Dividend जिसे हिंदी मीनिंग में लाभांश कहते हैं, यह कंपनियों के द्वारा अपने शेयर धारकों को दिया जाने वाला मुनाफे या लाभ का कुछ हिस्सा होता है. अर्थात जब कंपनियां लाभ का कुछ प्रतिशत हिस्सा अपने शेयर धारकों को देती है तो उसे Dividend या लाभांश कहते हैं. डिविडेंड की दर को कंपनी के मैनेजमेंट के द्वारा तय की जाती है.

कंपनी शेयर धारकों को कंपनी में निवेश करने और कंपनी में विश्वाश जताने के कारण उन्हें रिवॉर्ड के रूप में डिविडेंड देती है. लाभांश शेयर के निश्चित मूल्य (Fixe Amount) पर दिया जाता है. कंपनियां अपने नेट प्रॉफिट में से डिविडेंड बांटती है. कंपनी को जो लाभ होता है वह उसमें से सभी खर्चें, टैक्स, ब्याज आदि को घटाने के बाद नेट प्रॉफिट बचता है.

कंपनियां Dividend की राशि को प्रति शेयर के हिसाब से देती है. उदाहरण के लिए आपके पास X कंपनी के 100 शेयर हैं और उस X कंपनी ने प्रति शेयर 10 रूपये डिविडेंड देने की घोषणा की है तो आपको 100*10 = 1000 रूपये डिविडेंड मिलेगा. निवेशक शेयर खरीदने – बेचने के अलावा Dividend से भी अच्छी कमाई करते हैं.

सीधे शब्दों में कहें तो कंपनी के नेट प्रॉफिट में से शेयर धारकों को मिलने वाली राशि डिविडेंड कहलाती है.

डिविडेंड काम कैसे करता है (Dividend Work in Hindi)

  • जब शेयर मार्केट में सूचीबद्ध कंपनियां अच्छा बिज़नस करके अच्छा शुद्ध लाभ या नेट प्रॉफिट कमाती है तो कंपनी का मैनेजमेंट तय करता है कि लाभ को दुबारा कम्पनी में निवेश करना है या फिर लाभ को शेयर धारकों में वितरित करना है.
  • कम्पनी के मैनेजमेंट डिविडेंड को वितरित करने के अंतिम निर्णय पर पहुँचते हैं तो कंपनी के Board of Director डिविडेंड वितरित करने की घोषणा करते हैं,
  • जिसमें डिविडेंड कब दिया जायेगा, डिविडेंड प्रति शेयर और रिकॉर्ड डेट Declarer करते हैं.
  • अंत में तय तिथि को शेयर धारकों को डिविडेंड वितरित कर दिया जाता है.

डिविडेंड के प्रकार (Types of Dividend in Hindi)

कंपनियां शेयर धारकों को मुख्य रूप से 6 प्रकार के डिविडेंड देती है.

  • Cash Dividend (नकद लाभांश)
  • Stock Dividend (स्कंध लाभांश)
  • Asset Dividend (सम्पति लाभांश)
  • Scrip Dividend (स्क्रिप डिविडेंड)
  • Liquidating Dividend (परिसमापन लाभांश)
  • Special Dividend (विशेष लाभ)

चलिए अब इन सभी 6 प्रकार के Dividend के बारे में एक – एक कर जानते हैं.

#1 – Cash Dividend (नकद लाभांश)

जैसा कि नाम से स्पष्ट है इस प्रकार के डिविडेंड का भुगतान नकद किया जाता है. कंपनियां शेयर धारकों के बैंक खाते में सीधे डिविडेंड की राशि ट्रान्सफर कर देती है. कभी – कभी यह cheque में भी दिया जाता है. Cash Dividend सबसे प्रचलित डिविडेंड है.

#2 – Stock Dividend (स्कंध लाभांश)

Stock Dividend में कंपनियां शेयर धारकों को कैश के बदले कंपनी के शेयर भी दे सकती हैं. शेयर धारकों के पास यह विकल्प होता है कि वह किस प्रकार का डिविडेंड चाहते हैं.

#3 – Asset Dividend (सम्पति लाभांश)

जब कंपनी शेयर धारकों को डिविडेंड के रूप में किसी प्रकार की चल – अचल सम्पति या गैर मौद्रिक सम्पति का भुगतान करती है तो उसे Asset Dividend कहा जाता है.

#4 – Scrip Dividend (स्क्रिप लाभांश)

Scrip Dividend पहले के तीनों डिविडेंड से बहुत अलग है. जब कंपनी के पास डिविडेंड देने के लिए पर्याप्त धनराशि नहीं होती है तब कंपनियां Scrip Dividend जारी करती है. Scrip Dividend कंपनी के द्वारा शेयर धारकों को दी जाने वाली एक गारंटी होती है कि वह भविष्य में डिविडेंड का भुगतान करेंगें.

#5 – Liquidating Dividend (परिसमापन लाभांश)

जब कोई कंपनी अपना कारोबार बंद कर रही होती है तो वह अपने शेयरधारकों को Liquidating Dividend भुगतान करती है. यह कंपनी के द्वारा शेयर होल्डर को अंतिम लाभांश का भुगतान होता है.

#6 – Special Dividend (विशेष लाभांश)

जब कंपनी अपने डिविडेंड पॉलिसी से हटकर डिविडेंड का भुगतान करती है तो इस प्रकार के डिविडेंड को Special Dividend कहते हैं. यह डिविडेंड सामान्य डिविडेंड से अधिक होता है. जब कंपनियां अधिक लाभ कमाती है तो वह इस प्रकार के डिविडेंड का भुगतान करती हैं.

डिविडेंड देने के नियम (Dividend Rules In Hindi)

अगर आप एक निवेशक हैं तो आपको डिविडेंड के नियमों के बारे में जानकारी होना आवश्यक है.

  • शेयर धारकों को Dividend देना किसी भी कंपनी के लिए अनिवार्य नहीं है.
  • Dividend देने से सम्बंधित सभी अधिकार कंपनी के Board of Director के पास होते हैं.
  • अगर कोई कंपनी हर बार अपने शेयर धारकों को Dividend दे रही है तो ऐसा जरुरी नहीं है कि वह आगे चलकर भी शेयर धारकों को Dividend देगी.
  • कंपनी Dividend हमेशा Face value पर देती है ना कि शेयर के प्राइस पर. जैसे किसी कंपनी के शेयर की प्राइस 100 रूपये है और Face value 10 रूपये है. अगर कंपनी 100 प्रतिशत Dividend देने की घोषणा करती है तो इसका मतलब कंपनी हर शेयर पर 10 रूपये Dividend देगी.

डिविडेंड पॉलिसी क्या है (Dividend Policy in Hindi)

लाभांश की दर को निर्धारित करने के लिए जिन सिद्धांतों या नियमों का पालन किया जाता है उसे डिविडेंड पॉलिसी कहते हैं. हर कंपनी की अपनी अलग लाभांश निति होती है और जब भी कंपनी के Board of Director लाभांश को वितरित करते हैं तो वह कम्पनी की डिविडेंड पॉलिसी के तहत ही वितरित करते हैं.

डिविडेंड की गणना कैसे की जाती है (Dividend Calculation in Hindi)

शेयर मार्केट में जितनी भी कंपनियां लिस्ट रहती हैं उन सब की एक Face Value होती है. इस Face Value के आधार पर ही कंपनियां शेयर धारकों को डिविडेंड वितरित करती है. कंपनी का करंट मार्केट प्राइस से डिविडेंड की गणना का कोई संबंध नहीं है.

उदाहरण के तौर पर माना SBI के एक शेयर की प्राइस 1000 रूपये चल रही है और इसकी Face Value 100 रूपये है. अब SBI ने 100 प्रतिशत डिविडेंड देने की घोषणा की है तो इसका मतलब है कि SBI का प्रति शेयर डिविडेंड 100 रूपये है. इसी प्रकार अगर SBI 50 प्रतिशत डिविडेंड देने की घोषणा करती है तो SBI का प्रति शेयर डिविडेंड 50 रूपये है.

अगर आपके पास SBI के 10 शेयर है तो आपको 100 प्रतिशत डिविडेंड में 10*100 = 1000 रूपये मिलेंगे. तो इस प्रकार से डिविडेंड की गणना की जाती है.

डिविडेंड कैसे मिलता है

कंपनी लाभ कमाने की स्थिति में शेयर धारकों को डिविडेंड देने की घोषणा करती है. डिविडेंड शेयर धारक के Demat Account से लिंक बैंक अकाउंट में क्रेडिट किया जाता है. जैसे आपका डीमैट अकाउंट Upstox में है और Upstox में आपका PNB बैंक अकाउंट लिंक है. तो आपको जो डिविडेंड मिलेगा वह आपने PNB बैंक अकाउंट में आयेगा.

डिविडेंड से सम्बंधित महत्वपूर्ण तारीखें

डिविडेंड से सम्बंधित कुछ महत्वपूर्ण तारीखें होती हैं जिनके बारे में सभी शेयर धारकों को पता होना चाहिए.

  • Dividend Declaration Date – यह वह तारीख होती है जब कम्पनी के Board of Director शेयर धारकों को डिविडेंड देने की घोषणा करते हैं.
  • Record Date – प्रत्येक कम्पनी के शेयर धारकों की रक रिकॉर्ड बुक होती है जिसमें सभी शेयर धारकों का नाम होता है. यह रिकॉर्ड प्रतिदिन बदलते रहता है, इसलिए रिकॉर्ड डेट निर्धारित की जाती है. रिकॉर्ड डेट तक जिन भी शेयर धारकों का नाम रिकॉर्ड बुक में होगा उन्हें ही डिविडेंड मिलता है. रिकॉर्ड डेट भी  Dividend Declaration Date के दिन ही बता दी जाती है.
  • Ex Dividend Date – यह वह डेट होती है जब तक शेयर धारक शेयर खरीदकर डिविडेंड प्राप्त कर सकते हैं. यह डेट सामान्य तौर पर Record Date के 2 दिन पहले तक होती है. अगर कोई निवेशक  Ex Dividend Date के बाद शेयर खरीदता है तो उसे डिविडेंड नहीं मिलता है. Ex Dividend Date स्टॉक एक्सचेंज के द्वारा निर्धारित कियी जाते हैं ताकि रिकॉर्ड डेट तक सभी सही शेयर धारकों के नाम रिकॉर्ड बुक में दर्ज रहे.
  • Dividend Payment Date – जिस दिन शेयर धारकों को डिविडेंड का भुगतान कर दिया जाता है उसे Payment Date कहते हैं.

Dividend Yield क्या होता है

Dividend Yield एक ऐसी Financial Ratio होता है जो किसी स्टॉक की डिविडेंड देने की क्षमता को दर्शाती है. Dividend Yield से निवेशक को यह पता चलता है कि शेयर की मौजूदा मार्केट value पर किये गए निवेश में निवेशक को कितना प्रतिशत डिविडेंड के रूप में मिलेगा. Dividend Yield शेयर प्राइस के आधार पर घटता बढ़ता रहता है.

Dividend Yield = (Dividends Value ÷ Current Market Price) X 100

एक उदाहरण से समझते हैं, माना कोई कम्पनी X है जिसका शेयर प्राइस 500 रूपये है और उसकी Face value 50 रूपये है. कम्पनी ने 100 प्रतिशत डिविडेंड देने की घोषणा की है (यानि कम्पनी 50 रूपये प्रति शेयर डिविडेंड देगी). अब Dividend Yield की बात करें तो यह फार्मूला है.

Dividend Yield = (50/500)*100 = 10%

सबसे ज्यादा डिविडेंड देने वाली कंपनी

सबसे ज्यादा डिविडेंड बोनस देने वाली कुछ प्रमुख कंपनियां निम्नलिखित हैं.

  • कोल इंडिया
  • वेदांता लिमिटेड
  • बीपीसीएल
  • आईओसी,
  • NMDC,
  • सोनाटा सॉफ्टवेयर

नोट – हम यहाँ पर इन कम्पनियों में निवेश करने की सलाह नहीं देते हैं, यह केवल जानकारी के उद्देश्य से आपको बताया गया है. किसी भी कंपनी में निवेश करने से पहले Expert की सलाह जरुर लें.

FAQ: Dividend Kya Hai In Hindi

शेयर मार्केट में डिविडेंड क्या होता है?

जब कंपनियां अपने नेट प्रॉफिट में से कुछ प्रतिशत हिस्सा शेयर धारकों को देती है इसे ही डिविडेंड कहते हैं.

डिविडेंड कब मिलता है?

कंपनी को लाभ मिलने की स्थिति में ही डिविडेंड का भुगतान किया जाता है.

डिविडेंड का हिंदी मतलब क्या है?

डिविडेंड को हिंदी में लाभांश कहते हैं यानि लाभ का एक अंश या हिस्सा.

डिविडेंड पॉलिसी क्या होती है?

कंपनी जिन नियमों के अंतर्गत शेयर धारकों को डिविडेंड वितरित करती है उसे डिविडेंड पॉलिसी कहते हैं.

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निष्कर्ष: लाभांश क्या है हिंदी में

इस ब्लॉग पोस्ट में हमने आपको डिविडेंड के बारे में सम्पूर्ण जानकारी प्रदान करवाई है और हमें पूरी उम्मीद है कि इस आर्टिकल को पढने के बाद आपके मन में डिविडेंड से सम्बंधित सभी डाउट दूर हो गए होंगें. डिविडेंड शेयर मार्केट से Passive Income करने का एक अच्छा जरिया है, आप भी शेयर मार्केट में निवेश करके डिविडेंड से अच्छी कमाई कर सकते हैं.

तो दोस्तों इस लेख में इतना ही, आशा करते हैं आपको हमारे अन्य लेखों की तरह इस लेख से भी कुछ ना कुछ सीखने को मिला होगा. यदि आपको यह लेख पसंद आया तो इसे सोशल मीडिया पर अपने अन्य दोस्तों के साथ भी शेयर करें और उन्हें भी डिविडेंड की यह जानकारी बतायें.

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