Delivery Trading In Hindi: क्या? आप जानते है शेयर बाजार में ट्रेडिंग मुख्यतः दो प्रकार से की जाती है Intraday और Delivery Trading. इंट्राडे ट्रेडिंग के बारे में हम आपको पिछले लेख में बता चुके हैं. आज के इस लेख के माध्यम से हम आपको बताएँगे कि Delivery Trading क्या है, डिलीवरी ट्रेडिंग कैसे करें, डिलीवरी ट्रेडिंग में लगने वाले फीस, डिलीवरी ट्रेडिंग के फायदे, नुकसान तथा डिलीवरी ट्रेडिंग और इंट्राडे ट्रेडिंग में क्या अंतर है.
अगर आप शेयर बाजार में पैसे निवेश करना चाहते हैं तो इससे जुड़े सभी टर्म के बारे में आपको जानकारी भी होनी चाहिए. डिलीवरी ट्रेडिंग के बारे में प्रत्येक निवेशक को जानना बहुत आवश्यक है क्योंकि इसकी मदद से आप कम जोखिम में अच्छे पैसे कमा सकते हो.
हमने इस लेख में पूरी कोशिस की है कि आपको डिलीवरी ट्रेडिंग के बारे में सम्पूर्ण जानकारी दे सकें जिससे कि आपके मन में डिलीवरी ट्रेडिंग से जुड़े सारे Confusion दूर हो सकें. तो चलिए शुरू करते हैं इस लेख को और जानते हैं डिलीवरी ट्रेडिंग क्या होती है विस्तार से.
डिलीवरी ट्रेडिंग क्या है (What is Delivery Trading in Hindi)
Intraday Trading में हमने जाना था कि एक ही दिन के अन्दर (शेयर बाजार के खुलने से बंद होने तक के समय) शेयर को खरीदना और बेचना होता है, लेकिन डिलीवरी ट्रेडिंग इंट्राडे से बहुत भिन्न होती है. डिलीवरी ट्रेडिंग में निवेशक अपने द्वारा खरीदे गए शेयर को कभी भी बेच सकता है इसमें शेयर को बेचने की कोई समय सीमा नहीं होती है.
डिलीवरी ट्रेडिंग के अंतर्गत जब निवेशक शेयर बाजार से शेयर खरीदते हैं तो वे शेयर को कितने भी समय के लिए अपने डीमैट अकाउंट में Hold कर सकते हैं. चाहें तो निवेशक अपने शेयर को खरीदने के दुसरे दिन ही बेच सकते हैं या चाहें तो 10 साल बाद भी.
डिलीवरी ट्रेडिंग उन निवेशकों के लिए सबसे अच्छी होती है जो Long Term Share Investment में विश्वाश रखते हैं. Delivery Trading को Intraday की तुलना में कम परसेंट जोखिम भरा माना जाता है. दुनिया के बड़े – बड़े निवेशक जैसे वारेन बुफेट, राकेश झुनझुनवाला Delivery Trading पर ही भरोसा करते हैं.
डिलीवरी ट्रेडिंग में शेयर खरीदने पर ब्रोकर के द्वारा किसी भी प्रकार का कोई मार्जिन नहीं मिलता है हमें शेयर को उसी दाम में खरीदना होता है जितना उसका Actual Price होता है. डिलीवरी ट्रेडिंग करने के लिए निवेशक के पास पर्याप्त मात्रा में धनराशी होनी चाहिए ताकि शेयर खरीदने और बेचने में उसे कोई समस्या न हो.
सीधे शब्दों में कहें तो डिलीवरी ट्रेडिंग ऐसी ट्रेडिंग होती है जिसके द्वारा निवेशक शेयर बाजार में लम्बे समय के लिए अपने पैसे निवेश कर सकता है. इसमें पूरी तरह निवेशक की मर्जी होती है कि वह कब अपने शेयर को बेचना चाहता है.
डिलीवरी ट्रेडिंग के नियम (Delivery Trading Rules in Hindi)
डिलीवरी ट्रेडिंग करने के भी कुछ नियम होते हैं जिसके बारे में एक निवेशक को जानना बहुत जरुरी है –
- डिलीवरी ट्रेडिंग में आप ख़रीदे गए शेयर को लम्बे समय तक के लिए Hold कर सकते हैं.
- डिलीवरी ट्रेडिंग के लिए Demat Account का होना आवश्यक होता है.
- डिलीवरी ट्रेडिंग में शेयर को खरीदने के लिए निवेशक को पूरी राशि का भुगतान करना होता है.
- डिलीवरी ट्रेडिंग में कोई मार्जिन नहीं मिलता है, निवेशक को शेयर फिक्स कीमत में खरीदने होते हैं.
डिलीवरी ट्रेडिंग कैसे करते हैं
अगर आप शेयर बाजार में लम्बे समय के लिए निवेश करना चाहते हैं तो डिलीवरी ट्रेडिंग आपके लिए Best है. डिलीवरी ट्रेडिंग से आप लम्बे समय बाद बहुत अच्छे पैसे कमा सकते हैं.
डिलीवरी ट्रेडिंग करने के लिए आपको एक Demat Account की जरूरत होती है आप Full Service Broker या Discount broker से अपना Demat Account खुलवा सकते हो.
अगर आपके पास बजट कम है तो आप Discount broker से ही अपना Demat Account खुलवाएं. कुछ Discount broker फ्री में भी आपका Demat Account Open करवा देते हैं.
Demat Account खुलवाने के बाद आप Broker की ऑफिसियल वेबसाइट या मोबाइल एप्लीकेशन से ट्रेडिंग करना शुरू कर सकते हो. इसके लिए पहले आपको Delivery Trading को Select करना होगा और फिर अपनी समझ के अनुसार कम्पनी के शेयर खरीदने होंगे और शेयर को अपने Demat Account में Hold करना होता है. जब आपको लगता है कि यह शेयर बेचने का सही समय है तो आप शेयर बेच कर अच्छे पैसे कमा सकते हो.
कुछ Best Discount Broker निम्नलिखित हैं जहाँ से आप अपना Demat Account खुलवा सकते हैं –
- Upstox App
- Groww App
- Zerodha App
- Angleone App
- 5Paisa App
डिलीवरी ट्रेडिंग के टिप्स
अगर अप शेयर बाजार में एक नए निवेशक हैं तो डिलीवरी ट्रेडिंग करते समय निम्न बातों का ध्यान रख सकते हैं जिससे कि Long Term में आपको फायदा मिलने की संभावना अधिक होगी.
- डिलीवरी ट्रेडिंग में किसी कम्पनी में निवेश करने से पहले विभिन्न श्रोतों से कम्पनी के बारे में पूर्ण जानकारी प्राप्त कर लें और उनकी अच्छे से जाँच कर लें.
- शेयर को बेचने के लिए सही समय का इंतजार करें, जल्दबाजी में कोई भी फैसला न लें.
- डिलीवरी ट्रेडिंग में हमेशा अलग – अलग कंपनियों के शेयर में निवेश करने की सलाह दी जाती है क्योंकि शेयर और फण्ड डायवर्सिफाई करने से जोखिम की संभावना कम हो जाती है.
- डिलीवरी ट्रेडिंग करने के लिए निवेशक के खाते में पर्याप्त धनराशी होनी चाहिए जिससे कि उसे शेयर खरीदने और बेचने में कोई समस्या न हो.
- डिलीवरी ट्रेडिंग में यह सलाह भी दी जाती है कि स्टॉप लॉस का टारगेट भी सेट कर लेना चाहिए ताकि अधिक नुकसान नहीं होगा.
- अपने सारे पैसे शेयर में निवेश न करें.यह सलाह दी जाती है कि निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो में से 10 प्रतिशत ही निवेश करना चाहिए.
डिलीवरी ट्रेडिंग पर लगने वाले शुल्क
अगर आप डिलीवरी ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो इसमें लगने वाले शुल्क के बारे में भी आपको पता होना चाहिए. तो चलिए जानते हैं डिलीवरी ट्रेडिंग में कौन – कौन से शुल्क लगते हैं –
- अधिकतर ब्रोकर डिलीवरी ट्रेडिंग में किसी प्रकार का ब्रोकरेज चार्ज नहीं लेते हैं पर कुछ ब्रोकर डिलीवरी ट्रेडिंग में भी कुछ प्रतिशत ब्रोकरेज चार्ज लेते हैं.
- GST शुल्क लगता है जो कि सरकार के द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं पर लगाया जाता है और साथ में ब्रोकर के साथ लेन – देन में भी GST शुक्ल लगता है.
- डिलीवरी ट्रेडिंग में SEBI के द्वारा भी शुल्क लगाया जाता है.
- STT, CTT और Transaction Charge भी डिलीवरी ट्रेडिंग में लगाया जाता है.
डिलीवरी ट्रेडिंग के फायदे (Advantage of Delivery Trading in Hindi)
डिलीवरी ट्रेडिंग के फायदे निम्न हैं –
- डिलीवरी ट्रेडिंग में आप शेयर बाजार में लम्बे समय के लिए अपने पैसे निवेश कर सकते हैं.
- डिलीवरी ट्रेडिंग में निवेशक सही समय तक शेयर को अपने पास Hold कर सकता है.
- अधिकतर ब्रोकर डिलीवरी ट्रेडिंग में कोई ब्रोकरेज चार्ज नहीं लेते हैं.
- डिलीवरी ट्रेडिंग में कम जोखिम होता है.
- डिलीवरी ट्रेडिंग में निवेशक अपने सभी शेयरों का मालिक खुद होता है इसलिए कम्पनी से उसे बोनस भी मिलता है.
- डिलीवरी ट्रेडिंग में अधिक लाभ होता है क्योंकि निवेशक लम्बे समय तक शेयर को hold करते हैं और कम्पनी के द्वारा बोनस भी प्राप्त करते हैं.
डिलीवरी ट्रेडिंग के नुकसान (Disadvantage of Delivery Trading in Hindi)
डिलीवरी ट्रेडिंग के कुछ नुकसान भी हैं जैसे कि –
- डिलीवरी ट्रेडिंग करने के लिए निवेशक के पास पर्याप्त धन राशि होनी चाहिए तभी वह लम्बे समय के लिए निवेश कर सकता है.
- डिलीवरी ट्रेडिंग में कोई मार्जिन नहीं मिलता है निवेशक को शेयर खरीदने के लिए पूरा भुगतान करना होता है.
- लम्बे समय तक निवेश करने से अच्छे Return आने की भी कोई गारंटी नहीं रहती है.
- डिलीवरी ट्रेडिंग में निवेशक को धैर्य बनाये रखना होता है और सही समय का इन्तजार करना होता है शेयर बेचने के लिए.
इंट्राडे और डिलीवरी ट्रेडिंग के बीच अंतर
इंट्रा डे और वितरण के बीच का अंतर को हमने नीचे सारणी के द्वारा आपको बताया है –
Intraday Trading (इंट्राडे) | Delivery Trading (वितरण) |
---|---|
इंट्राडे ट्रेडिंग में आपको एक ही दिन के अन्दर शेयर को खरीदना और बेचना होता है तथा बाजार बंद होने तक सभी ट्रेड पूरी करनी होती है. | डिलीवरी ट्रेडिंग में आप शेयर को लम्बे समय के लिए अपने पास रख सकते हो, और जब आपको उचित समय लगे तभी बेच सकते हो. |
इंट्राडे ट्रेडिंग सुबह 9:15 से शाम को 3:30 तक होती है. | डिलीवरी ट्रेडिंग में आप कभी भी अपने द्वारा ख़रीदे शेयर बेच सकते हो. चाहे आप 2 दिन बाद बेच दो या फिर 20 साल बाद. |
बिना Demat Account के भी आप इंट्राडे ट्रेडिंग कर सकते हो. बस आपको एक Trading Account की जरुरत होगी. | डिलीवरी ट्रेडिंग के लिए Trading Account के साथ Demat Account की भी जरुरत होती है. |
इंट्राडे ट्रेडिंग में शेयर पर मार्जिन भी मिलता है जिससे आप शेयर को उसके वास्तविक कीमत से कम दाम पर खरीद सकते हो. | डिलीवरी ट्रेडिंग में शेयर को खरीदने पर कोई मार्जिन नहीं मिलता है. शेयर खरीदने के लिए आपको पुरे पैसे चुकाने होते हैं. |
इंट्राडे ट्रेडिंग में जोखिम अधिक रहता है. | डिलीवरी ट्रेडिंग में जोखिम कम रहता है. |
इंट्राडे ट्रेडिंग में कम्पनी के द्वारा कोई बोनस नहीं मिलता है. | डिलीवरी ट्रेडिंग में लम्बे समय के लिए शेयर Hold करने के कारण कम्पनी के द्वारा बोनस भी मिलता है |
बहुत कम लोग ही इंट्राडे से पैसे कमा पाते हैं. | अधिकतर लोग डिलीवरी ट्रेडिंग से पैसे कमाते हैं |
डिलीवरी ट्रेडिंग से सम्बंधित सामान्य प्रश्न
ऐसी ट्रेडिंग जिसमें निवेशक अपने शेयर को लम्बे समय के लिए अपने पास Hold कर सकते हैं उसे डिलीवरी ट्रेडिंग कहते हैं.
इंट्राडे ट्रेडिंग में निवेशक को एक दिन के अंदर ही ट्रेड को Complete करना होता है जबकि डिलीवरी ट्रेडिंग में निवेशक जब चाहें तब अपने शेयर को बेच सकता है.
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निष्कर्ष: डिलीवरी ट्रेडिंग क्या है हिंदी में
इस लेख में हमने आपको Delivery Trading Kya Hai In Hindi के बारे में पूरी जानकारी देने की कोशिस की है जिससे को आपको डिलीवरी ट्रेडिंग करने में सहायता मिल सके. अगर आप लम्बे समय के लिए पैसे निवेश करना चाहते हैं तो Delivery Trading आपके लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है क्योंकि इसमें जोखिम कम होता है. अगर आपके अन्दर धैर्य है तो आप भी डिलीवरी ट्रेडिंग से अच्छी कमाई कर सकते हैं.
इस लेख में इतना ही उम्मीद करते हैं आपको डिलीवरी ट्रेडिंग के बारे में समझ में आया होगा, अगर यह लेख आपको पसंद आया तो इसे सोशल मीडिया पर अपने दोस्तों के साथ भी जरुर शेयर करें.
Nice