कैश मेमोरी क्या है इसके प्रकार और कैसे काम करता है (Cache Memory in Hindi)

Cache Memory Kya Hai In Hindi: बात जब भी कंप्यूटर की मेमोरी की होती है तो अधिकतर लोगों को केवल हार्ड डिस्क, SSD, RAM, ROM आदि के बारे में ही पता होता है. लेकिन बहुत कम लोग ऐसे होते हैं जिन्हें Cache Memory के बारे में पता होता है.

अगर आप इंटरनेट पर खोज रहे हैं कि Cache Memory क्या है तो आज के इस लेख में हम आपके सभी सवालों के जवाब देने वाले हैं. इस लेख के द्वारा हम आपको बताएँगे कि कैश मेमोरी क्या होती है, कैश मेमोरी काम कैसे करती है, कैश मेमोरी के प्रकार, कैश मेमोरी के उपयोग तथा कैश मेमोरी के फायदे और नुकसान क्या हैं.

अगर आप भी कैश मेमोरी के बारे में पूरी इनफार्मेशन प्राप्त करना चाहते हैं तो आपको इस लेख को अंत तक पढना होगा. तो चलिए बिना समय गंवाए शुरू करते हैं विस्तार से इस लेख को कैश मेमोरी इन हिंदी.

कैश मेमोरी क्या है (What is Cache Memory in Hindi)

Cache मेमोरी कंप्यूटर की एक वोलेटाइल मेमोरी होती है जो सेमीकंडक्टर से बनी होती है और CPU में लगी होती है. कैश मेमोरी CPU के परफॉरमेंस को Improve करती है जिससे कि कंप्यूटर या मोबाइल की स्पीड बनी रहती है.

CPU में ही embedded होने के कारण कैश मेमोरी प्राइमरी और सेकेंडरी मेमोरी की तुलना में बहुत Fast होती है, इसमें वही डेटा स्टोर होता है जिसकी CPU को बार – बार जरुरत पड़ती है. कैश मेमोरी में डेटा अस्थाई रूप से स्टोर रहता है, और इसकी स्टोरेज क्षमता भी कम होती है.

कैश मेमोरी कैसे काम करती है

कैश मेमोरी की कार्यप्रणाली को समझना बहुत ही आसान है. ये तो आप जानते ही होंगे हम कंप्यूटर में जितने भी एप्लीकेशन या प्रोग्राम को run करते हैं वह सब हार्ड डिस्क में स्टोर रहता है.

CPU हार्ड डिस्क से डेटा सीधे fetch  नहीं कर पाता है, क्योंकि हार्ड डिस्क बहुत slow होती है, इसलिए डेटा प्राइमरी मेमोरी RAM में लोड होता है. RAM हार्ड डिस्क से फ़ास्ट तो होती है लेकिन यह CPU के जितनी फ़ास्ट नहीं होती है.

RAM की डेटा ट्रान्सफर स्पीड, डेटा एक्सेस टाइम CPU की तुलना में slow होता है. इसलिए जब CPU RAM से किसी प्रोग्राम के लिए request करता है तो RAM प्रोग्राम को deliver करने में एक निश्चित समय लेता है जिससे कि CPU की परफॉरमेंस ख़राब होती है.

इसलिए यहाँ पर इस्तेमाल किया जाता है कैश मेमोरी का. RAM मेमोरी एड्रेस से डेटा या निर्देशों का Backup कैश मेमोरी में बना देती है. इसलिए CPU को जिस भी डेटा की जरुरत होती है उसे वह कैश मेमोरी में Check करता है.

अगर कैश मेमोरी में डेटा मिल जाता है तो CPU डेटा को प्रोसेस कर देता है और अगर डेटा नहीं मिलता है तो CPU को RAM के पास जाना पड़ता है. कैश मेमोरी में वही डेटा स्टोर रहता है जिसे CPU को बार – बार जरुरत होती है.

इसलिए आपने भी देखा होगा कंप्यूटर और मोबाइल में जब आप बार – बार किसी प्रोग्राम को run करते हैं तो वह बहुत जल्दी लोड होता है, और किसी प्रोग्राम या एप्लीकेशन को आप कभी – कभी लोड करते हैं तो उसे लोड होने में कुछ समय लगता है.

तो दोस्तों अब आप समझ गए होंगे कि Cache Memory क्या है और यह काम कैसे करती है, चलिए अब कैश मेमोरी के प्रकार के बारे में भी जान लेते हैं.   

कैश मेमोरी के प्रकार (Types of Cache Memory in Hindi)

कैश मेमोरी के मुख्य रूप से तीन Level होते हैं –

  • Level 1 Cache Memory (स्तर 1 कैश मेमोरी)
  • Level 2 Cache Memory (स्तर 2 कैश मेमोरी)
  • Level 3 Cache Memory (स्तर 3 कैश मेमोरी)

Level 1 Cache Memory (स्तर 1 कैश मेमोरी)

Level 1 की कैश मेमोरी बहुत फ़ास्ट होती है. यह मेमोरी CPU में ही लगी होती है और यह बहुत कम मात्रा में डेटा को स्टोर कर सकती है. Level 1 कैश मेमोरी का आकार 2KB से लेकर 64KB तक होता है. अधिकतर कंप्यूटर में Level 1 कैश मेमोरी CPU Cache के रूप में कार्य करती है, इसलिए इसे Primary Cache Memory कहते हैं.

CPU को जब किसी डेटा की जरुरत होती है तो वह पहले इसे Level1 Cache मेमोरी में ही Check करता है, यदि डेटा CPU को Level1 Cache Memory में मिल जाता है तो CPU बांकी के Level को Check नहीं करता है और डेटा को Process कर देता है.

Level 2 Cache Memory (स्तर 2 कैश मेमोरी)

Level 2 की कैश मेमोरी Level 1 की तुलना में बड़ी होती है, और यह L1 की तुलना में अधिक डेटा को स्टोर कर सकती है. L2 कैश मेमोरी की स्टोरेज क्षमता 256 KB से लेकर  512 KB तक हो सकती है. लेकिन इसकी स्पीड L1 की तुलना में कम होती है. CPU को जब कोई डेटा L1 में नहीं मिलता है तो वह उसे Level2 Cache में Check करता है, इसलिए L2 को सेकेंडरी कैश भी कहते हैं.

Level 3 Cache Memory (स्तर 3 कैश मेमोरी)

तीसरे लेवल की कैश मेमोरी Level1 और Level2 की तुलना में बड़ी होती है, लेकिन इसकी स्पीड पहले दोनों Level से कम होती है. L3 Cache Memory की स्टोरेज क्षमता 8 MB तक हो सकती है.

इसका उपयोग L1 और L2 की परफॉरमेंस को बढाने के लिए किया जाता है. Level 3 कैश मेमोरी CPU के बाहर भी हो सकती है. Level 3 कैश मेमोरी सभी प्रोसेसर के लिए Same होती है.

कैश मेमोरी के उपयोग (Uses of Cache Memory in Hindi)

कैश मेमोरी कंप्यूटर सिस्टम की Performance के लिए बहुत महत्वपूर्ण होती है. कंप्यूटर सिस्टम में एक CPU का फ़ास्ट होना बहुत जरुरी होता है. कैश मेमोरी एक प्रकार से CPU की efficacy  को improve करती है. इसके अलावा भी कैश मेमोरी के अनेक सारे उपयोग हैं जिनके बारे में हमने आपको नीचे बताया है –

  • Cache Memory एक फ़ास्ट मेमोरी होती है जो सिस्टम के स्पीड को बढ़ाती है.
  • कैश मेमोरी उन सभी डेटा को स्टोर करके रखते हैं जिसकी CPU को frequently जरुरत पड़ती है.
  • कैश मेमोरी में डेटा Temporary Store रहता है, जो डेटा किसी काम का नहीं रह जाता है कैश मेमोरी उसे replace कर देती है.
  •  कैश मेमोरी CPU में ही मौजूद होती है, जिससे CPU को निर्देश जल्दी प्राप्त हो जाते हैं, इसलिए यह एक Fast Access की जाने वाले मेमोरी है.
  • मुख्य मेमोरी का धीमा हो जाने के कारण CPU प्रोग्राम execution की स्पीड को भी धीमा कर देता है, इसलिए कैश मेमोरी का इस्तेमाल किया जाता है ताकि Process की स्पीड बनी रहे.   

कैश मेमोरी के फायदे (Advantage of Cache Memory in Hindi)

कैश मेमोरी के कुछ प्रमुख फायदे निम्नलिखित हैं –

  • कैश मेमोरी प्राइमरी मेमोरी और सेकेंडरी मेमोरी की तुलना में बहुत फ़ास्ट होती है.
  • कैश मेमोरी CPU के द्वारा बार – बार उपयोग किये जाने वाले डेटा को स्टोर करके रखती है, जिससे कि CPU की परफॉरमेंस बेहतर होती है.
  • कैश मेमोरी CPU में ही embedded  होती है, इसलिए CPU इसे फ़ास्ट एक्सेस कर पाता है.
  • कैश मेमोरी में डेटा Temporary रूप से स्टोर होता है. इसमें केवल वही डेटा स्टोर होता है जिसकी CPU को बार – बार जरुरत होती है.

कैश मेमोरी के नुकसान (Disadvantage of Cache Memory in Hindi)

कैश मेमोरी के कुछ नुकसान भी हैं, लेकिन इसके नुकसान फायदों की तुलना में ना के बराबर हैं. कैश मेमोरी के कुछ नुकसान निम्न प्रकार से हैं –

  • कैश मेमोरी की कीमत अन्य मेमोरी की तुलना में अधिक होती है.
  • कैश मेमोरी की स्टोरेज क्षमता बहुत कम होती है, इसलिए यह जल्दी Full हो जाती है. जिन डिवाइस में कैश मेमोरी बहुत कम होती है वे बहुत जल्दी Hang होने लगते हैं.
  • पॉवर सप्लाई बंद हो जाने के बाद कैश मेमोरी में स्टोर डेटा नष्ट हो जाता है.

कैश मेमोरी कहाँ स्थित होती है

आमतौर पर कैश मेमोरी कंप्यूटर में CPU चिप में ही मौजूद होती है. चूँकि कैश मेमोरी के अलग – अलग level होते हैं, इसलिए उनकी स्थिति अलग – अलग कंप्यूटर में भिन्न – भिन्न हो सकती है. अधिकांश आधुनिक प्रोसेसर में Level 1 और Level 2 कैश मेमोरी प्रोसेसर कोर का ही भाग होती है. लेकिन L3 कैश या तो प्रोसेसर में स्थित होती है या तो प्रोसेसर से बाहर मदरबोर्ड में स्थित होती है.

FAQ: कैश मेमोरी से सम्बंधित सामान्य प्रश्न

कंप्यूटर की सबसे फ़ास्ट मेमोरी कौन सी होती है?

कंप्यूटर की सबसे Fast मेमोरी कैश मेमोरी होती है.

कैश मेमोरी क्या होती है?कैश मेमोरी क्या होती है?

कैश मेमोरी कंप्यूटर की ऐसी मेमोरी होती है जिसमें CPU के द्वारा बार – बार प्रोसेस किया जाने वाला डेटा स्टोर रहता है. कैश मेमोरी CPU में ही मौजूद होती है इसलिए CPU इसे fast access कर सकता है.

कैश मेमोरी की अधिकतम स्टोरेज क्षमता कितनी होती है?

कैश मेमोरी की स्टोरेज क्षमता इसके Level पर निर्भर करती है. Level 1 की कैश मेमोरी की स्टोरेज क्षमता 2KB से लेकर 64 KB तक होती है, Level 2 की स्टोरेज क्षमता 256 KB से लेकर 512 KB तक होती है और Level 3 की स्टोरेज क्षमता 8 MB तक हो सकती है.

कैश मेमोरी क्यों इस्तेमाल की जाती है?

Main memory के Slow हो जाने पर CPU के द्वारा प्रोग्राम की Process भी धीमी हो जाती है, कैश मेमोरी प्रोग्राम के प्रोसेस को speed – up करती है. अर्थात CPU के परफॉरमेंस को बेहतर बनाने के लिए कैश मेमोरी का इस्तेमाल किया जाता है.

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आपने सीखा: कैश मेमोरी क्या है हिंदी में

कुल मिलाकर देखें तो किसी भी डिवाइस के स्पीड को बढाने के लिए कैश मेमोरी बहुत महत्वपूर्ण होती है. हालांकि इसकी स्टोरेज कम होती है लेकिन CPU के द्वारा प्रोसेस किये जाने वाले प्रोग्राम को Speed – up करने का कार्य कैश मेमोरी ही करती है.

तो दोस्तों हमारी इस पोस्ट को पढ़कर आप Cache Memory Kya Hai In Hindi और कैश मेमोरी के उपयोग के बारे में समझ गए होंगे. अगर आपको इस लेख से कुछ सीखने को मिला और यह लेख आपको पसंद आया, तो इस लेख को सोशल मीडिया पर अपने दोस्तों के साथ भी जरुर शेयर करें.

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