Bank Passbook Kya Hai In Hindi: हम सभी लोग बैंक के विषय में आज बहुत से चीजों को जानते है. जब हम छोटे होते थे तो आपने घरवालों को बैंकिंग का काम करते हुए देखने से आश्चर्यचकित महसूस करते थे क्योंकि यह काम हमे कठिन लगता था. परंतु जैसे-जैसे समय बीतता गया हम बैंक के कार्य प्रणाली से अवगत होते गए.
किसी भी institute के work system और finance को समझने के लिए हमें उसके worksheet अथवा passbook को देखना जरूरी होता है. उसी प्रकार जब कोई व्यक्ति अपने रुपयों के transactions को देखना चाहता है तो उसे अपने बैंक के पासबुक को देखना होता है. आज इस लेख के माध्यम से हम इसी पासबुक के विषय में चर्चा करेंगे और जानेंगे कि बैंक पासबुक का अर्थ क्या है तथा इसकी कार्यप्रणाली, इतिहास, महत्व, लाभ और हानि तथा इसका format कैसा होता है.
तो आइए सबसे पहले समझते है कि बैंक पासबुक का अर्थ क्या है हिंदी में–
बैंक पासबुक क्या है (Bank Passbook In Hindi)
पासबुक किसी बैंक के एक account holder को उनके खाते की transaction के इतिहास को दिखाने और लेनदेन के proof के रूप में बैंक के द्वारा प्रदान की जाने वाली कागजों की एक book होती है और इसी कारण इसे पासबुक भी कहा जाता है.
बैंक के स्थापना के बाद से पासबुक का प्रचलन बहुत अधिक बढ़ा क्योंकि इसका size पॉकेट या पर्स में रखने के लायक होता है जिस कारण से कोई भी व्यक्ति अपने बैंक से संबंधित transaction को अपने पॉकेट में रख कर कहीं भी आ जा सकता है. हालांकि digital युग आ जाने से वर्तमान में m-passbook अधिक trend कर रहा है.
पासबुक की परिभाषा (Definition Of Passbook In Hindi)
बैंक पासबुक की परिभाषा निम्नलिखित है –
“account holders को बैंक के द्वारा प्रदान की जाने वाली एक ऐसी पुस्तक जिस पर उसके सभी पुराने बैंकिंग लेन-देन का ब्यौरा दर्ज हो.”
इसके साथ ही यदि पासबुक की परिभाषा को कोलिंस के अनुसार देखे तो वह निम्नलिखित है,
“एक पासबुक एक record book की तरह होता है जिसमें आपके द्वारा withdrawl की जाने वाली अथवा deposit की जाने वाली राशि का regular audit होता है.”
पासबुक की परिभाषा जान लेने के पश्चात आइए अब हम पासबुक के format कैसा होता है ये जानते है.
पासबुक का प्रारूप कैसा होता है (Format Of a Passbook In Hindi)
एक बैंक पासबुक के पेज का एक specific format होता है, प्रत्येक पेज में कुछ column पाए जाते हैं हालांकि यह column आपको दिखाई नहीं देंगे पर जब पासबुक print होता है तो एक स्पेशल फॉर्मेट के रूप में आपके द्वारा किया गया transaction दर्ज होता है जो column and row wise दिखाई देता है.
किसी भी बैंक पासबुक के पेज में निम्नलिखित format के अनुसार column स्थापित होते हैं –
#1 (लेनदेन की तिथि) Transaction date
इस column में आपके द्वारा पैसा withdrawl या deposit किए जाने अथवा पैसा debit अथवा credit किए जाने वाली तिथि का उल्लेख होता है. इसका format, ddmmyyy में होता है.
#2 (लेनदेन का प्रकार) Transaction type
इस column में आपके द्वारा किए गए transaction के type (प्रकार) का detail होता है. जैसे यदि आपने किसी व्यक्ति को पैसे दिए थे तो इसे credit कहा जाता है तथा लिए गए पैसे को debit कहा जाता है. इस कॉलम में आपके acoount पर यदि कोई पैसा की कटौती होती है तो वहां पर debit (deb) लिखा हुआ होता है और यदि account में किसी प्रकार का income होता है तो वहां credit (cr) लिखा हुआ होता है.
#3 (लेनदेन का ब्यौरा) Transaction details
इस कॉलम में आपके द्वारा या आपके account में किए गए transaction के विषय में details दिए गए होते हैं. यह डिटेल्स कुछ भी हो सकते हैं जैसे कि account number या merchandise number या UPI अथवा GSTIN number इत्यादि किसी भी प्रकार का अकाउंट से संबंधित डिटेल जिससे यह पता चलता हो, कि आपके ट्रांजैक्शन किस specific person या institute से हुआ है.
#4 (रकम) Amount
इस कॉलम में आपके अकाउंट में किए गए विभिन्न प्रकार के transaction amounts का डिटेल दिया गया होता है.
#5 (शेष राशी) Remaining amount
इस कॉलम में आपके अकाउंट में विभिन्न प्रकार के transaction amounts complete हो जाने के पश्चात जो amount बच जाता है उसका डिटेल दिया गया होता है.
इस प्रकार से एक पासबुक में करीब 5 कॉलम होते हैं और एक पेज में करीब 10 से 12 row print होते है. और इस प्रकार से एक पासबुक में करीब 20 से 25 pages होते हैं.
पासबुक की format और उसकी कार्यप्रणाली समझ लेने के बाद, आइए अब पासबुक का इतिहास के बारे में जानते है –
बैंक पासबुक का इतिहास (History Of Bank Passbook In Hindi)
जब हम बैंकिंग system में आने वाले सभी elements के विषय में इतिहास खंगालने का प्रयास करते हैं तो हम पाते हैं कि इनका इतिहास british era में ही प्रमुख रूप से प्राप्त होता है. क्योंकि भारत के इतिहास में british era (या modern history) काल ही एक ऐसा युग था जिसमें रेलवे के साथ-साथ बैंकिंग प्रणाली का भी जोरदार विकास हुआ.
यदि बात करें बैंक के पासबुक के इतिहास के विषय में तो हम पाते हैं कि 18 वीं शताब्दी में सबसे पहले बैंक पासबुक introduce हुआ. और इसी समय से एक व्यक्ति अपने pocket पर अपने पासबुक अर्थात अपने transaction का इतिहास लेकर घूम सकता था. इससे पहले transaction की सभी details बैंक के पास होती थी.
बैंक पासबुक का महत्व (Importance Of Passbook In Hindi)
बैंक पासबुक की निम्नलिखित उपयोगिता है जिससे इसका महत्व बढ़ जाता है. वैसे तो बैंक से जुड़े सभी elements का एक आम आदमी के जीवन में बहुत महत्वपूर्ण योगदान होता है परंतु एक बैंक पासबुक का सभी व्यक्तियों के जीवन में एक सामान्य importance होता है जो कि निम्नलिखित है –
(लेनदेन का इतिहास) Transaction history
एक व्यक्ति अपने पासबुक को देखकर आसानी से Transaction history का पूरा detail प्राप्त कर सकता है. किसी भी व्यक्ति के लिए यह एक वरदान साबित होता है क्योंकि इससे उसे अपने Transaction के संबंध में कहीं और भटकने की आवश्यकता नहीं होती है.
वर्तमान समय में एक आदमी internet banking होने की वजह से प्रत्येक महीने बहुत बड़े स्तर पर transactions करता है. ऐसे में उनके transactions की हिस्ट्री रखनी बहुत ज्यादा आवश्यक है. यह कार्य बैंक पासबुक बड़ी आसानी से करता है.
(वर्तमान राशी) Current amount
जब किसी व्यक्ति को आपके बैंक खाते में वर्तमान में उपलब्ध current amount के विषय में जानकारी प्राप्त करनी होती है तो वह अपना ATM कार्ड को लेकर ATM machine के पास जाता है. ऐसी स्थिति से बचने के लिए वह व्यक्ति अपने पास बुक का प्रयोग भी अपने current amount को देखने के लिए कर सकता है.
पासबुक में आप अपने अंतिम transaction के पश्चात उपलब्ध current amount को देख सकते हैं हालांकि इसके लिए आपको अपना पासबुक updated रखना आवश्यक है.
(आधिकारिक प्रमाण) Official Proof
क्योंकि एक पासबुक को बैंक के throug provide किया जाता है, इसका अर्थ है कि पासबुक में लिखे सभी data, valid या authentify होते हैं. ऐसे में एक पासबुक को बैंक के द्वारा प्रदान किए जाने वाले transaction के एक Official Proof के रूप में देखा जा सकता है.
अन्य धोखें से बचाव
आपका पासबुक आपको financial fraud से भी बचा सकता है. उदाहरण के लिए आप पाते हैं कि आपके पास बस नेट ऐसा transaction आपको दिखाई दे रहा है जो आपके द्वारा नहीं किया गया है. ऐसे में एक official proof होने के कारण आप अपने पासबुक को अपने बैंक के होम ब्रांच में दिखाकर शिकायत दर्ज कर सकते है कि इस transaction को मैंने नहीं किया है इससे एक बैंक को भी आपके खाते में हुए फ्रॉड को पकड़ने में आसानी होगी तथा आपके खाते से कटे पैसे को वापस करने में भी सहूलियत होगी.
(अकाउंट की जानकारी) Account details
बैंक द्वारा किसी व्यक्ति को प्रोवाइड किए जाने वाले पासबुक में उस व्यक्ति के सभी official detail प्रदान किए जाते हैं. इस प्रकार किसी व्यक्ति को अपना बैंक account number, IFSC code और रजिस्टर्ड मोबाइल number इत्यादि जानने के लिए बार-बार बैंक का दरवाजा नहीं खटखटाना पड़ता क्योंकि यह सब उसे अपने बैंक के पासबुक में ही प्राप्त हो जाता है.
Withdrawl और deposit amounts की जानकारी
कभी-कभी कुछ स्थितियां से निर्मित होती है जिसमें एक व्यक्ति द्वारा अपने अकाउंट से किए गए पेट्रोल और डिपाजिट मनी की सटीक जानकारी नहीं मिल पाती है, अथवा बहुत सारे ट्रांजैक्शंस होने के कारण वह किसी एक ट्रांजैक्शन अमाउंट को भूल जाता है, ऐसी स्थिति से बचने के लिए यदि वह बैंक पासबुक को देखें तो उस पर सटीक रूप से विद्वान और डिपाजिट अमाउंट दर्ज हुआ होता है वह भी किस माध्यम से विड्रॉल डिपॉजिट किया गया है, इसके साथ.
बैंक पासबुक के लाभ (Advantages Of Passbook In Hindi)
बैंक पासबुक होने के बहुत से फायदें है, इन्हीं फायदों के बारें में नीचे बताया गया है.
बैंक पासबुक, अकाउंट में होने वाले लेनदेन का सत्यापन है
पासबुक का सर्वाधिक लाभ यह होता है कि इसे हम बैंक के द्वारा प्रदान किए गए official proof के जैसे ले सकते हैं. अर्थात किसी भी स्थिति में यदि आप को अपने बैंक के ट्रांजैक्शन से संबंधित Official statement की आवश्यकता होगी तो आपको बार-बार बैंक का दौरा लगाने की आवश्यकता नहीं है, जबकि आप अपने पासबुक के माध्यम से ही इस कार्य को पूरा कर सकते हैं.
आपको करना यह होगा कि जिस date की आपको स्टेटमेंट की आवश्यकता है डेट का ट्रांजैक्शन प्रिंट आपके पास बुक में होना चाहिए यदि वह है तो आपका काम मिनटों में हो सकता है अन्यथा आजकल डिजिटल पासबुक में आप किसी स्पेसिफिक डेट के ट्रांजैक्शन को सर्च कर सकते हैं.
यह आपके बैंक account के Security guard की तरह होता है
यदि आप से पूछा जाए कि आपके बैंक अकाउंट का सिक्योरिटी गार्ड कौन है तो आप क्या कहेंगे? मुझसे पूछा जाए तो मैं कहूंगा कि यह आपका पासबुक ही होता है जो आपके बैंक अकाउंट का सिक्योरिटी गार्ड की तरह role play करता है.
क्योंकि आपके पास बुक में ही वह सारी डिटेल मौजूद होती है जो कॉन्फिडेंशियल किस्म की होती है तथा यह आपके संपूर्ण बैंक अकाउंट में मौजूद पैसों की transactions का पूरा history रखता है अर्थात किसी भी प्रकार की चूक होते ही वह आपको सूचित कर सकता है. अतः यह एक ऐसा तत्व है जो आपके सभी डिटेल्स भी रखता है और आपको समय आने पर अलर्ट भी करता है तो वास्तव में देखा जाए तो यह एक सिक्योरिटी गार्ड होता है.
बैंक पासबुक लेनदेन का Large statement प्रदान करता है.
आपके बैंक transactions से संबंधित कोई ऐसा document जो एक large scale पर करीब 1 साल पीछे का transaction history आपको प्रदान करता हो वह पासबुक ही होता है. अतः आप अपने पिछले 1 साल के ट्रांजैक्शन को अपने पासबुक के माध्यम से प्राप्त कर सकते हैं इसके अलावा कुछ बैंक तो 3 साल तक के transactions details भी प्रदान करने में सक्षम होते हैं.
पासबुक विवरण से Loan and other services availability आसानी होती है.
जब आप किसी बैंक में loan अथवा subsidy की process को पूरा करना चाहते हैं तो इसमें सबसे पहले जिस documents को मांगा जाता है वह है पासबुक. एक पासबुक आपको बैंक loan तथा कुछ अन्य प्रकार के financial services को available करने का एक document होता है.
यही नहीं अधिकांश बैंकों में cash withdrawal और deposit करने के लिए भी पासबुक की necessity होती है. ऐसे में एक पासबुक आपके बैंक अकाउंट खुलते ही आपको प्रदान कर दिया जाता है जो कि एक proof के रूप में होता है कि आप अब उस bank के regular customer बन चुके हैं और सभी प्रकार के services के लिए available हो चुके हैं.
बैंक पासबुक Transaction history provide करता है
एक पासबुक का सबसे अधिक लाभ जो है वह इसमें प्रदान किए जाने वाले ट्रांजैक्शन हिस्ट्री है यह ट्रांजैक्शन हिस्ट्री जा सके आपको पर बताया गया है करीब 1 साल पीछे तक के date तक आपको उपलब्ध कराया जाता है हालांकि कुछ बैंकों में इसकी सीमा अलग भी हो सकती है.
पासबुक की हानियां (Disadvantages Of Bank Passbook)
बैंक पासबुक से Data चोरी होने का खतरा
एक पासबुक किसी व्यक्ति विशेष के बैंक अकाउंट का सारांश होता है यदि या पासबुक किसी भी चूक के कारण दूसरे व्यक्ति के हाथों में पहुंच जाते हैं तो इससे उस व्यक्ति के डाटा के चोरी होने की संभावना बहुत अधिक बढ़ जाती है. यह data address से लेकर phone number और e-mail, account number तक हो सकते हैं. इसलिए कहा जाता है कि अपने बैंक पासबुक को बहुत ही सावधानी पूर्वक और सुरक्षित जगह पर रखना चाहिए.
Account में सेंध लगने का खतरा
पासबुक के गुम हो जाने या चोरी होने से केवल आपके डाटा के चोरी होने का खतरा ही नहीं अभी तो आपके account में सेंध लगने का खतरा भी पैदा होता है account में सेंध लगने से आशय है आपके account से पैसों का invalid transaction.
जब कोई भी व्यक्ति आपके पासबुक को प्राप्त करता है तो वह आपके account number को भी जान लेता है और इससे वह आपके बैंक का अकाउंट से पैसे निकालने के केवल एक कदम दूर हो जाता है ऐसे में आवश्यक यह है कि ऐसी स्थिति में जब आपके account से पैसों का invalid transaction हो तो आपके मोबाइल नंबर पर तुरंत पैसे कटने का अलर्ट मैसेज बैंक की ओर से भेजा जाता है.
अगर इस ट्रांजैक्शन को आपने नहीं किया है तो आप तुरंत अपने बैंक अथवा रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को इस refernece में information दे सकते हैं जिससे transaction किए गए account को तुरंत ही block कर के आपके account balance की recovery का process आरंभ हो जाता है.
पासबुक घूम जाने पर वापिस मिलने में देरी
यह भी पाया गया है कि जब कभी आप का पासबुक किसी कारण वंश आप से गुम हो जाता है तो इसे वापस बैंक से नए पासबुक को पाने के लिए एक लंबे process से होकर गुजरना पड़ता है या process की जानकारी आपको बैंक द्वारा प्रदान की जाती है.
इस process के तहत सबसे पहले आपको अपने पासबुक के गुम या चोरी हो जाने के सिलसिले में एक नजदीकी पुलिस स्टेशन से FIR करवाने को कहा जाता है इस FIR के एक zerox को आपको बैंक में जमा करना होता है और फिर कुछ दिनों के पश्चात आपको नवीन पासबुक प्रदान किया जाता है. यह process काफी time taken होता है अतः आप का बैंक अकाउंट से संबंधित अन्य कार्य तब तक रुक सा जाता है.
कागजी कार्यवाही को बढ़ावा
कुछ बैंक भी दो और अर्थशास्त्रियों का मानना है कि एक पासबुक documents activity को बढ़ावा देता है जिसके कारण किसी भी कार्य को बैंक से संबंधित करने में बहुत अधिक समय और ऊर्जा की आवश्यकता होती है अतः पासबुक जैसी व्यवस्था को बंद कर देनी चाहिए.
पर्यावरण प्रदूषण
पासबुक में प्रयोग में लाए जाने वाले पेज का सीधा सीधा संबंध पर्यावरण से होता है यदि आप अत्यधिक पेज का प्रयोग करते हैं तो आप अपने पर्यावरण को प्रदूषित करने के लिए जिम्मेदार हैं. और इस कारण वर्तमान समय में मोबाइल पासबुक या m-passbook अधिक प्रचलन में है, जिससे पर्यावरण को बहुत कम नुकसान होता है तथा आपको documents भी ऑनलाइन form में मोबाइल में ही आपका पासबुक उपलब्ध हो जाता है.
बैंक पासबुक मोबाइल पर कैसे देखे?
वर्तमान समय में मोबाइल पर भी आप बैंक पासबुक देख सकते है जिसे m-passbook के नाम से जाना जाता है. जैसे-जैसे भारत डिजिटल इंडिया की ओर बढ़ते जा रहा है वैसी वैसी इंटरनेट और तकनीक से संबंधित सभी elements को बढ़ावा मिला है.
मोबाइल पर आप बैंक पासबुक देख सकते हैं इसके लिए आपको अपने बैंक का official application को download करना होगा तथा उस पर log in करने के पश्चात आपको my passbook section पर जाना होगा.
यहां क्लिक करते ही आपसे पूछा जाएगा कि आप कितने दिनों का transaction देखना चाहते हैं इसे select करते ही आपको एक निश्चित समय सीमा में हुए ट्रांजैक्शन को प्रस्तुत कर दिया जाएगा.
FAQs: बैंक पासबुक इन हिंदी
पासबुक को Printer के माध्यम से Update करने की Process को Passbook Printing कहा जाता है. इस प्रोसेस के लिए आपको अपने बैंक में जाने की आवश्यकता होती है तथा बैंक में उपस्थित एक Customer Service Officer को अपने पासबुक को Print करने के लिए Request करना पड़ता है यह Request Oral होता है अतः जब आप उनसे प्रिंटिंग के लिए पूछते हैं तो वे अपने कंप्यूटर में आपके पासबुक को देखकर बैंक Details को Upload करते हैं और Latets Transaction को आपके पास बुक के पेज में Print करके आपको लौटा देते हैं.
एक पासबुक में अकाउंट से संबंधित सभी जरूरी डिटेल्स मौजूद होते हैं जैसे कि अकाउंट होल्डर का नाम,
पता, मोबाइल नंबर, ईमेल, ब्रांच कोड, IFSC कोड, अकाउंट नंबर और आपके बैंक के ब्रांच का पता.
Passbook में Invalid Transaction दिखाई देने का अर्थ है कि यह ट्रांजैक्शन आपके द्वारा नहीं बल्कि किसी और व्यक्ति के द्वारा किया गया है अर्थात आपका Account किसी प्रकार से Hack हुआ है. ऐसी स्थिति में आपको जल्द से जल्द अपने बैंक के होम ब्रांच में आपके अकाउंट को ब्लॉक करने हेतु आवेदन देना चाहिए और बताना चाहिए कि आपके अकाउंट से Invalid Transaction दिखाई देने का अर्थ है कि यह ट्रांजैक्शन आपके द्वारा आपके द्वारा दिखाई दिया है. आगे की प्रक्रिया आपका होम ब्रांच पूरा करेगा.
पासपोर्ट गुम हो जाने पर जिस प्रक्रिया से होकर गुजरना उसका उल्लेख ऊपर किया जा चुका है हालांकि हम यहां पर भी आपको एक बार बता देते हैं कि यदि आपका पासबुक गुम हो जाता है तो सबसे पहले आपको अपने बैंक के होम ब्रांच को इनफॉर्म करना चाहिए उसके पश्चात आपको अपने नजदीकी पुलिस स्टेशन पर FIR करे. और इसके Zerox को लाकर अपने बैंक में Submit करें. आगे की प्रक्रिया को बैंक वाले पूरा बताएंगे.
जब कभी भी भर जाता है तो आपको अपने बैंक में जाकर पासबुक के लिए लिखित में Request करना होता है. आपको पासबुक जैसे मूलभूत सुविधा को तुरंत ही Provide करवा दिया जाता है.
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अंतिम शब्द : पासबुक क्या होता है हिंदी में
तो दोस्तों इस लेख के माध्यम से हमने पासबुक क्या होता है इस विषय पर प्रकाश डालने का प्रयास किया है साथ ही हमने पासबुक का अर्थ है उसकी परिभाषा और इतिहास, पासबुक का फॉर्मेट, बैंक पासबुक का महत्व, लाभ और हानियां और उससे संबंधित कुछ अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों (faqs) पर भी फोकस किया है.
आशा करते है कि यह लेख आपको पसंद आया होगा. आपके मन में यदि किसी भी प्रकार का प्रश्न बचा हो तो आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स के माध्यम से पूछ सकते हैं, धन्यवाद.