Distance Learning क्या है (ऑनलाइन ग्रेजुएशन और डिस्टेंसलर्निंग में अंतर)

Distance Learning In Hindi: डिस्टेंस लर्निंग क्या है, कैसे करते हैं, इसे कब करना चाहिए, इसका फॉर्म कब मिलता है? डिस्टेंस लर्निंग कहां से करें? जानिए डिस्टेंस लर्निंग के विषय में सब कुछ हिन्दी में… 

डिस्टेंस लर्निंग वर्तमान समय का एक जरूरत बन चुका है. यह इतना आवश्यक हो चुका है जितना कि हमारे लिए रोटी, कपड़ा और मकान होता है, क्योंकि हम अब तक एजुकेशन के physical mode से अधिक aware थे. परंतु अब समय के साथ साथ हमें अपने विद्यालय अथवा कॉलेज या यूनिवर्सिटी से दूर रहकर पढ़ाई करने की जरूरत पड़ रही है.

इस लेख के माध्यम से हमने डिस्टेंस लर्निंग के विषय में जानकारी प्रस्तुत करने का प्रयास किया है साथ ही हमने यह बताने की कोशिश भी की है कि डिस्टेंसलर्निंग क्यों किया जाता है यह किसके लिए उपयुक्त है इसे कैसे कहते हैं इसके एडवांटेज और डिसएडवांटेज और साथ ही डिस्टेंस लर्निंग के मध्य में क्या अंतर होता है? इन सब के साथ ही हमने भारत में डिस्टेंसलर्निंग किए जाने वाले कुछ प्रमुख 30+ इंस्टिट्यूट के नाम भी दिए हुए हैं.

तो चलिए शुरू करते है – डिस्टेंस लर्निंग क्या है पूरी जानकारी हिंदी में.

सामग्री की तालिका

डिस्टेंस लर्निंग क्या है (Distance Learning In Hindi) 

यदि शाब्दिक रूप से देखे तो डिस्टेंस लर्निंग दो शब्दों से मिलकर बना है – “डिस्टेंस” जिससे आशय है – “दूरस्थ अथवा कुछ दूरी पर” और लर्निंग का अर्थ है – “सीखना”. इसका हिंदी में मतलब है “घर बैठे या विश्विद्यालय से दूर रहकर पढाई पूरी करना”

इस प्रकार, डिस्टेंस लर्निंग (Distance learning) अथवा दूरस्थ शिक्षा modern education system का एक ऐसा तकनीक है जिसके माध्यम से स्टूडेंट को physically क्लास रूम में उपस्थित रहने की आवश्यकता नहीं होती है. दूरस्थ शिक्षा में करियर बनाने के लिए आपके पास बहुत से विकल्प होते है जिससे आपको नई स्किल सिखने का समय और मौका मिल जाता है.

डिस्टेंसलर्निंग में कोई विद्यार्थी ऑनलाइन क्लास अटेंड कर सकता है, अर्थात virtual रूप में क्लासरूम अटेंड कर सकता है. इस system में classes अटेंड करने के लिए सिर्फ डिजिटल उपकरण की आवश्यकता रह जाती है जैसे कि मोबाइल, लैपटॉप, कंप्यूटर और इन सबको connectivity प्रदान करने के लिए इंटरनेट.

जिस प्रकार से कोरोना महामारी के पश्चात वर्कफ्रॉम होम जैसी व्यवस्था, बड़े-बड़े आईटी सेक्टर और अन्य नौकरियों में अपनाया गया. जिसमें कोई व्यक्ति अपने ऑफिस से सैकड़ों किलोमीटर दूर रहकर भी अपना काम वर्चुअल प्रेजेंट रहकर उसी टाइम इंटरवेल में पूरा कर सकता है. इसके लिए भी उसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और इंटरनेट की आवश्यकता होती है.

ठीक इसी प्रकार डिस्टेंसलर्निंग भी आपको अपने कॉलेज, स्कूलइंस्टीट्यूट अथवा यूनिवर्सिटी से सैकड़ों किलोमीटर दूर रहते हुए भी एजुकेशन प्राप्त करने का अवसर प्रदान करती है. यहां कक्षाएं पूरी करने के लिए आपको एक नियत समय पर virtually चल रही कक्षा को अटेंड करना होता है.

डिस्टेंस लर्निंग क्यों करते हैं (Why Distance Learning In Hindi) 

डिस्टेंस लर्निंग ने शिक्षा जगत में क्रांति ला दी है जहां एक और दूरस्थ शिक्षा प्राप्त करने के लिए अब आपको अपने संस्थान से जुड़ने की आवश्यकता नहीं रह जाती जिसके चलते एक बड़े वर्ग समूह या ग्रुप को एक साथ में आप high quality शिक्षा प्रदान कर सकते हैं, वह भी बहुत ही कम मूल्य पर. क्योंकि इस शिक्षा के माध्यम से आपको अपने क्लासरूम पर फिजिकली उपस्थित होने की आवश्यकता नहीं होती जिसके चलते बहुत सारे resources बच जाते हैं जैसे कि बिजली, स्टाफ के कार्यभार का खर्चा,साफ – सफाई,मेंटेनेंस इत्यादि.

कई बहुत बड़े बड़े संगठन जैसे कि Armed Forces, Carporates और Governmental Agencies ये सभी अपने एंपलॉयर्स को और उच्च ऑफिशल्स को ट्रेनिंग और अपग्रेड एजुकेशन देने के लिए डिस्टेंसलर्निंग पर ही निर्भर करते हैं. 

अधिकांश मामलों में देखा गया है कि हाई क्लासेजजॉब के लिए अपग्रेड रहना बहुत अधिक आवश्यक है और समय-समय पर या हर दो-तीन महीने में अपग्रेड करने के लिए एक सेमिनार का आयोजन करना अथवा फिजिकली क्लास उपलब्ध कराना किसी भी कॉरपोरेट, विद्यालय अथवा institute के लिए एक भारी नुकसान का सौदा हो सकता है अतः कुल मिलाकर हम कह सकते हैं कि डिस्टेंसलर्निंग आज की दुनिया में सीखने का का सर्वाधिक आवश्यक पहलू बन चुका है.

Distance Learning किसके लिए उपयुक्त है?

आज हम देख सकते हैं कि बहुत अधिक मात्रा में छात्र डिस्टेंस लर्निंग का फायदा उठा रहे हैं यह छात्र विद्यालय के कॉलेज के अथवा यूनिवर्सिटीज के भी हो सकते है. 

आजकल तो हम यह भी देख रहे हैं कि कुछ special डिग्रियों में हमें डिस्टेंसलर्निंग की एक विशेष option भी प्राप्त हो रही है. जिसके चलते बहुत से छात्र सीधे डिस्टेंस लर्निंग के ऑप्शन को चुनकर आगे के अध्ययन को निरंतर कर रहे हैं. 

Distance learning निम्नलिखित व्यक्तियों के लिए सर्वाधिक useful प्रतीत होता है –

  • ऐसे छात्र जो किसी भी राज्य के सबसे विरल अथवा ग्रामीण क्षेत्र में रहते हैं और वहां से ऑनलाइन शिक्षा प्राप्त करना चाहते हैं. विशेषकर फाइनेंसियल प्रॉब्लम के चलते इन ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले विद्यार्थियों का अध्ययन तो इसी कारण रुक जाता है क्योंकि यह शहर में जाकर पढ़ाई करने में परेशानी महसूस करते है.
  • बहुत से विद्यार्थी पार्ट टाइम अथवा फुल टाइम काम करते हुए भी अपना स्टडी जारी रखना चाहते हैं ऐसे में डिस्टेंसलर्निंग हमारे लिए बहुत ज्यादा उपयोगी साबित होता है, जिसमें आपको अपने घर में रहते हुए अध्ययन कर सकते हैं.
  • कुछ बड़े कॉरपोरेट्स और मुंशी पार्टी तथा सरकारी कार्यालयों और आम फुर्सत में अपने एंपलॉयर्स और सर्वेंट को अपडेट करने तथा न्यूटेक्नोलॉजी से अवगत कराने के लिए ट्रेनिंग देने हेतु ऑनलाइन एजुकेशन या डिस्टेंस लर्निंग का प्रयोग किया जाता है.

डिस्टेंस लर्निंग कैसे करते है (How To Do Distance Learning In Hindi)

कोविड-19 के चलते विश्व भर के समस्त विद्यार्थियों के साथ शिक्षकों को भी नई technology के साथ डिस्टेंसलर्निंग करने का एक अनोखा एक्सपीरियंस प्रदान करने का कार्य किया. 

यह अनुभव जहां शिक्षकों के लिए एक और सर के साथ-साथ चुनौती के रूप में उभरा वहीं विद्यार्थियों को भी नए तरीकों से पढ़ने में कुछ जटिलताएं सामने आई. क्योंकि यह पद्धति भारत के लिए बहुत नई थी इसलिए इसे समझना कि डिस्टेंसलर्निंग कैसे करते हैं.

  • सबसे पहले अपनी रूचि अनुसार विषय चुने.
  • आपके आसपास या किसी अच्छे कॉलेज, युनिवर्सिटी में डिस्टेंस लर्निंग के लिए अप्लाई करें.
  • जब डिस्टेंस लर्निंग के लिए प्रवेश मिल जाये तो नियमित रूप से घर बैठे पढाई शुरू करें.
  • अंत में जब आपकी परीक्षा होगी तब ही आपको परीक्षा देने जाना है. तब तक अच्छी पढ़ाई करें.

नियमित रूप से डिस्टेंसलर्निंग करने का तरीका

नीचे कुछ बिंदु दिए जा रहे हैं जिसके आधार पर हम जान सकते हैं कि डिस्टेंसलर्निंग कैसे किया जाता है –

1. डिस्टेंस लर्निंग के लिए एक अलग कमरा बनाएं

ध्यान रखें कि डिस्टेंस लर्निंग करने के लिए सबसे पहले और महत्वपूर्ण कार्य होता है एक ऐसी जगह की तलाश करना जो कि ऑनलाइन अध्ययन के लिए बेहतरीन हो.

ऐसे कमरे का चुनाव करने के लिए आपको निम्नलिखित बिंदुओं पर ध्यान देना चाहिए –

  • डिस्टेंसलर्निंग के लिए आपको एकांत स्थान पर होना आवश्यक होता है. एकांत का अर्थ peace full place से है.
  • ऐसे स्थल जहां पर proper lights आता हो.
  • उस कमरे में मोबाइल नेटवर्क या इंटरनेट की कनेक्टिविटी बहुत अच्छी होनी चाहिए.
  • अपने इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस कीचार्जिंग हेतु चार्जिंगसॉकेट होनी चाहिए.
  • बिजली की proper व्यवस्था होनी चाहिए.

2. अपने institute के यूनिफॉर्म को पहने

यदि आप विद्यालय में है तो अपने विद्यालय का यूनिफॉर्म पहने,अथवा आप किसी कॉलेज या फिर इंस्टिट्यूट में है तो फॉर्मल कपड़े या कॉलेज का परिधान पहन सकते हैं. यदि आप किसी कंपनी से training प्राप्त करने के लिए डिस्टेंसलर्निंग का प्रयोग कर रहे हैं तो कंपनी द्वारा दिए गए मापदंडों के अनुसार अपने वेशभूषा को धारण कर सकते हैं.

3.सोशल मीडिया से दूरी बनाए

जैसा बड़े बुजुर्ग कहते थे कि पढ़ाई करते समय दुनिया संसार के सभी लालाचो का त्याग करना चाहिए. और यह बात आज भी उतना ही सही दिखाई पड़ताहै, क्योंकि जब आप पढ़ाई करते हुए मोबाइल का प्रयोग करते हैं तो आपके पढ़ाई में बाधा उत्पन्न होती है. ऐसी स्थिति में अपने मोबाइल की नोटिफिकेशन बंद रखना ही अधिक बेहतर प्रतीत होता है.

4. निश्चित schedule में ब्रेक लेने का प्रयास करे

डिस्टेंसलर्निंग में एक सामान्य सी घटना जो की सदैव दिखाई पड़ती है वह यह है कि आपको निरंतर ही अपने मोबाइल अथवा लैपटॉप के सम्मुख बैठकर अध्ययन करना पड़ता है. यहां आपको बीच-बीच में छोटे छोटेमात्रा में rest  लेने की आवश्यकता होती है. यह माना जाता है कि स्क्रीन टाइम पर अधिक से अधिक नजर रखने वाले व्यक्तियों को अपनी आंखों का ख्याल अच्छी तरह से रखना चाहिए तथा हर निश्चित समय अंतराल के पश्चात अपने आंखों को रेस्ट देना चाहिए.

5. संतुलित आहार के साथ निश्चित रूटीन बनाए

कोई भी व्यक्ति किसी भी आयु वर्ग का ही क्यों ना हो उसे अपनी सेहत का ख्याल रखना सबसे अधिक जरूरी होता है क्योंकि इसदुनिया में अंत तक उसका शरीर ही उसके साथ रहने वाला है. 

अतः यदि आप डिस्टेंसलर्निंग से संबंधित तत्व को खुद के जीवन में जोड़ रहे हैं तो आपको अपने शरीर पर विशेष ध्यान देना होगा क्योंकि डिस्टेंसलर्निंग में आपका शरीर एक निश्चित स्थान में बहुत देर तक बैठा रह सकता है उससे आपके शरीर में मोटापे से संबंधित अनेक बीमारियों के लक्षण दिखाई दे सकते हैं अतः आपको एक निश्चित व्यायाम वाली रूटीन के साथ-साथ संतुलित आहार बनाए रखना आवश्यक है.

6. अपना 100% देने का प्रयास करे और सकारात्मक सोचे

सकारात्मक सोच के साथ जब आप अपना शत-प्रतिशत किसी वस्तु को देने पर आ जाते हैं तो आपको सफलता मिलने की संभावना बहुत अधिक बढ़ जाती है अतः डिस्टेंसलर्निंग के समय भी आप अपने कोर्स को एक बोझ की तरह ना लेकर अपना शत-प्रतिशत उसे देने का प्रयास करें तथा सदैव सकारात्मक माइंडसेट के साथ कोर्स को पूरा करने का प्रयास करें इससे आपको निश्चित ही सफलता मिलेगी.

डिस्टेंस लर्निंग के लाभ (advantages of distance learning in hindi)

 डिस्टेंस लर्निंग की निम्नलिखित विशेषताएं है जो निम्न है-

  • Distance learning काफी flexible होता है. इसे आप इस तरीके से समझ सकते हैं कि डिस्टेंसलर्निंग करने के साथ-साथ आप अपने जीवन में होने वाले अन्य सभी घटनाओं को भी कर सकते हैं जैसे पार्ट टाइम जॉब, ब्लॉग्गिंग तथा वीडियो मेकिंग इत्यादि.
  •  विद्यार्थी को technical skills develop करने का अवसर प्रदान करता है. क्योंकि जब आप डिस्टेंसलर्निंग करते है तो आप स्वयं को अपने यूनिवर्सिटी से मिलो दूर पाते हैं ऐसे में अपनी यूनिवर्सिटी अथवा इंस्टिट्यूट से अधिक नजदीक पाने के लिए आपको किसी डिजिटल माध्यम का प्रयोग आवश्यक हो जाता है.
  • समय का सही management करने में मदद करता है. डिस्टेंसलर्निंग आपको स्वयं का रूटीन बनाने में मदद करता है. क्योंकि आपके physicall classroom में आने जाने का खर्चा बच जाता है तो इससे आपको अपने clasessपूरे होने के बाद तुरंत खाली समय मिल जाता है. जिसे आप आसानी से किसी अच्छे कार्य जैसे खेलना या परिवार के साथ समय बिताना इत्यादि में लगा सकते है.
  • यह व्यक्ति को अधिक networking बनाता है. जब आप डिस्टेंसलर्निंग करते हैं तो आप अपने classmates के विषय में अधिक से अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए प्रयास करते हैं क्योंकि आपको असाइनमेंट और  होमवर्क के लिए कोई ना कोई सहारे की आवश्यकता होती है.
  • यह समय बचाता है. फिजिकलमोड में किए जाने वाले courses की तुलना में डिस्टेंसलर्निंग में आपका समय बचता है. क्योंकि इसमें आपको अपने कॉलेज या स्कूल जाने के सफ़र से काफी राहत मिलती है.
  • यह physicall class से होने वाले nervousness और अन्य गलतियों से बचाता है. Physically क्लास में कई इंट्रोवर्ट किस्म के विद्यार्थी स्वयं को अच्छे तरीके से present नहीं कर पाते हैं. परंतु डिस्टेंसलर्निंग में सीखें सेमेस्टर अथवा फाइनलएग्जाम होते हैं जिसमें ऐसे लोगों को अपने टैलेंट दिखाने का सुनहरा अवसर प्राप्त होता है.
  • यह सभी प्रकार के व्यक्ति के लिए आदर्श है. वर्तमान समय में विद्यार्थी केवल education ग्रहण करने का कार्य नहीं करना चाहता बल्कि वह work करते हुए education ग्रहण करने के पक्ष में होता है ऐसे में यह उन सभी व्यक्तियों के लिए आदर्श है जो काम करते हुए पढ़ना चाहते हैं.
  • आपको अपने job को बिना resign किए भी शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलता है.
  • यहां ऑनलाइन पढ़ाई करने का खर्च ऑफलाइन पढ़ाई के तुलना में काफी सस्ता होता है. अतः डिस्टेंसलर्निंग दूसरे किसी भी education mode के तुलना में पढ़ाई के लिए एक सस्ता माध्यम है.
  • अपने घर से अलग हुए बिना भी आप एक बेहतर education पा सकते है. कुछ लोग अपने घर से दूर रहकर पढ़ाई करने में काफी दिक्कत महसूस करते हैं ऐसे लोगों के लिए डिस्टेंसलर्निंग एक वरदान की तरह है.

डिस्टेंस लर्निंग की कमियां (Disadvantages Of Distance Learning In Hindi)

  • Physical social interaction से दूर करता जाता है. डिस्टेंसलर्निंग के चलते ही आप अपने कॉलेज के दिनों की दोस्ती को पूरा नहीं कर पाते हैं क्योंकि यहां आप कॉलेज ही नहीं जा पाते तो कॉलेज की दोस्ती तो दूर की बात है ऐसे में आपको सोशलइंटरेक्शन का फिजिकलमोड प्राप्त नहीं हो पाता है.
  • व्यक्ति खुद को और दूसरो को virtual दुनिया में पाता है. शिक्षा का एक अर्थ होता है कि आप आपस में सभी लोगों से नजदीकी बढ़ा सके और एक दूसरे के ज्ञान का लाभ उठाएं परंतु डिस्टेंसलर्निंग में ऐसा देखने को नहीं मिलता है क्योंकि यहां सभी एक दूसरे को एक अलग ही दुनिया में पाते हैं जहां कोई किसी से मिलता तो नहीं है परंतु सब का काम हो रहा है.
  • यह technology addiction को बढ़ावा देता है. वर्तमान में डिस्टेंसलर्निंग के लिए आपको ई लर्निंग जैसे तकनीक का सहारा लेना पड़ता है तो यह कुछ और नहीं जबकि टेक्नोलॉजीएडिक्शन ही है.
  • यह समय की बरबादी करता है. काफी अधिक मोबाइल और टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल आपके समय को नष्ट करता है इसके साथ ही साथ जब आप physicalमोड में क्लासेसजॉइन नहीं कर रहे होते तो आपकी कोर्स से संबंधित क्या-क्या सिलेबस चल रहे हैं इससे भी आप अवेयर नहीं रहते जिससे आपका समय बहुत बर्बाद होता है.
  • यह practical education की तुलना में केवल theoritical education प्रदान करता है. Distance learning में प्रैक्टिकल जैसा कोई चीज नहीं होता है इसलिए यहां ऐसे ही coursesको दिया जाता है जिसके केवल थ्योरीसब्जेक्ट ही होते हो.
  • बहुत सी डिग्रियांdistance learning के लिए उपलब्ध नहीं होते है. अब क्योंकि बहुत से सब्जेक्ट में प्रैक्टिकल होते हैं अतः वे सभी डिग्रियां जिनमें प्रैक्टिकल होते हैं डिस्टेंसलर्निंग के लिए अनुपलब्ध होते हैं.

  • इसके लिए technology से aware होना चाहिए. जैसा कि आप सभी जानते हैं कि आजकल डिस्टेंसलर्निंग में e-learning का बोलबाला है ऐसे में इलेक्ट्रॉनिकडिवाइसेज के विषय में अधिक जानकारी आपको आपके पढ़ाई के और नजदीक ला सकती है. परंतु यह उन लोगों के लिए बुरा साबित होता है जो टेक्नॉलजी से ज्यादा अवेयर नहीं होते हैं अर्थात थोड़े over age वाले व्यक्ति.

इग्नू कोर्स क्या है (IGNOU course in Hindi)

IGNOU जिसका फुलफॉर्म – Indira Gandhi National Open University है, यहां संचालित होने वाले कोर्स को इग्नू कोर्स कहा जाता है.

इग्नू एक ओपन यूनिवर्सिटी है. ओपन यूनिवर्सिटी से आशय होता है ऐसी यूनिवर्सिटी जहां कोई भी विद्यार्थी बिना किसी बंधन के independen (free/ मुक्त) रूप से एडमिशन लेकर शिक्षा प्राप्त कर सकता है और विभिन्न courses या डिग्रियां प्राप्त कर सकता है. इग्नू कोर्स डिस्टेंसलर्निंग कोर्स का एक जीता जागता मिसाल है.

इग्नू विश्वविद्यालय की स्थापना भारत सरकार ने 1985 में किया था यह भारत की सर्वाधिक प्रचलित यूनिवर्सिटीज में से एक है और अब तक इसमें से करीब 5 मिलीयन विद्यार्थी ग्रेजुएट अथवा पोस्टग्रेजुएट और अन्य courses पूरा करके निकल चुके हैं.

ऑनलाइन ग्रेजुएशन और डिस्टेंस लर्निंग में क्या अंतर है?

ऑनलाइन लर्निंग और डिस्टेंस एजुकेशन के बीच बहुत अंतर पाई जाती है जिनमें से कुछ प्रमुख अंतर निम्नलिखित हैं –

अंतर का आधार Online learningDistance learning
Location (अध्ययन केंद्र के आधार पर)ऑनलाइन लर्निंगअथवा e-learning में विद्यार्थी को डिजिटल उपकरणों के माध्यम से अपनी कक्षाओं को अटेंड करना होता है. यहां असाइनमेंटप्रैक्टिकल कार्य ऑनलाइन अथवा ऑफलाइनमोड में चेक किया जा सकता है.डिस्टेंसलर्निंग अथवा दूरस्थ शिक्षा में विद्यार्थी संपूर्ण कार्य अपने घर से करता है वह चाहे तो ऑनलाइन लर्निंगके माध्यम से कक्षाओं को अटेंड कर सकता है यहां सभी प्रकार की असाइनमेंट और प्रैक्टिकल भी ऑनलाइन ही शिक्षकों के द्वारा चेक किए जाते हैं.
Interaction (शिक्षकों और classmatesके साथ interaction केआधार पर)Online learning में, प्रतिदिन ऑनलाइन कक्षाएं होने के कारण शिक्षक विद्यार्थी और विद्यार्थी विद्यार्थी के मध्य इंटरेक्शन काफी अच्छा होता है. अर्थात यदि से एक वाक्य में कहें तो यहांin-person interaction काफी बेहतर रहता है.डिस्टेंसलर्निंग में विद्यार्थी को अपना कार्य स्वयं करना होता है घर से जिसके कारण कभी-कभी तो विद्यार्थी को यह भी नहीं पता होता कि उसके सहपाठी कौन-कौन हैं अर्थात यहां in-person interaction उतना नहीं होता है
Intention  (learning केउद्देश्य के आधार पर)e-Learning का मुख्य उद्देश्य अपने शिक्षा प्रणाली में digitalization करना होता है यह आपके ऑफलाइन शिक्षा की तरह ही होता है परंतु इसमें आप उन सभी चीजों को डिजिटल माध्यम से विजुलाइज करा सकते हैं जो कि क्लास रूम में कराना कठिन होता है अर्थात ई लर्निंग शिक्षा प्रणाली में सप्लीमेंट की तरह होता है.दूरस्थ शिक्षा का मुख्य उद्देश्यrural क्षेत्र और देश के विरल इलाके में पढ़ने के लिए इच्छुक विद्यार्थियों के लिए एक उच्च गुणवत्ता वाला अवसर प्रदान करना होता है .एजुकेशन में ऑनलाइन लर्निंग का उपयोग किया जा सकता है जिससे एजुकेशन की क्वालिटी में और अधिक बढ़ोतरी हुई है.
Difference Between Online Education And Distance Learning In Hindi

डिस्टेंस लर्निंग में कौन-कौन से कोर्स कर सकते है?

वैसे आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि डिस्टेंसलर्निंग में आप वर्तमान समय में लगभग वे सभी courses कर सकते हैं जिनके प्रैक्टिकल नहीं होते हैं. प्रैक्टिकल अथवा प्रायोगिक परीक्षा के लिए आपको कक्षा में उपस्थिति अनिवार्य होती है क्योंकि किसी भी विषय के प्रैक्टिकल को करने के लिए आपको प्रतिदिन कॉलेज जाने की आवश्यकता होती है ऐसे में वे सभी को जिनमें प्रैक्टिकल नहीं होते वे डिस्टेंसलर्निंग के लिए उपलब्ध होती है, उनकी सूची निम्नलिखित है –

  • Master of business administrative 
  • Bachelor of education
  • Human resource management 
  • Bachelor of computer
  • Bachelor in law hospitality management services 
  • Bachelor of business administration 
  • Bachelor of journalism and mass communication
  • Bachelor in arts 
  • Bachelor in science 
  • Bachelor in commerce 
  • Bachelor in engineering 
  • Bachelor in technology 
  • Bachelor of Science in psychology 
  • Masters of commerce 
  • Masters of Arts
  • Masters in arts 
  • Masters in science 
  • Masters in commerce 
  • Masters in engineering 
  • Masters in technology 
  • Masters of Science in psychology

डिस्टेंस लर्निंग कब करना चाहिए?

ऐसा कहा जाता है कि सीखने की कोई उम्र नहीं होती उसी प्रकार के डिस्टेंसलर्निंग करने की भी कोई उम्र नहीं होती. डिस्टेंसलर्निंग आपको एक ऐसी सौगात देता है जिसके माध्यम से आप घर पर रहकर किसी भी उम्र में किसी भी प्रकार का कोई प्राप्त कर सकते हैं.

हालांकि अधिकांश बैचलर डिग्री यों को प्राप्त करने के लिए आपको 12वीं कक्षा उत्तीर्ण होना आवश्यक होता है इसके अलावा अन्य किसी भी प्रकार की कोई बाधा डिस्टेंसलर्निंग को करने हेतु नहीं दिखाई देती है.

डिस्टेंस लर्निंग का फॉर्म कब मिलता है?

डिस्टेंसलर्निंग के एडमिशन फॉर्म के लिए आपको निरंतर ओपन यूनिवर्सिटी के वेबसाइट पर ध्यान देने की आवश्यकता होती है. आप यह मान कर चल सकते हैं कि आपके आसपास के जितने भी यूनिवर्सिटी है, उनके एडमिशनफॉर्म के क्लोजडेट होने के बाद ही डिस्टेंसलर्निंग के फॉर्म मिलने चालू होते है.

डिस्टेंस लर्निंग का फॉर्म कैसे fill up करे?

डिस्टेंसलर्निंग का फॉर्म भी अन्य विश्वविद्यालयों के फॉर्म के समान होते हैं अर्थात यहां भी आपके कुछ पर्सनल डिटेल्स पूछे जाते हैं जैसे कि –

  • आपका नाम
  • जन्म तिथि
  • अंतिम नाम
  • पासपोर्ट साइज का फोटो 
  • आपका हस्ताक्षर
  • आपकी बारहवीं उत्तीर्ण करने का तिथि
  • Migration certificate 
  • transfer certificate
  • आपका इनरोलमेंटफॉर्म
  • आपके बारहवीं तथा दसवीं का रिजल्ट का scanned कॉपी

जब कभी भी आप किसी डिस्टेंसलर्निंगएजुकेशनइंस्टीट्यूट से किसी कोर्स को करने के लिए जुड़ते हैं तो वहां आपके एडमिशन के लिए उपरोक्त सभी बिंदुओं को पूछा जाता है अतः आप पहले से ही आप इन को तैयार करके रखें ताकि फॉर्म भरते वक्त आपको किसी भी प्रकार की समस्या ना हो.

डिस्टेंस लर्निंग करने के लिए प्रमुख इंडियन इंस्टीट्यूट और युनिवर्सिटी

कुछ प्रमुख इंडियन इंस्टीट्यूट जहां से डिस्टेंसलर्निंग कर सकते है?

क्र.यूनिवर्सिटी का नामशहरUniversity का प्रकार
1.इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी (ignou)नई दिल्लीनेशनल ओपन यूनिवर्सिटी
2.Yashwantrao Maharashtra open UniversityNashikState open University
3.Sikkim Manipal UniversityGangtokDual-mode University
4.IMT distance open learning universityGhaziabadAutonomous institute
5.Symbiosis Institute of distance learningPuneAutonomous institute
6.MP bhoj open UniversityBhopalState open University
7.Dr. BR open UniversityHyderabadState open University
8.University of MumbaiMumbaiDual-mode University
9.Netaji Subhash Open UniversityKolkataState open University
10.MahrshiDayanand UniversityRohtakDual mode University
11.Maulana Azad National Urdu UniversityHyderabadDual-mode University
12.University of DelhiNew DelhiDual-mode University
13.Annamalai open UniversityAnnamalai NagarDual-mode University
14.DrBabasaheb open UniversityAhemdabadState open University
15.Karnataka State open UniversityMysoreState open University
16.Acharya Nagarjuna open UniversityGunturDual mode University
17.Osmania open universityHyderabadDual-mode University
18.The ICFAI University SikkimGangtokDual-mode University
19.panditsundarlal Sharma open UniversityChhattisgarhDual-mode University
20.Allagappa UniversityKaraikudiDual-mode University
21.Shivaji UniversityKolhapurDual-mode University
22.TamilNadu open UniversityChennaiState open University
23.SNDT women’s UniversityMumbaiDual-mode University
24.Himachal Pradesh open UniversityShimlaDual-mode University
25.Andhra UniversityVishakhapatnamDual-mode University
26.University of MadrasChennaiDual-mode University
27.University of CalicutKozhikodeDual-mode University
28.Madurai Kamaraj University MaduraiState open University
29.Vardhmanmahaveer open UniversityKotaState open University
30.Up Rajshritandon open UniversityPrayagrajState open University
31.Uttrakhand open UniversityHaldwaniState open University
32.Nalanda open UniversityPatnaDual-mode University
डिस्टेंसलर्निंग करने के लिए प्रमुख इंडियन इंस्टीट्यूट और युनिवर्सिटी

डिस्टेंस लर्निंग की मान्यता क्या है?

यदि 11 मान्यता प्राप्त संस्थान से किसी भी प्रकार की डिग्री अथवा कोर्स पर इनरोलमेंट कर आते हैं तो आप यह मान कर चलिए कि आप को एक valid डिग्री मिलेगा. तो किसी भी डिस्टेंस लर्निंग डिग्री की मान्यता उसको देने वाली इंस्टिट्यूट या यूनिवर्सिटी पर निर्भर करती है. ऊपर हमने कुछ प्रमुख एवं महत्वपूर्ण वैलीयूनिवर्सिटीज के नाम किए हुए हैं जिसे देख कर आप आसानी से जान पाएंगे कि इन यूनिवर्सिटी से मिलने वाले सभी डिग्री संपूर्ण भारत वर्ष के साथ-साथ विश्व भर में valid है.

इन्हें भी पढ़े

अंतिम शब्द: डिस्टेंस लर्निंग क्या है पूरी जानकारी हिंदी में

इस लेख के माध्यम से हमने आपको डिस्टेंसलर्निंग के विषय में संपूर्ण जानकारी देने का प्रयास किया है. लिखना आपको डिस्टेंस लर्निंग क्या है कहां से करें कैसे करें और उस के एडवांटेज और डिसएडवांटेज के साथ-साथ ऑनलाइन लर्निंग अथवा लर्निंग तथा डिस्टेंस लर्निंग के मध्य डिफरेंस के साथ-साथ डिस्टेंसलर्निंग में कौन-कौन से कोर्स किए जा सकते हैं इस विषय में जानकारी देने का प्रयास किया है.

आशा करते हैं कि आपको पसंद आया होगा, यदि आपके मस्तिष्क में किसी भी प्रकार की प्रश्न डिस्टेंसवालों से संबंधित आ रही है तो नीचे कमेंटबॉक्स के माध्यम से उसे प्रकट करने का प्रयास करें हम जल्द से जल्द इसका प्रत्युत्तर देने का प्रयास करेंगे,धन्यवाद.

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