कंप्यूटर मेमोरी क्या है और इसके प्रकार | Computer Memory in Hindi

Memory Kya Hai In Hindi – लगभग आप सभी ने computer मेमोरी का नाम जरुर सुना होगा. पर क्या आप जानते हो कि मेमोरी क्या है (What is computer memory in Hindi), मेमोरी कितने प्रकार की होती है, और मेमोरी कैसे मापा जाता है? इन सब का सटीक जवाब शायद ही आप लोग जानते होंगे.

Computer memory कंप्यूटर का वह भाग होती है जिसमें कंप्यूटर का सारा डेटा स्टोर होता है, बिना मेमोरी के कंप्यूटर को नहीं चलाया जा सकता है.

आज के इस लेख में हम आपको Memory Kya Hai in Hindi के बारे में पूरी जानकारी देने वाले हैं जो आपके लिए बहुत ही उपयोगी साबित होगी. और इसे पढने के बाद Memory से संबधित आपके सारे Doubt खत्म हो जायेंगे तो आइये बिना किसी देरी के शुरू करते हैं इस लेख को और जानते हैं मेमोरी क्या होती है.

कंप्यूटर मेमोरी क्या है (What is Memory in Hindi)

जिस प्रकार हम अपने जीवन में जो भी गतिविधि करते हैं वह हमारे दिमाग में स्टोर होती है उसी प्रकार कंप्यूटर में डेटा या सूचनाओं को स्टोर करने के लिए मेमोरी का प्रयोग किया जाता है. कंप्यूटर मेमोरी इंसानी दिमाग की तरह ही होती है.

मेमोरी कंप्यूटर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है जिसका काम डेटा और निर्देशों को कंप्यूटर सिस्टम में स्टोर करना होता है. कंप्यूटर को on करने में कंप्यूटर में कोई भी program को run करने के लिए मेमोरी का इस्तेमाल होता है.

जब भी हमारे द्वारा कंप्यूटर को कोई निर्देश दिया जाता है तो CPU मेमोरी से ही डेटा को access करता है.

 मेमोरी छोटे – छोटे भाग में बटी रहती है और हर एक भाग को cell कहा जाता है. इन cell में डेटा Binary Digit (0,1) के रूप में स्टोर होता है.

मेमोरी की परिभाषा (Definition of Memory in Hindi)

कंप्यूटर में डेटा को याद रखने या  स्टोर करने के लिए मेमोरी का प्रयोग किया जाता है जिसे Computer Memory कहते हैं .

कंप्यूटर मेमोरी के प्रकार (Type of Computer Memory In Hindi)

कंप्यूटर मेमोरी मुख्यतः तीन प्रकार की होती हैं – 

  1. प्राइमरी मेमोरी (Primary Memory)
  2. द्वितीयक मेमोरी (Secondary Memory)
  3. कैश मेमोरी (Cache Memory)

अब इन तीनों को एक – एक कर समझते हैं – 

#1 प्राइमरी मेमोरी (Primary Memory In Hindi)

प्राइमरी मेमोरी कंप्यूटर की Main Memory होती है, जो CPU का भाग होती है. CPU में लगे होने के कारण इस मेमोरी को Internal Memory भी कहा जाता है. 

Primary Memory को Semiconductor (अर्धचालक पदार्थ) से बनाया जाता है. 

कंप्यूटर में चल रहे Current Work इस Memory में ही स्टोर होते हैं. Primary Memory को कंप्यूटर की Working Memory भी कहते हैं.

कोई भी इलेक्ट्रोनिक डिवाइस प्राइमरी मेमोरी के बिना नहीं चल सकता है.

प्राइमरी मेमोरी की स्टोरेज क्षमता सीमित होती है, इसमें वही डेटा स्टोर होता है जो बहुत काम का होता है.

प्राइमरी मेमोरी की विशेषताएं (Feature of Primary Memory)

  • प्राइमरी मेमोरी कंप्यूटर की मुख्य मेमोरी होती है.
  • कंप्यूटर को on करने में और इसमें Program को run करने के लिए इस्तेमाल होती है.
  • इसकी स्टोरेज क्षमता लिमिटेड होती है. 
  • यह डिवाइस के अन्दर ही लगी होती है.
  • प्राइमरी मेमोरी CPU के द्वारा इस्तेमाल की  जाती है.
  • सेकेंडरी मेमोरी की तुलना में प्राइमरी मेमोरी Fast होती है.
  • यह Semiconductor (अर्धचालक पदार्थ) से बनी होती है.

प्राइमरी मेमोरी के प्रकार (Type of Primary Memory in Hindi)

प्राइमरी मेमोरी मुख्य रूप से 2 प्रकार की होती है – 

  • RAM 
  •  ROM 

RAM (Random Access Memory) – RAM एक Temporary Memory होती है, जो कंप्यूटर में चल रहे current work को Temporary Base पर स्टोर करके रखता है और Electricity off हो जाने के बाद इसमें स्टोर सारा डेटा erase हो जाता है. 

RAM एक Volatile Memory होती है. और कंप्यूटर में चल रहे सारे Program RAM में ही run होते हैं. RAM कंप्यूटर Memory का एक महत्वपूर्ण भाग होता है. 

RAM भी 2 प्रकार के होते हैं 

  • SRAM (Static Random Access Memory)
  • DRAM (Dynamic Random Access Memory)

ROM (Read Only Memory) – ROM कंप्यूटर की Permanent Memory होती है, जिसमें कंप्यूटर के main instruction स्टोर रहते हैं. जो कंप्यूटर के on होने में मदद करते हैं. 

ROM में डेटा Permanent Base पर स्टोर रहता है , Electricity off  हो जाने के बाद भी ROM में स्टोर डेटा सुरक्षित रहता है. 

ROM में डेटा पहले से ही Manufacture company के द्वारा फिक्स कर दिया जाता है हम इसमें उपस्थित डेटा को हम बदल नहीं सकते हैं. ROM में उपस्थित डेटा को केवल read किया जा सकता है इसे Write नहीं कर सकते हैं. 

ROM चार प्रकार के होते हैं 

  • MROM (Masked Read Only Memory)
  • PROM (Programmable Read-Only Memory)
  • EPROM (Erasable and Programmable Read-Only Memory)
  • EEPROM (Electricity Erasable and Programmable Read-Only Memory)

#2 सेकेंडरी मेमोरी (Secondary Memory In Hindi)

सेकेंडरी मेमोरी कंप्यूटर की दूसरी मेमोरी होती है, इसे बाहर से कंप्यूटर के साथ जोड़ा जाता है, यह मेमोरी कंप्यूटर सिर्किट से नहीं जुडी रहती है, इसलिए इस मेमोरी को External Memory (द्वितीय मेमोरी) कहा जाता है. 

सामान्यतः सेकेंडरी मेमोरी की स्टोरेज क्षमता Primary से अधिक होती है और जरुरत पड़ने पर इसके स्टोरेज को बढाया जा सकता है.

सेकेंडरी मेमोरी Non- Volatile memory होती है इसमें डेटा को permanent लम्बे समय के लिए सुरक्षित रखा जा सकता है.

सेकेंडरी मेमोरी की विशेषताएं (Feature of Secondary Memory in Hindi)

  • यह एक स्थाई मेमोरी होती है.
  • सेकेंडरी मेमोरी में डाटा को लम्बे समय तक सुरक्षित रखा जा सकता है.
  • इसमें स्टोर किये गए डेटा को आसानी से एक कंप्यूटर से दुसरे कंप्यूटर में कॉपी किया जा सकता है. 
  • ये बैकअप मेमोरी होती है.
  • बिना सेकेंडरी मेमोरी के भी कंप्यूटर चल सकता है.
  • इनकी speed प्राइमरी मेमोरी की तुलना में कम होती है.
  • Electricity off या कंप्यूटर Shut down होने के बाद भी इसमें स्टोर डाटा सुरक्षित रहता है. 

सेकेंडरी मेमोरी के प्रकार (Type of Secondary Memory in Hindi)

हम डेटा को स्टोर करने के लिए जिनती भी मेमोरी को कंप्यूटर में बाहर से लगते हैं वे सभी सेकेंडरी मेमोरी कहलाती है. 

जैसे – Memory Card, Hard Disk, Pen Drive, DVD, CD इत्यादि.

लेकिन संरचना और कार्यपद्धति के आधार पर Secondary Memory चार प्रकार की होती है – 

  • Magnetic Tap 
  • Magnetic Disk  
  • Optical Disk 
  • Flash Memory  
  • Magnetic Tap Memory – इनका उपयोग अब नहीं होता है, पुराने समय में इनका बहुत अधिक उपयोग किया जाता था. इस प्रकार की मेमोरी में एक प्लास्टिक की रिबन होती है जिसके दोनों तरफ आयरन ऑक्साइड की कोटिंग की जाती है. आयरन ऑक्साइड एक चुम्बकीय पदार्थ होता है.  Magnetic Tap Memory में डेटा को मिटा कर पुनः स्टोर किया जा सकता है. उदाहरण – ऑडियो कैसिट, टेप रिकॉर्डर.
  • Magnetic Disk Memory – यह एक उपयोगी मेमोरी होती है. इसमें डेटा Track, spot और sector एरिया में स्टोर होता है और ये एरिया मैग्नेटिक कोटिंग से कवर रहती है. उदाहरण – हार्ड डिस्क, फ्लोपी डिस्क
  • Optical Disk – यह गोल फ्लैट सतह की एक सेकेंडरी मेमोरी होती है जिसमें डाटा को स्टोर करने के लिए Laser का उपयोग किया जाता है. इसमें डेटा Pits के रूप में स्टोर रहता है. उदाहरण – CD (Compact Disk), DVD (Digital versatile disk)
  • Flash Memory – सारे USB Drive Flash Memory के अंतर्गत आते हैं. इनका आकर छोटा होने के बावजूद भी इनकी डेटा स्टोर करने की क्षमता दुसरे डिस्क से अधिक होती है. इस प्रकार की मेमोरी जल्दी ख़राब नही होती है और इसमें डेटा को read और write किया जा सकता है. आजकल लगभग सभी कंप्यूटर में डेटा को स्टोर करने के लिए Flash Memory का इस्तेमाल किया जाता है. उदाहरण – Memory card, Pen Drive, SSD (Solid State Drive)

#3 कैश मेमोरी (Cache Memory In Hindi)

कैश मेमोरी कंप्यूटर की सबसे फ़ास्ट मेमोरी होती है. CPU और RAM के बीच में डेटा को Fast Transfer करने के लिए इस मेमोरी का इस्तेमाल होता है. 

Cache Memory में frequently इस्तेमाल होने वाले Program और Instruction को स्टोर किया जाता है जिससे CPU तेजी से काम कर सकें. 

Cache मेमोरी को CPU और RAM के बीच में लगा देते हैं, जिससे CPU जो भी डेटा Process करता है वह Cache Memory में स्टोर हो जाता है. CPU Cache Memory से डेटा प्राप्त करने की कोशिस करता है, अगर उसे डेटा मिल जाता है तो वह तुरंत access कर देता है. 

अगर Cache Memory में CPU को डेटा नही मिलता है तो वह RAM से डेटा को प्राप्त करता है और फिर access करता है.

कैश मेमोरी की विशेषताएं (Feature of Cache Memory in Hindi)

  • Cache Memory प्राइमरी मेमोरी से भी अधिक Fast होती है.
  • इसमें डेटा Temporary स्टोर रहता है.
  • इसकी क्षमता सीमित होती है, RAM और ROM से भी कम.
  • यह केवल उसी डेटा को स्टोर करती है जिसे कम समय में Process करना होता है.
  • लिमिटेड डेटा स्टोरेज होने के बाद भी ये costly होती है. 

कैश मेमोरी के प्रकार (Type of Cache Memory in Hindi)

कैश मेमोरी दो प्रकार की होती है – 

  • L 1 Cache Memory ( Internal )
  • L 2 Cache Memory ( External )

मेमोरी को मापने की इकाई (Computer Memory Measurement Unit in Hindi)

जिस प्रकार सभी भौतिक इकाइयों को मापने के लिए मात्रकों का प्रयोग किया जाता है उसी प्रकार मेमोरी की क्षमता को मापने के लिए भी मात्रकों का प्रयोग किया जाता है, मेमोरी मापने के इन मात्रकों को मेमोरी यूनिट कहते हैं. 

मेमोरी मापने की सबसे छोटी इकाई को बिट (Bit) कहा जाता है, क्योकि कंप्यूटर मेमोरी Binary Digit (0,1) के रूप में स्टोर रहती है. और Binary Digit को Bit भी कहा जाता है इसलिए कंप्यूटर मेमोरी मापने की सबसे छोटी इकाई को Bit कहते हैं.

जब 8 Bit को मिला दिया जाता है तो एक Byte बनता है. इसकी प्रकार अधिक क्षमता वाले मेमोरी को मापने के Bit के बड़े Set बनाये जाते हैं. 

कंप्यूटर में मेमोरी की क्षमता को निम्न इकाइयों में मापा जाता है, जिसे हमने एक सारणी के द्वारा आपको बताया है –

इकाईShort NameCapacity
Bitb0,1
ByteB8 Bit
KilobyteKB1024 Byte
MegabyteMB1024 Kilobyte
GigabyteGB1024 Megabyte
TerabyteTB1024 Gigabyte
PetabytePB1024 Terabyte
ExabyteEB1024 Petabyte
ZettabyteZB1024 Exabyte
YottabyteYB1024 Zettabyte
मेमोरी को मापने की इकाई

FAQ For Computer Memory in Hindi

मेमोरी की सबसे छोटी इकाई क्या होती है?

मेमोरी की सबसे छोटी इकाई बिट होती है.

मेमोरी की सबसे बड़ी इकाई क्या होती है?

मेमोरी की सबसे बड़ी इकाई Zettabyte (ZB) होती है.

मेमोरी यूनिट क्या होती है?

मेमोरी की क्षमता को मापने के लिए कुछ इकाइयाँ निर्धारित की गयी हैं, इन इकाइयों को ही मेमोरी यूनिट कहते हैं.

RAM और ROM किस चीज से बने होते हैं?

RAM और ROM Semiconductor ( अर्धचालक पदार्थ ) से बने होते हैं.

Processing Speed of Memory क्या होती है?

1 सेकंड में मेमोरी जितना डेटा transfer कर सकती है उसे Processing Speed of Memory कहते हैं. जैसे अगर मेमोरी 1 सेकंड में 100 KB डेटा ट्रान्सफर कर रही है तो मेमोरी की प्रोसेसिंग स्पीड 100KBps होगी.

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निष्कर्ष: कंप्यूटर मेमोरी क्या है हिंदी में

तो दोस्तों अब आप लोग अच्छी तरह समझ गए होंगे कि  Memory Kya Hai In Hindi और Memory कितने प्रकार की होती है. आज के लेख में बस इतना ही, उम्मीद करते हैं आपको हमारे द्वारा लिखा गया यह लेख पसंद आया होगा. What is Computer Memory In Hindi लेख को अपने दोस्तों के साथ भी जरुर शेयर करें और इसकी प्रकार के ज्ञान से भरे लेख पढने के लिए हमारे ब्लॉग पर आते रहिये. 

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