एंटीवायरस क्या है प्रकार और काम कैसे करता है (AntiVirus In Hindi)

AntiVirus Kya Hai In Hindi: एंटीवायरस का नाम तो लगभग आप सभी ने सुना होगा, एंटीवायरस कंप्यूटर के लिए बहुत महत्वपूर्ण सॉफ्टवेयर है जो आपके कंप्यूटर की हानिकारक वायरस से सुरक्षा करता है.

जिस प्रकार हमारे शरीर में वायरस आ जाने से हमें अनेक प्रकार की बीमारियों का सामना करना पड़ता है उसी प्रकार से जब कंप्यूटर में जब वायरस आ जाते हैं तो ये कंप्यूटर को भारी क्षति पहुंचाते हैं, इसलिए कंप्यूटर वायरस को खत्म करने के लिए एंटीवायरस का होना बहुत जरुरी होता है.

आज के इस लेख में हम आपको बताने वाले हैं Antivirus क्या है, एंटीवायरस कैसे काम करता है, एंटीवायरस कितने प्रकार के होते हैं, एंटीवायरस की विशेषताएं तथा एंटीवायरस के फायदे और नुकसान क्या हैं. अगर आप एंटीवायरस के बारे में इस प्रकार की तमाम सारी जानकरी प्राप्त करना चाहते हैं तो लेख को अंत तक जरुर पढ़ें. 

एंटीवायरस क्या है (What is Antivirus in Hindi)

एंटीवायरस एक ऐसा कंप्यूटर सॉफ्टवेयर प्रोग्राम (Code) है जो हमारे कंप्यूटर या लैपटॉप की हार्मफुल वायरस से रक्षा करता है. एंटीवायरस कंप्यूटर में मौजूद प्रत्येक फाइल को स्कैन करता है और वायरस को ढूंढ़कर ख़त्म कर देता है.

कंप्यूटर में अनेक प्रकार से हानिकारक वायरस घुस जाते हैं जैसे ईमेल, विज्ञापनों, इंटरनेट surfing, डेटा शेयरिंग आदि प्रकार से जो कि कंप्यूटर के क्षति पहुंचाते हैं, आपके पर्सनल डेटा को चुराते हैं, महत्वपूर्ण फाइलों को डिलीट कर देते हैं. एंटीवायरस कंप्यूटर में घुसे सभी वायरस का पता लगाने और उन्हें डिलीट करने में सक्षम होता है.

एंटीवायरस हमारे कंप्यूटर सिस्टम की अनेक प्रकार से सुरक्षा करता है यह Safeguard की तरह काम करता है और  Malware जैसे Computer Worms, Trojan Horse जैसे वायरस से बचाता है. इसलिए आज के समय में लगभग सभी लोग एंटीवायरस का इस्तेमाल करते हैं. एक पर्सनल कंप्यूटर में एंटीवायरस का होना बहुत महत्वपूर्ण होता है.

अभी तक आप लोग समझ गए होंगे कि Antivirus क्या होता है, अब जानते हैं आखिर एंटीवायरस काम कैसे करता है और इसे कैसे पता चलता है कि कंप्यूटर में कोई वायरस है.

एंटीवायरस कैसे काम करता है (Antivirus Work in Hindi)

एक एंटीवायरस कंप्यूटर में नेटवर्क के द्वारा आने वाली सभी फाइल और कोड को स्कैन करता है. सॉफ्टवेयर बनाने वाली कंपनियां पहले से ही ज्ञात वायरस और malware का डेटाबेस compile करती है और एंटीवायरस सॉफ्टवेयर को उन्हें पता लगाना, फ्लैग करना और निकालना सिखाती हैं.

जब आप फाइल को कंप्यूटर से भेजते या प्राप्त करते हैं तो एंटीवायरस वायरस को खोजने के लिए फाइलों को स्कैन करता हैं और उनकी तुलना अपने डेटाबेस से करता है. डेटाबेस से समान मिलने वाले फाइलों  को एंटीवायरस स्कैन करके डिलीट कर देता है.

एंटीवायरस का इतिहास (History of Antivirus in Hindi)

70 के दशक में कंप्यूटर में पहला वायरस खोजा गया था जिसका नाम क्रीपर था. 70 के दशक में मेनफ्रेम कंप्यूटर प्रचलित थे इसलिए यह वायरस मेनफ्रेम को संक्रमित करता था.

 इस वायरस को हटाने के लिए अनेक प्रकार के रिसर्च किये गए और अंततः Ray Tomlinson ने 80 दशक के अंत में द रीपर (The Reaper) नाम से पहला एंटीवायरस बनाया जो कि क्रीपर वायरस को नष्ट करने के लिए बनाया गया था.

क्रीपर वायरस के आने के बाद अनेक प्रकार के वायरस कंप्यूटर में आने लगे और जैसे – जैसे इन्टरनेट लोकप्रिय होने लगा तो इन वायरस की तादाद काफी अधिक बढ़ने लगी.

वायरस की अधिकता बढती देखकर Andreas Luning और Kai Phasee ने पहले एंटीवायरस प्रोडक्ट का निर्माण किया जिसका नाम Virus Scan था और जिस कंपनी ने इस एंटीवायरस को बनाया था उसका नाम McAffe था.

इसके बाद धीरे – धीरे एंटीवायरस बनाने वाली कंपनियों की संख्या में इजाफा हुआ और आज के समय में मार्केट में अनेक सारी Advance एंटीवायरस बनाने वाली कंपनियां मौजूद हैं. जैसे – क्विक हील, गार्डियन टोटल सिक्यूरिटी, NP प्रोटेक्ट इत्यादि.

एंटीवायरस के प्रकार (Type of Antivirus in Hindi)

मार्केट में अनेक प्रकार के एंटीवायरस उपलब्ध हैं, हम सभी प्रकार के एंटीवायरस को निम्न तीन श्रेणी में वर्गीकृत कर सकते हैं

#1 – स्टैंडअलोन एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर (Standalone Antivirus Software)

स्टैंडअलोन एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर एक विशेष प्रकार के सॉफ्टवेयर हैं जिसे कुछ वायरस का पता लगाने और हटाने के लिए डिज़ाइन किया गया है. इसे आमतौर पर पोर्टेबल एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर के नाम से भी जाना जाता है. क्योंकि इसे USB ड्राइव के द्वारा भी install किया जा सकता है और administrators द्वारा किसी संक्रमित सिस्टम का emergency scan run करने के लिए उपयोग किया जाता है.

हालांकि, अधिकांश पोर्टेबल प्रोग्राम रीयल-टाइम सुरक्षा प्रदान करने और प्रतिदिन नई virus definitions डाउनलोड करने के लिए डिज़ाइन नहीं किए गए हैं. यही कारण है कि वे इंटरनेट सुरक्षा suites को substitute नहीं कर सकते हैं जिसमें विभिन्न प्रकार की अतिरिक्त सुविधाएं शामिल हैं.

#2 – सिक्यूरिटी सॉफ्टवेयर (Security Software)

Security Software सामान्य एंटीवायरस की तुलना में advance होते हैं. वायरस का पता लगाने और हटाने में सक्षम होने के अलावा, वे अन्य सभी प्रकार के दुर्भावनापूर्ण सॉफ़्टवेयर से लड़ने और आपके कंप्यूटर और फ़ाइलों के लिए चौबीसों घंटे सुरक्षा प्रदान करने के लिए भी डिजाईन किये गए हैं. इनमें से अधिकांश प्रोग्राम पैकेज में anti-spyware, firewall जैसे feature उपलब्ध हैं.

#3 – क्लाउड-आधारित एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर (Cloud-Based Antivirus Software)

क्लाउड-आधारित एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर एक बिल्कुल नई प्रकार की एंटीवायरस तकनीक है जो आपके फाइलों को कंप्यूटर के बजाय क्लाउड में विश्लेषण करती है. जिससे कि computational resources का इस्तेमाल नहीं होता है और आपके कंप्यूटर की स्पीड में कमी नहीं आती है.

 इन प्रकार के सॉफ्टवेयर में आम तौर पर दो भाग होते हैं – क्लाइंट और वेब सर्विस. क्लाइंट जो आपके कंप्यूटर पर install है और बहुत अधिक मेमोरी लिए बिना वायरस और मैलवेयर स्कैन करता है.

और वेब सर्विस जो क्लाइंट द्वारा एकत्र किए गए डेटा को संसाधित करती है और अपने वायरस और मैलवेयर डेटाबेस में match के लिए इसका निरीक्षण करती है.

एंटीवायरस की विशेषताएं (Feature of Antivirus in Hindi)

एंटीवायरस की कुछ प्रमुख विशेषताएं निम्न हैं –

  • जब भी हम अपने कंप्यूटर सिस्टम सॉफ्टवेयर में Backend में कोई फाइल ओपन करते हैं तो एंटीवायरस फाइल को स्कैन करके कंप्यूटर के लिए हानिकारक वायरस को डिलीट कर देता है. Background Scanning के द्वारा एंटीवायरस कंप्यूटर को सुरक्षा प्रदान करता है.
  • जब आप एंटीवायरस अपडेट करते हैं तो एंटीवायरस आपके कंप्यूटर की फुल स्कैनिंग करके यह पता लगाता है कि कंप्यूटर में पहले से कोई वायरस मौजूद है या नहीं. और अगर वायरस मौजूद होता है तो एंटीवायरस उसे नष्ट कर देता है.
  • एंटीवायरस में फ़ायरवॉल का feature होता है जिससे कंप्यूटर को दोहरी सुरक्षा मिलती है.

एंटीवायरस के फायदे (Advantage of Antivirus in Hindi)

कंप्यूटर में एंटीवायरस होने के अनेक सारे फायदे मिलते हैं, जिसके बारे में हमने आपको आगे बताया है–

  • एंटीवायरस आपके कंप्यूटर को वायरस से Protect करता है. वायरस न केवल आपके डेटा को नुकसान पहुंचाएंगे, बल्कि यह पूरे सिस्टम के performance  को खराब कर सकते हैं. लेकिन अगर आपके कंप्यूटर में एंटीवायरस install है तो एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर आपके कंप्यूटर को कोई नुकसान पहुँचाने से पहले इन मैलवेयर का पता लगाता है और उन्हें हटा देता है.
  • एंटीवायरस आपके कंप्यूटर सिस्टम को Spyware से सुरक्षित रखता है. Spyware एक प्रकार का malware है जो आपके कंप्यूटर पर जासूसी करता है और सभी गोपनीय सूचनाएं चुराता है. जैसे Credit Card, बैंक डिटेल, पासवर्ड आदि. कंप्यूटर में एंटीवायरस install होने पर एंटीवायरस सॉफ्टवेयर Spyware attack से कंप्यूटर को सुरक्षित रखता है.
  • स्पैम ईमेल और विज्ञापनों से भी वायरस कंप्यूटर में आ जाते हैं, और एक बार जब वायरस कंप्यूटर में घुस जाता है तो यह कंप्यूटर को भारी क्षति पहुंचाता है. लेकिन एंटीवायरस इस प्रकार के सभी स्पैम ईमेल और विज्ञापनों को ब्लॉक कर देता है.
  • अधिकांश एंटीवायरस प्रोग्राम को फ़ायरवॉल की सुविधा होती है, फ़ायरवॉल सुविधा में एंटीवायरस आपके कंप्यूटर पर भेजी जाने वाली और प्राप्त की जाने वाली जानकारी की दो बार जाँच करता है. इसलिए हैकर्स आपके कंप्यूटर से Personal Information को नहीं निकाल पायेंगे.
  • इन्टरनेट surfing करते समय यूजर को अनेक प्रकार के खतरे होते है, कई सारी अविश्व्श्नीय वेबसाइट आपके पर्सनल डेटा को collect करके गलत इस्तेमाल कर सकती हैं. लेकिन एंटीवायरस इन्टरनेट surfing के दौरान आपके बहुमूल्य इनफार्मेशन की सुरक्षा करता है.
  • एंटीवायरस की कीमत भी अधिक नहीं होती है, आपके 500 से लेकर 1000 रूपये प्रतिवर्ष में एंटीवायरस इनस्टॉल करवा सकते हैं और अपने कंप्यूटर की वायरस से सुरक्षा कर सकते हैं.

एंटीवायरस के नुकसान (Disadvantage of Antivirus in Hindi)

कोई भी चीज जिसके फायदे होते हैं उसके नुकसान भी होते हैं, इसी प्रकार से एंटीवायरस के फायदों के साथ – साथ कुछ नुकसान भी हैं. एंटीवायरस के नुकसान निम्नलिखित हैं –

  • एंटीवायरस के इस्तेमाल से कंप्यूटर की स्पीड Slow हो जाती है, हमारे कंप्यूटर में अनेक सारी फाइलें होते हैं जब भी हम किसी फाइल को ओपन करते हैं तो एंटीवायरस पहले उसे स्कैन करता है जिससे कि फाइल खुलने में समय लगता है.
  • एंटीवायरस की सबसे बड़ी कमी यह है कि यह आपके कंप्यूटर को पूरी तरह से Protect नहीं कर पाता है, सभी एंटीवायरस में कोई न कोई कमी रह जाती है वे आपके कंप्यूटर को सभी एरिया में स्कैन नहीं कर पाते हैं.
  • एंटीवायरस को अपडेट करने के लिए हर साल पैसे खर्च करने पड़ते हैं.

एंटीवायरस सॉफ्टवेयर की लिस्ट (Antivirus Software List In Hindi)

मार्केट में आपको अनेक प्रकार के एंटीवायरस मिल जायेंगे. कुछ फ्री एंटीवायरस भी होते हैं लेकिन फ्री एंटीवायरस में आपको अधिक Security नहीं मिल पाती है इसलिए हमारा सुझाव यही है कि आप Paid एंटीवायरस ही अपने कंप्यूटर में install करें.

कुछ Best एंटीवायरस हमने आपको Suggest किये हैं.

  • गार्डियन टोटल सिक्यूरिटी (Guardian Total Internet Security)
  • बिटडेफ़ेंडर एंटीवायरस प्लस (Bitdefender Antivirus Plus)
  • मैकफी वायरस सुरक्षा कवच (McFee virus Protection)
  • वेबफूट सिक्योर एनीवेयर (Webfoot Secure Anywhere)
  • अवास्ट मैलवेयर सॉफ्टवेयर (Avast Malware software)
  • मैलवेयर बाइट्स एंटी मैलवेयर (Malwarebytes Anti-Malware)
  • नॉर्टन एंटीवायरस बेसिक (Norton Antivirus Basic)
  • एफ – सिक्योर एंटीवायरस सेफ (F-Secure Antivirus SAFE)

एंटीवायरस से सम्बंधित सामान्य प्रश्न

कंप्यूटर एंटीवायरस क्या है?

कंप्यूटर एंटीवायरस एक सॉफ्टवेयर प्रोग्राम होता है जो कंप्यूटर में हानिकारक वायरस को ढूंढ़कर नष्ट करता है.

एंटीवायरस के उपयोग क्या हैं?

एंटीवायरस हानिकारक वायरस से कंप्यूटर की रक्षा करने के साथ – साथ, कंप्यूटर के डेटा और फाइलों कि सुरक्षा करता है.

पहला एंटीवायरस किसने बनाया?

पहला एंटीवायरस Ray Tomlinson ने 80 दशक के अंत में बनाया जिसका नाम द रीपर (The Reaper) था. यह एंटीवायरस क्रीपर वायरस को नष्ट करने के लिए बनाया गया था.

एंटीवायरस को कैसे बनाया जाता है?

एंटीवायरस को कोडिंग के द्वारा बनाया जाता है. एंटीवायरस बनाने के लिए C++ कोडिंग भाषा का ज्ञान होना जरुरी है.

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आपने सीखा: एंटीवायरस क्या है हिंदी में

इस लेख को पढने के बाद आप लोग समझ गए होंगे कि Antivirus Kya Hai In Hindi और कंप्यूटर के लिए यह महत्वपूर्ण क्यों हैं. अगर आपके कंप्यूटर में एंटीवायरस नहीं होगा तो भविष्य में आपको अपने कंप्यूटर में अनेक सारे दुष्परिणाम देखने को मिलेंगे. क्योंकि इन्टरनेट surfing के दौरान अनेक सारे वायरस कंप्यूटर में आ जाते हैं. इसलिए आप भी कंप्यूटर में एंटीवायरस का इस्तेमाल जरुर करें.

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