Decryption In Hindi: हमने अपने पिछले लेख में आपको Encryption के बारे में पूरी जानकारी दी थी, आज हम बात करने वाले हैं Decryption क्या है, डिक्रिप्शन का हिंदी मतलब क्या है, डिक्रिप्शन काम कैसे करता है, डिक्रिप्शन कुंजी कितने प्रकार की होती है, डिक्रिप्शन के फायदे और नुकसान क्या है तथा डिक्रिप्शन और एन्क्रिप्शन में अंतर में क्या अंतर है.
इंटरनेट पर हम किसी डेटा को सुरक्षित बनाने के लिए एन्क्रिप्शन का इस्तेमाल करते हैं लेकिन Encrypt किये गे डेटा को पढने के लिए यूजर को उसे Decrypt करना पड़ता है, बिना डिक्रिप्ट किये एन्क्रिप्ट डेटा को पढ़ना संभव नहीं है, इसलिए Encryption के साथ Decryption के बारे में जानना भी अति आवश्यक है. क्योंकि बिना Decryption को जाने Encryption की जानकारी भी अधूरी रहती है.
Decryption के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करने के लिए आपको यह लेख अंत तक पढना होगा, तो चलिए आपका अधिक समय ना लेते हुए शुरू करते हैं इस लेख को और जानते हैं डिक्रिप्शन किसे कहते हैं हिंदी में विस्तार से.
Decryption का हिंदी मतलब (Decryption Meaning In Hindi)
Decryption को जानने से पहले Decryption का हिंदी मतलब जान लेना भी आवश्यक है. Decryption को हिंदी में विकोडन कहा जाता है. अर्थात एक ऐसी प्रोसेस जिसके द्वारा कोड किये गए इनफार्मेशन को डिकोड किया जाता है उसे Decryption कहते हैं.
डिक्रिप्शन क्या है (Decryption in Hindi)
Decryption एक ऐसी प्रोसेस है जिसके द्वारा Encrypt किये गए डेटा या इनफार्मेशन को पुनः वास्तविक स्वरुप में बदला जाता है. साधारण शब्दों में कहें तो Encrypt डेटा को जटिल गुप्त रूप से वास्तविक शब्दों में परिवर्तित करना जिसे मानव के द्वारा पढ़ा जा सकता है उसे Decryption कहते हैं.
किसी भी प्रकार के डेटा को सुरक्षित करने के लिए Encryption का इस्तेमाल किया जाता है. Encryption डेटा या इनफार्मेशन को, जो कि Plain Text के फॉर्म में रहता है, जटिल कोड के रूप में बदल देता है जिसे कि Cipher Text कहा जाता है. इस Cipher Text को एक Human नहीं पढ़ सकता है.
इसलिए डेटा को पुनः Plain Text के फॉर्म में बदलने के लिए Decryption का प्रयोग किया जाता है. डेटा को Decryption करने के लिए एक Key की जरुरत होती है जिसे कि Decryption Key कहा जाता है.
डिक्रिप्शन काम कैसे करता है (Decryption Work in Hindi)
वैसे डेटा को Encrypt करने के अनेक सारे तरीके हैं पर जो सबसे ज्यादा प्रयोग किया जाता है वह Key Method है. इस Method में किसी फाइल को एन्क्रिप्ट करने के लिए एक Key (कुंजी) की जरुरत होती है.
जब डेटा को एन्क्रिप्ट किया जाता है तो उस समय एक कुंजी का इस्तेमाल करते हैं. इस कुंजी को Decryption Key कहते हैं. Decryption Key भी दो प्रकार की होती है एक Public Decryption Key जिसे कि हर प्राप्तकर्ता के साथ साझा किया जाता है और दूसरा Private Decryption Key जो कि सिर्फ Sender के पास होती है.
जब Sender एन्क्रिप्ट डेटा को भेजता है तो उसके साथ Public Decryption Key भी Reviver को भेजता है जिसके द्वारा Reviver इनफार्मेशन को डिकोड करके पढ़ सकता है.
इस डेटा को Decrypt करने के लिए Same कुंजी का इस्तेमाल करना पड़ता है. जैसे आपने डेटा को Encrypt करते समय ABC123 कुंजी का इस्तेमाल किया था, तो एस Encrypt डेटा को Decode करने के लिए ABC123 कुंजी का ही प्रयोग किया जाता है. जब Key Match हो जाती है तो डेटा डिक्रिप्ट हो जाता है.
डिक्रिप्शन कुंजी के प्रकार (Types of Decryption Key in Hindi)
Decryption Key मुख्य रूप से 3 प्रकार की होती है –
- Public Decryption Key
- Private Decryption Key
- Pre Shared Decryption Key
चलिए इनके बारे में भी जान लेते हैं.
#1 Public Decryption Key (सार्वजनिक डिक्रिप्शन कुंजी)
Public Decryption Key का इस्तेमाल Receiver को मैसेज भेजने के लिए किया जाता है. जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है यह सार्वजनिक कुंजी हैं. जब Sender मैसेज भेजता है तो उसे साथ में Public Decryption Key भी Receiver को भेजनी होती है, जिससे Receiver मैसेज को पढ़ सकता है.
#2 Private Decryption Key (निजी डिक्रिप्शन कुंजी)
Private Decryption Key को Receiver के साथ शेयर नहीं किया जाता है, यह Sender के पास ही सुरक्षित रहती है. Private Decryption Key का इस्तेमाल करके किसी भी डेटा को Encrypt और Decrypt किया जा सकता है.
क्रिप्टोग्राफी टेक्नोलॉजी में यह एक Pre Shared Key होता है, मतलब कि दो पक्षों के बीच में सुरक्षित चैनल का उपयोग करने से पहले एक – दुसरे के साथ शेयर किया जाता है.
डिक्रिप्शन के फायदे और नुकसान
Decryption के फायदों की बात करें तो, इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि डिक्रिप्शन के द्वारा Encrypted इनफार्मेशन को पढ़ा जा सकता है, यदि डिक्रिप्शन तकनीकी का अस्तित्व नहीं होता तो डेटा को सुरक्षित करना लगभग असंभव होता है. क्योंकि Encryption के द्वारा डेटा को कोड के रूप में बदल तो दिया जाता, लेकिन उस कोड को दुबारा वास्तविक रूप में बदलना मुश्किल होता.
Decryption के नुकसान की बात करें तो अगर आपको Decryption Key याद नहीं है तो आप Encrypted इनफार्मेशन को Decode नहीं कर सकते हैं. इसलिए आपको Decryption Key को बहुत ध्यान से संभाल कर रखना पड़ता है.
डिक्रिप्शन और एन्क्रिप्शन में अंतर
डिक्रिप्शन और एन्क्रिप्शन के बीच अंतर को हमने नीचे सारणी के द्वारा आपको बताया है.
डिक्रिप्शन (Encryption) | एन्क्रिप्शन (Decryption) |
---|---|
Encryption एक ऐसी प्रोसेस है जो सामान्य मैसेज को अपठनीय कोड में बदल देती है. | Decryption एक ऐसी प्रोसेस है जो Encrypt किये गए इनफार्मेशन को उसके मूल रूप में परिवर्तित कर देती है. |
Encryption का प्रमुख कार्य Plain Text को Cipher Text में बदलने का होता है. | Decryption का मुख्य कार्य Cipher Text को Plain Text में बदलने का होता है. |
Encryption की प्रोसेस डेटा को भेजते समय की जाती है. | Decryption की प्रोसेस डेटा को प्राप्त करने समय की जाती है. |
Encryption प्रोसेस में Sender डेटा को भेजने से पहले Encrypt करता है. | Decryption प्रोसेस में Reviver पहले इनफार्मेशन को कोड के रूप में प्राप्त करता है और फिर उसे Decode करता है. |
डेटा या इनफार्मेशन को प्राइवेट या पब्लिक Key के द्वारा Encrypt किया जाता है. | Encrypt डेटा को प्राइवेट या पब्लिक Key के द्वारा Decrypt किया जाता है. |
FAQ Section: Decryption Meaning in Hindi
डिक्रिप्शन एक ऐसी प्रोसेस है जिसके द्वारा Encrypted डेटा या इनफार्मेशन को Decode करके पढ़ा जा सकता है.
डिक्रिप्शन का हिंदी में मतलब विकोडन या डिकोड करना होता है.
किसी भी प्रकार के एन्क्रिप्टेड डेटा को वास्तविक रूप में बदलने या Cipher Text को Plain Text में बदलने के लिए डिक्रिप्शन का इस्तेमाल किया जाता है.
एन्क्रिप्शन एक ऐसी प्रोसेस है जिसके द्वारा डेटा या इनफार्मेशन को कोड में रूप में बदलकर सुरक्षित कर लिया जाता है तथा डिक्रिप्शन एक ऐसी प्रोसेस है जिसके द्वारा एन्क्रिप्टेड डेटा को पुनः वास्तविक रूप में परिवर्तित किया जाता है.
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निष्कर्ष: डिक्रिप्शन क्या है हिंदी में
इस लेख के माध्यम से हमने आपको Decryption Kya Hai In Hindi, Decryption काम कैसे करता है, डिक्रिप्शन कुंजी के प्रकार तथा डिक्रिप्शन और एन्क्रिप्शन में अंतर के बारे में पूर्ण जानकारी दी है. हमें पूरी उम्मीद है कि इस लेख को आखिरी तक पढने के बाद आप डिक्रिप्शन के बारे में अच्छी प्रकार समझ गए होंगे.
यदि लेख को पढने के बाद भी आपको अपने सवालों के संतोषजनक जवाब नहीं मिला तो हमें कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं, और अगर आपको लेख से कुछ सीखने को मिला है तो इसे सोशल मीडिया पर अपने दोस्तों के साथ भी जरुर शेयर करें.