डार्क वेब क्या है और कैसे काम करता है, किसने बनाया (Dark Web In Hindi)

Dark Web Kya Hai In Hindi: इंटरनेट सूचनाओं का एक विशाल भण्डार है यहाँ आपको हर प्रकार की इनफार्मेशन मिल जायेगी. लेकिन इंटरनेट का एक भाग ऐसा भी है जहाँ ऐसी इनफार्मेशन है तथा ऐसे कार्य किये जाते हैं जो आपके दिल को दहला सकते हैं वह है Dark Web जिसे इंटरनेट की काली दुनिया कहा जाता है.

Dark Web एक ऐसा भाग है जिसे कोई भी आसानी से एक्सेस नहीं कर सकता है, यहाँ जाने के लिए विशेष प्रकार के सॉफ्टवेयर और परमिशन की जरुरत होती है. आज के लेख में हम Dark Web के बारे में जानने वाले हैं.

इस लेख में आपको जानने को मिलेगा कि Dark Web क्या है, डार्क वेब काम कैसे करता है, डार्क वेब को किसने बनाया, डार्क वेब एक्सेस कैसे करें तथा डार्क वेब के फायदे नुकसान क्या है. अगर आप Dark Web के बारे में सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं इस लेख को अंत तक पढ़ें.

Disclaimer – कृपया लेख को पढने से पहले ध्यान दें कि हम इस लेख को केवल Education Purpose से लिख रहे हैं. हम आपको डार्क वेब में जाने की सलाह नहीं देते हैं और ना ही आपको डार्क वेब को एक्सेस करके गैरकानूनी कार्यों को करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं.

Techshole वेबसाइट इस प्रकार की गतिविधि के खिलाफ है. अगर आप Dark Web पर जाते हैं और आपको कोई नुकसान होता है या आप किसी के साथ गलत करते हैं तो उसके जिम्मेदारी स्वयं आप होंगे.

तो चलिए आपका अधिक समय ना लेते हुए शुरू करते हैं इस लेख को और जानते हैं डार्क वेब क्या होता है विस्तार से.

डार्क वेब क्या है (What is Dark Web in Hindi)

Dark Web इंटरनेट का एक ऐसा भाग होता है जिसे गूगल, बिंग जैसे सर्च इंजन Index नहीं कर पाते हैं, डार्क वेब को Dark Net भी कहा जाता है. इंटरनेट के इस हिस्से में ऐसे – ऐसे गैरक़ानूनी कार्य होते हैं जिनके बारे में कल्पना कर पाना भी असंभव है. Dark Web में सभी Transaction क्रिप्टोकरेंसी में होती है जो कि Blockchain Technology पर आधारित है. डार्क वेब में व्यक्ति Web, Apps हैकिंग और अन्य संवेदनशील कार्यो के लिए काम करता है.

Dark Web को सामान्य वेब ब्राउज़र के द्वारा एक्सेस नहीं किया जा सकता है, इसे एक्सेस करने के लिए Advance ब्राउज़र जैसे TOR ब्राउज़र डाउनलोड करने की आवश्यकता होती है.

इसके साथ ही Dark Web को एक्सेस करने के लिए अलग सर्च इंजन होते हैं और इसमें जो वेबसाइट होती हैं उनके डोमेन एक्सटेंशन भी सामान्य इंटरनेट की वेबसाइटों की तरह .com, .net, .org नहीं होते हैं. Dark Web वेबसाइटों के डोमेन एक्सटेंशन .onion होते हैं. Dark Web के वेबसाइटों की IP एड्रेस प्राइवेट रहते हैं, जिससे इनके सर्वर को खोज पाना असंभव है.

Dark Web में हर एक यूजर और वेबसाइट ओनर की Identity गुप्त रखी जाती है. क्योंकि यहाँ पर किसी वेबसाइट को एक्सेस करने के लिए अनेक सारे VPN का सहारा लिया जाता है जिससे किसी को पता चलता ही नहीं कि वेबसाइट को कहाँ से एक्सेस किया जा रहा है.

एक शोध के अनुसार इंटरनेट में Surface Web, जिसे कि एक सामान्य यूजर एक्सेस कर पाता है, केवल 4 प्रतिशत है बाकि 96 प्रतिशत इंटरनेट Dark Web है. अब आप खुद ही अंदाजा लगा सकते हैं कि Dark Web कितना बड़ा और गहरा है. क्योंकि हमारे द्वारा एक्सेस किया जाने वाले 4 प्रतिशत इंटरनेट ही अपने आप में इनफार्मेशन का एक समुद्र है.

Dark Web की परिभाषा (Definition of Dark Web in Hindi)

डार्क वेब इंटरनेट वेबसाइटों का छिपा हुआ समूह है जिसे केवल एक विशेष वेब ब्राउज़र द्वारा ही एक्सेस किया जा सकता है. इसका उपयोग इंटरनेट गतिविधि को गुमनाम और प्राइवेट रखने के लिए किया जाता है.

Dark Web में क्या किया जाता है?

जैसा कि हमने ऊपर आपको बताया Dark Web में ऐसे – ऐसे काम होते हैं जिनके बारे में कल्पना कर पाना असंभव है, तो आपके मन में कहीं  ना कहीं सवाल आ रहा होगा कि Dark Web में क्या काम होता है. यहाँ नीचे हम आपको Dark Web में होने वाले कुछ गैरकानूनी कार्यों के बारे में बतायेंगे जिससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि यह Dark Web कितना खतरनाक है.

  • हथियारों का लेन – देन
  • Drug की तस्करी
  • डार्क वेब और एप्प हेकिंग
  • विलुप्त होने की कगार पर खड़े जानवरों की खाल
  • लोगों के बैंक अकाउंट डिटेल बेचे जाते हैं.
  • दुसरे देश की नागरिकता दिलाई जाती है.
  • नकली पासपोर्ट बनाये जाते हैं.
  • चाइल्ड पोर्नग्राफी
  • मानव अंगों की तस्करी
  • जानवरों का मांस पकाने पर टुटोरिअल इत्यादि.

इनके अलावा भी अनेक प्रकार के घिनोने कार्य Dark Web पर किये जाते हैं.

Surface Web, Deep Web और Dark Web में अंतर

इंटरनेट में WWW में मौजूद सभी इनफार्मेशन को तीन भागों में बांटा जाता है –

  • सरफेस वेब (Surface Web)
  • डीप वेब (Deep Web)
  • डार्क वेब (Dark Web)

आप समुद्र में बर्फ के एक चट्टान की कल्पना कीजिये जिसमें चट्टान का सबसे उपरी भाग जो आपको दिखाई देता है वह Surface Web हैं, बीच का हिस्सा Deep Web और चट्टान का सबसे नीचे का हिस्सा जो समुद्र की गहराइयों में है वह Dark Web है.

चलिए इन तीनों को एक – एक कर समझते हैं.

Surface Web(सरफेस वेब)

  • इंटरनेट के जिस भाग का उपयोग दैनिक कार्यों के लिए किया जाता है उसे सरफेस वेब कहते हैं.
  • सरफेस वेब को कोई भी यूजर Publicly  ब्राउज कर सकता है.
  • सरफेस वेब को सामान्य सर्च इंजन इंडेक्स करते हैं.
  • गूगल, बिंग, याहू  आदि के द्वारा आप जितनी भी वेबसाइट एक्सेस कर सकते हैं वे सभी सरफेस वेब के अंतर्गत आती हैं.
  • सरफेस वेब की वेबसाइटों को एक्सेस करने के लिए किसी विशेष सॉफ्टवेयर, ब्राउज़र या परमिशन की जरुरत नहीं पड़ती है.
  • आप Google Chrome, Firefox, Opera, Internet Explorer आदि में सरफेस वेब को एक्सेस कर सकते हैं.
  • सरफेस वेब इंटरनेट की दुनिया का केवल 4 प्रतिशत भाग है.

Deep Web (डीप वेब)

  • इंटरनेट के जिस भाग को सर्च इंजन इंडेक्स नहीं करता है उसे Deep Web कहते हैं.
  • Deep Web को कोई भी यूजर Publically ब्राउज नहीं कर सकता है.
  • Deep Web में वेबसाइट को एक्सेस करने के लिए इसमें यूजरनाम और पासवर्ड के द्वारा login करना होता है.
  • बिना परमिशन के आप Deep Web में वेबपेजों को नहीं देख सकते हैं.
  • Deep Web का इस्तेमाल आप सामान्य सर्च इंजन जैसे गूगल, बिंग आदि से कर सकते हैं.
  • सामान्य वेब ब्राउज़र जैसे Chrome, Firefox, Opera आदि के द्वारा Deep Web को एक्सेस किया जा सकता है.
  • जैसे आप Email ID में Log in किये बिना ईमेल नहीं भेज सकते हैं, फेसबुक में अकाउंट बनाये बिना फेसबुक को एक्सेस नहीं कर सकते हैं यह सब Deep Web का उदाहरण है.
  • Deep Web का इस्तेमाल यूजर को पर्सनल Detail को सुरक्षित रखने के लिए किया जाता है.

Dark Web (डार्क वेब)

  • Dark Web इंटरनेट का वह भाग है जिसे सामान्य सर्च इंजन इंडेक्स नहीं कर सकते हैं, या उन तक नहीं पहुँच सकते हैं.
  • Dark Web का इस्तेमाल करने के लिए विशेष प्रकार के सॉफ्टवेयर और टूल की जरुरत होती है.
  • आप TOR जैसे ब्राउज़र के द्वारा ही Dark Web को एक्सेस कर सकते हैं.
  • TOR ब्राउज़र Dark Web में मौजूद वेबसाइटों को IP एड्रेस को एन्क्रिप्ट कर देता है परिणामस्वरूप वह सर्च इंजन में सामान्य यूजर को दिखाई नहीं देते.
  • Dark Web की वेबसाइटों को वही लोग एक्सेस कर सकते हैं जिन्हें इनके बारे में जानकारी होती है.
  • पूरे इंटरनेट का लगभग 96 प्रतिशत भाग डार्क वेब है.
  • अपराधियों और डार्क वेब हैकिंग के लिए डार्क वेब पसंदीदा स्थान है, जहाँ पर ये गैर क़ानूनी कामों को अंजाम देते हैं.

Dark Web को किसने बनाया (History of Dark Web in Hindi)

लेख को यहाँ तक पढने पर आप जरुर समझ गए होंगे कि Dark Web क्या है. अब एक प्रश्न आपको विचलित कर सकता है कि आखिर डार्क वेब को किसने बनाया?

Dark Web को वास्तव में अमेरिका ने 1990 के दशक में अपने सैनिकों के लिए विकसित किया था. दरसल अमेरिका ने अपने सैनिकों के दस्तावेजों को सुरक्षित रूप से भेजने के लिए Onion Routing टेक्नोलॉजी का निर्माण किया था.

Onion Routing टेक्नोलॉजी का उपयोग करने से हैकर के लिए डेटा हैक करना असंभव था. यही टेक्नोलॉजी Dark Web के विकास में उपयोग हुई.

Dark Web की असल में शुरुवात 2002 में हुई जब TOR ब्राउज़र (The Onion Routing Project) के अल्फा वर्शन को लांच किया गया. TOR एक Open Source Software है जो यूजर को गुमनाम तरीके से इंटरनेट एक्सेस करने की अनुमति देता है. आधुनिक TOR ब्राउज़र का विकास 2006 में हुआ, इसके द्वारा कोई भी यूजर आसानी से Dark Web में पहुँच सकता है.

इसके बाद साल 2009 में बिटकॉइन नाम की क्रिप्टोकरेंसी का निर्माण हुआ, क्योंकि लोग Dark Web में गैर कानूनी काम तो करते थे लेकिन पैसों की लेन – देन को गुप्त रखना असंभव था. लेकिन बिटकॉइन के आ जाने से Dark Web में लेन – देन करना भी आसान हो गया.

Dark Web पर गैर कानूनी कार्य तब और अधिक बढ़ने लगे जब 2011 में Silk Road नाम का एक ऑनलाइन मार्केटप्लेस डार्क वेब में लांच किया गया, इसमें अवैध तरीके से Drug बेचे जाते थे. इस वेबसाइट को आगे चलकर प्रतिबंध लगा दिया गया, लेकिन ban होने से पहले यह मार्केटप्लेस अरबों डॉलर की कमाई कर चुका था. आज के समय में Dark Web में होने वाले अवैध कामों की अनेक सारी घटनायें लगातार सामने आ रही है.

Dark Web काम कैसे करता है

Dark Web, Onion Routing Technology पर आधारित है. जिस प्रकार एक प्याज में कई सारी परतें होती हैं उसी प्रकार डार्क वेब में कई सारे VPN होते हैं.

जब भी आप डार्क वेब खोंलो तो माना आपको Dark Web में Google वेबसाइट को एक्सेस करना है तो आपको Request n VPN (कई संख्या) से होती हुई सर्वर पर पहुंचेगी जिससे आपकी Identity को पता लगा पाना असंभव होगा. Dark Web में .onion डोमेन एक्सटेंशन का इस्तेमाल किया जाता है ये Highly Encrypted होते हैं.

कुल मिलाकर कहा जा सकता है, Dark Web इंटरनेट पर गुप्त स्थानों का एक समूह है जो यूजर के कार्यों, यूजर की पहचान, यूजर क्या कर रहा है, यूजर कहाँ से एक्सेस कर रहा है आदि को छुपाता है. 

Dark Web डाउनलोड और एक्सेस कैसे करें

अगर आप Dark Web के बारे में इतना सब कुछ जानने के बाद भी इसे एक्सेस करना चाहते हैं तो नीचे बताये गए प्रोसेस के द्वारा इसे एक्सेस कर सकते हैं, पर ध्यान रखें कि आप इसे अपनी जिम्मेदारी और स्वविवेक पर एक्सेस करें.

Step 1 – डार्क वेब इस्तेमाल करने के लिए सबसे पहले आप अपनी सुरक्षा के लिए एक बढ़िया VPN का इस्तेमाल करें.

Step 2 – डार्क वेब के लिए आप अपने कंप्यूटर में TOR ब्राउज़र को डाउनलोड कर इनस्टॉल करें. क्योंकि Normal ब्राउज़र से आप Dark Web को एक्सेस नहीं कर सकते हैं.

Step 3 – TOR ब्राउज़र को इनस्टॉल करने के बाद इसे open करें और Connect वाले ऑप्शन पर क्लिक करें.

Step 4 – कुछ समय इन्तजार करने के पास आप सफलतापूर्वक TOR ब्राउज़र से जुड़ जायेंगे, और आपके लोकल कंप्यूटर की IP एड्रेस बदल जायेगी.

Step 5 – अब आपका TOR ब्राउज़र Dark Web को एक्सेस करने के लिए तैयार हैं. इस प्रकार आप डार्क वेब को चला सकते है.

 पर आपको डार्क वेब की वेबसाइटों में जाने के लिए उनका URL पता होना चाहिए तभी आप इन्हें एक्सेस कर सकते हैं. Dark Web की वेबसाइटों का URL पता करना बहुत मुश्किल कार्य है.

Dark Web के क्या नुकसान हैं

Dark Web के अनेक सारे नुकसान हैं इसलिए अधिक लोग इसे एक्सेस ना करने की सलाह देते हैं. Dark Web के कुछ नुकसान निम्नलिखित हैं –

  • डार्क वेब पर हर समय हैकर बैठे रहते हैं आपकी थोड़ी से लापरवाही से आपका पूरा डाटा हैक हो सकता है.
  • यहाँ पर आपको अनेक सारे ऐसे लिंक मिल जायेंगे जिन पर क्लिक करते ही आपके सिस्टम में वायरस आ जायेंगे.
  • डार्क वेब में फिशिंग और स्कैम होने का ख़तरा हमेशा बना रहता है.
  • हैकर आपके सिस्टम को हैक कर लेंगे और आपको पता भी नहीं चलेगा, इससे आपको प्राइवेसी को ख़तरा हो सकता है.
  • कुछ भी गैरकानूनी गतिविधि करने पर आपको जेल हो सकती है.
  • डार्क वेब में ऐसे – ऐसे कंटेंट आपको मिलेंगे जो आपको विचलित कर सकते हैं.

Dark Web के क्या फायदे हैं

Dark Web के कुछ फायदे भी होते हैं इसलिए इसे पूरी तरह से बैन नहीं किया जाता है, डार्क वेब के कुछ फायदे निम्नलिखित हैं –

  • अगर आप सावधानीपुर्वक Dark Web को एक्सेस करते हैं तो कोई आपकी पहचान को ट्रैक नहीं कर पायेगा.
  • आप गुमनाम रहकर इंटरनेट एक्सेस कर सकते हैं.
  • डार्क वेब के द्वारा आप सुरक्षित रूप से फाइलों को शेयर कर सकते हैं.
  • जो विधार्थी किसी चीज के बारे में गहरी रिसर्च करना चाहते हैं उनके लिए यह एक अच्छा स्थान है क्योंकि यहाँ पर ढेर सारा Study matireal मौजूद है.

Dark Web को बैन क्यों नहीं किया जाता है?

Dark Web के बारे में पढने के बाद आपके मन में यह सवाल भी आ रहा होगा कि डार्क वेब पर प्रतिबंध क्यों नहीं लगा दिया जाता. तो इसका जवाब है Dark Web पूरी तरह से अवैध नहीं है इसमें कुछ कानूनी कार्य भी होते हैं. और डार्क वेब यूजर को अपनी पहचान बताये बिना इंटरनेट एक्सेस करने की अनुमति देता है, इसलिए इसका इस्तेमाल देश की सरकार, सेनायें, बड़ी कंपनियां भी करती है.

साथ में डार्क वेब का इस्तेमाल करने वाले यूजर को ट्रैक कर पाना बहुत मुश्किल है. इन सभी कारणों से Dark Web को पूरी तह से प्रतिबंधित नहीं किया जा सकता है.

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निष्कर्ष: डार्क वेब क्या है इन हिंदी

तो दोस्तों यह थी Dark Web के बारे में सम्पूर्ण जानकारी, हमें पूरी उम्मीद है कि इस लेख को पढने के बाद आप Dark Web Kya Hai और इससे जुड़े तमाम महत्वपूर्ण विषयों को समझ गए होंगे. साथ में ही आपको इसके फायदे और नुकसान के बारे में भी पता चल गया होगा. अगर आपको यह लेख पसंद आया तो इसे अपने दोस्तों के साथ सोशल मीडिया पर भी जरुर शेयर करें.

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